रिटायर्ड IPS अधिकारी किशोर कुणाल का निधन हो गया. उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया. उन्होंने पटना में अंतिम सांस ली. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किशोर कुणाल के निधन पर शोक व्यक्त किया है. वह 1972 बैच के IPS अधिकारी थे और बिहार स्टेट बोर्ड ऑफ रिलीजियस ट्रस्ट (BSBRT) के प्रमुख रहे.
पूर्व IPS कुणाल किशोर का निधन, राम मंदिर विवाद में वीपी सिंह ने दी थी बड़ी जिम्मेदारी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किशोर कुणाल के निधन पर शोक व्यक्त किया है.


पुलिस की नौकरी के दौरान वो पहले गुजरात के कई जिलों में पुलिस महकमे में अधिकारी के पद पर रहे. 1983 में उन्हें पदोन्नति मिली और पटना में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के रूप में तैनात किया गया. इसके बाद 1990 से 1994 तक उन्होंने गृह मंत्रालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) के रूप में काम किया. अपने विस्तृत पुलिसिंग करियर के बाद उन्होंने 2001 में सेवानिवृत्ति ले ली.
राम जन्मभूमि मंदिर विवाद में अहम भूमिकाकिशोर कुणाल राम मंदिर ट्रस्ट के संस्थापकों में से एक है. इसके अलावा भी अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद में अहम भूमिका में रहे. जब वी.पी. सिंह की सरकार बनी तो उन्होंने अयोध्या विवाद से निपटने के लिए 1990 में गृह राज्य मंत्री के नेतृत्व में 'अयोध्या सेल' की स्थापना की थी. कुणाल को इसके कामकाज में सहायता के लिए 'विशेष कार्य अधिकारी' नियुक्त किया गया था. इसका मूल काम था विश्व हिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थता कराना. यह सेल चंद्रशेखर की सरकार (नवंबर 1990-मार्च 1991) के अधीन जारी रहा.
सेवा निवृत्ति के बाद वो सामाजिक कार्यों में जुटे. पुलिस से रिटायर होने के बाद उन्होंने 2000 में केएसडी संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति का पदभार संभाला. उन्होंने 2004 तक ये जिम्मेदारी संभाली. इसके बाद उन्होंने बिहार स्टेट बोर्ड ऑफ रिलीजियस ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. कुणाल महावीर मंदिर ट्रस्ट, पटना के सचिव भी थे, और इससे पहले महावीर आरोग्य संस्थान के सचिव के पद पर भी रहे. वह बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष थे. साथ ही वह पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर से भी जुड़े थे. महावीर मंदिर न्यास बोर्ड, पटना में कई स्कूल और एक कैंसर अस्पताल चलाता है. किशोर कुणाल पटना के प्रसिद्ध स्कूल ज्ञान निकेतन के संस्थापक भी थे.
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