महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक बार फिर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार पर निशाना साधा है. शिंदे ने कहा कि जब भी मामला हिंदुत्व, वीर सावरकर या दाऊद इब्राहिम और मुंबई ब्लास्ट का आता था, तब शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाडी सरकार फैसला नहीं ले पाती थी.
एकनाथ शिंदे का दावा- जब भी दाऊद इब्राहिम का मामला आया, उद्धव सरकार फैसला नहीं ले सकी
एकनाथ शिंदे ने कहा, 'मामला हिंदुत्व का हो, सावरकर का हो, मुंबई विस्फोट का या फिर दाऊद इब्राहिम का, उद्धव सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती थी.'
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में एकनाथ शिंदे ने कहा,
'मैंने हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ाने का फैसला किया. अगर 50 विधायकों ने ये फैसला किया, तो जरूर बड़ी वजह होगी. कोई छोटी सी वजह के लिए इतना बड़ा कदम नहीं उठाता. यहां तक की पार्षद भी ऐसे कदम नहीं उठाते.'
उन्होंने आगे कहा,
'2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने साथ चुनाव लड़ा. लेकिन सरकार बनाई एनसीपी और कांग्रेस के साथ. इस वजह से जब भी मामला हिंदुत्व, सावरकर, मुंबई विस्फोट और दाऊद इब्राहिम का आया, हम फैसले लेने में असमर्थ रहे.'
एकनाथ शिंदे ने दाऊद का जिक्र महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को लेकर किया. मलिक को इस साल फरवरी में दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था. सीएम एकनाथ शिंद ने इससे पहले भी कहा था कि बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना उन लोगों का समर्थन कैसे कर सकती है, जिन पर मुंबई बम विस्फोट के दोषी दाऊद इब्राहिम के साथ संबंध रखने का आरोप लगा है.
एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के उस बयान का भी जवाब दिया जिसमें शिवसेना प्रमुख ने कहा था कि बीजेपी कहती थी कि महा विकास अघाडी सरकार तीन पहियों की सरकार है, लेकिन अब सरकार ऐसा व्यक्ति चला रहा है, जो ऑटो चलाता था. शिंदे ने कहा कि ऑटो रिक्शा ने मसिर्डीज को पीछे छोड़ दिया है, क्योंकि उनकी सरकार आम लोगों की है और इसमें सभी को न्याय मिलेगा.
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