क्या खटमल राष्ट्रीय समस्या बन सकते हैं? फ्रांस वालों से पूछेंगे तो इसका जवाब ‘हां’ में भी मिल सकता है. इन दिनों पेरिस खटमलों से परेशान है (bedbug crisis in Paris). यहां मेट्रो, एयरपोर्ट, सिनेमा हॉल, होटल - हर जगह खटमल ही खटमल फैले हुए हैं. समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि महामारी फैलने का खतरा बना हुआ है. अधिकारियों को इमरजेंसी मीटिंग बुलानी पड़ी है. खटमलों को खत्म करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है. मंत्री धड़ाधड़ बयान जारी कर रहे हैं. जी हां. ये सब हो रहा है सिर्फ और सिर्फ अदने से खटमल के चलते.
खटमलों के आतंक से Olympic Games 2024 बर्बाद होने का डर, प्रधानमंत्री को लिखी गई चिट्ठी
लोग मेट्रो में खड़े-खड़े चल रहे हैं. एमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई है. प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी गई है. विपक्ष हमलावर है.

दरअसल 2024 में फ्रांस Olympic Games की मेजबानी कर रहा है. ऐसे में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि खटमल विदेशी खिलाड़ियों को रडार पर न ले लें. दिक्कत ये है कि खटमल गांव-देहात के साथ-साथ राजधानी पेरिस को भी चपेट में ले चुके हैं. और ओलंपिक खेलों का आयोजन पेरिस में ही होना है.
‘खटमल घर तक आ जाएंगे’पेरिस के डिप्टी मेयर इमैनुएल ग्रेगोइरे ने कह दिया है कि कोई भी इस खतरे से पूरी तरह सुरक्षित नहीं है. उन्होंने एक प्रेस रिलीज़ में कहा,
“आप कहीं भी खटमल के शिकार हो सकते हैं. एक बार खटमल आपसे लगे, तो आपके साथ वो आपके घर तक आ जाएंगे.”
अगर आपको ये बात अब भी मज़ाक लग रही हो, तो ग्रेगोइरे के एक और बयान पर गौर कीजिए. उन्होंने फ्रांस की सरकारी रेडियो सेवा ‘फ्रांस इन्फो’ से कहा,
‘’खटमलों के चलते हुई बीमारियों के इलाज को बीमा कवर में शामिल किया जाना चाहिए. इससे उन लोगों को मदद मिलेगी जो खटमलों के काटने से बीमार हुए, लेकिन अपना इलाज कराने में असमर्थ हैं.''
खटमलों की बढ़ती आबादी ने फ्रांस के परिवहन मंत्री के भी कान खड़े कर दिए हैं. उन्होंने मीडिया से कहा कि चाहे जो भी हो, हम इस समस्या से निपटने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. हम हर हाल में यात्रियों को सुरक्षा मुहैया कराएंगे.
तीन साल हो गए, खटमलों का इलाज नहीं मिलापेरिस में खटमलों का आतंक कोई नई बात नहीं है. तीन साल पहले भी खटमलों को लेकर हंगामा हुआ था. जिसके जवाब में फ्रांसीसी सरकार ने एक डेडिकेटेड वेबसाइट और इनफार्मेशन हॉटलाइन के साथ खटमल विरोधी अभियान शुरू किया था. चूंकि अब ओलंपिक सिर पर है, इसीलिए हंगामा भी इस बार बड़ा है. बीते दिनों खटमल मेट्रो में मिले, तो लोग सीट पर बैठने से परहेज़ करने लगे थे. पेरिस सिटी हॉल के सदस्यों ने तो प्रधानमंत्री एलिज़ाबेथ बॉर्न को चिट्ठी लिखकर कह दिया है कि वो इस समस्या को लेकर कदम उठाएं.
खटमलों को लेकर फ्रांस की बाकी पार्टियां भी मुखर हैं. 'ला फ्रांस इंसूमीज़ ग्रुप' पार्टी की अध्यक्ष मैथिल्डे पैनट ने बयान दिया है,
1950 के बाद ऐसी नौबत''तीन साल पहले जब मैंने खटमलों को लेकर एक नेशनल एमरजेंसी प्लान बनाने की मांग की थी, तब लोग मुझपर हंस दिए थे.''
फ्रांस में 1950 में कुछ इसी तरह खटमलों के प्रकोप के बाद महामारी फैल गई थी. उसके बाद कुछ दिन के लिए खटमल घरों से गायब हो गए. लेकिन अब अचानक उनकी संख्या में भारी इजाफा हुआ और यह समस्या विकराल हो गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि खटमलों के काटने से डिप्रेशन, एंग्जाइटी से लेकर अन्य बीमारियां हो सकती हैं. स्किन इन्फेक्शन का भी खतरा रहता है.
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ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहे सचेंद्र सिंह ने लिखी है.