जियो का हल्ला है. भरता लाला का गल्ला है.
स्मार्टफोन स्वामियों के लिए नए किस्म का लड्डू मार्केट में आया है. जियो का फ्री सिम. दिसंबर तक फ्री 4 जी इंटरनेट और फ्री वॉइस कॉलिंग. कॉल ड्रॉप बहुत हैं, पर इंटरनेट टनाटन चल रहा है. ये सिम जिसे मिला, वो ये सोच के पगलाया कि क्या-क्या डाउनलोड कर डालूं. जिसे नहीं मिला वो तो बौराया है ही.लेकिन इस बौराहट का इस्तेमाल करके कुछ लोग आपको ठग रहे हैं. चूंकि इंसान की फितरत है. जो नहीं मिलता, उसे गूगल पर ढूंढता है. तो अगर आप भी इंटरनेट पर 'फ्री जियो सिम' तलाश रहे हैं, तो आपके साथ धोखा हो सकता है.इस बीच कुछ वेबसाइट मार्केट में आई हैं जो फ्री जियो सिम देने का वादा कर रही हैं. ऐसी ही एक वेबसाइट है reliance4g-free.com. दावा है कि तीन सिंपल स्टेप में जियो सिम आपका हो जाए.
स्टेप 1
आप इस वेबसाइट पर जाएंगे तो आपका मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी मांगा जाएगा.
स्टेप 2
फिर आप अगले स्टेप पर बढ़ेंगे, जहां कहा जाएगा कि इसे व्हॉट्सएप पर शेयर कीजिए, ताकि आपके दोस्त भी इस ऑफर का फायदा ले सकें.
स्टेप 3
फिर जब आप फाइनल स्टेप पर पहुंचेंगे तो आपके सामने कुछ और ही आ जाएगा. 'मिक्स म्यूजिक' का ऐड ऑन जोड़ने का ऑप्शन. लेकिन अब आप कुछ कर नहीं सकते. आपका फोन नंबर और ईमेल आईडी ले लिया गया.
ये सारी कवायद आपका फोन नंबर और ईमेल आईडी चुराने के लिए है. जानकारी इस वक्त बड़ा हथियार है. आने वाले समय में इसकी कीमत और बढ़ेगी. हर कंपनी को मार्केटिंग के लिए लोगों के प्रोफाइल डिटेल्स, फोन नंबर वगैरह की जरूरत होती है. रिलायंस वाले वोडा यूजर्स को SMS-कॉल करके सेंध लगाते हैं और वोडा वाले एयरेट यूजर्स में. इसके लिए वे कई चोर कंपनियों से बड़े-बड़े डेटाबेस खरीदती हैं, जिसमें लाखों लोगों के फोन नंबर और ईमेल आईडी होते हैं. ये फ्री जियो सिम का दावा करने वाली वेबसाइट डेटाबेस चुराने वालों की ही करतूत है. इनके चक्कर में मत पड़िए.जो चीज मार्केट में हिट है, उसे ध्यान में रखते हुए ये जाल बुना जाता है. इससे पहले जब सरकार LED लाइट लेकर आई थी, तो कुछ लोग इसी तरह फ्री LED के नाम पर आपका डेटा चुरा रहे थे. ये काम बहुत आसान है. कुछ चालाक इंडिविजुअल्स ये काम करते हैं. एक डोमेन नेम 200-300 रुपये में मिल जाता है. आप उनकी साइट पर पहुंचेंगे तो पहले दी जाएगी बधाई. फिर कहेंगे कि आप फलां फलां प्राइज जीत गए हैं. लेकिन उसे लेने के लिए आपको ये मैसेज 5 व्हॉट्सएप ग्रुप में शेयर करना है. आप ऐसा करते भी हैं. फिर उन ग्रुप्स के लोग इस लिंक पर जाकर अपनी जानकारी डाल आते हैं. इस तरह ये स्पैम फैलता जाता है और बहुत कम खर्चे में लाखों लोगों का एक डेटाबेस इन चालाक चोरों के पास बन जाता है. आपको जो बिल्डर प्लॉट और फ्लैट के मैसेज करते हैं, वो रैंडम नंबर्स पर नहीं किए जाते. वे लोग ऐसे ही लोगों से नंबरों का डेटाबेस खरीदते हैं.
कैसे पता लगाएं फर्जीवाड़ा
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पहले तो वेबसाइट के URL से ही पता लग जाएगा. रिलायंस वाले जियो सिम बांटेंगे तो वो उनकी वेबसाइट Rcom.co.in के आगे स्लैश (/) के साथ लिखा होगा. तो आप वेब URL को ही ठीक से देखें तो पकड़ सकते हैं.2
दूसरा, वेबसाइट को बैक ट्रैक कर सकते हैं. कि इस वेबसाइट का URL किसने और कब बुक किया और ये कब एक्सपायर होगा. इसलिए. हौले हौले चलो भैया. सिम तो कद्दू मिलेगा. प्राइवेसी गंवा बैठोगे, सो अलग! साभार: SMHoax Slayerये भी पढ़ लो: व्हाट्एप ने अब तक का सबसे वाहियात फीचर लॉन्च कर दिया है जियो रे रिलायंस के लाला! JIO के बारे में सारी बातें यहां जानिए रिलायंस JIO 4G से ये 5 काम करेंगे जुगाड़ू इंडियन एयरटेल बोले JIO से: तुमसे न हो पाएगा जियो सिम छोड़ो, रेल का टिकट ले लो, वहां भी 4G मिलेगा