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इंडिया का वो बॉलर जो अपने बॉलिंग एक्शन के लिए मशहूर हुआ

आज जन्मदिन है इस फास्ट बॉलर का.

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जवागल श्रीनाथ की गेंदबाजी को साथ मिला था उड़ीसा से आए देबाशीष मोहंती का.
एक दौर था जब श्रीलंका का डंका वर्ल्ड क्रिकेट में बज रहा था. सनथ जयसूर्या के हाथ में बल्ला नहीं तलवार होती थी. हर गेंद को बाउंड्री पार पहुंचाने का हुनर इस बल्लेबाज के पास था. ये वो वक्त है जब श्रीलंका की टीम 1996 का वर्ल्ड कप जीतकर लौटी थी और इंडिया की टीम श्रीलंका टेस्ट सीरीज खेलने पहुंची थी. पहला टेस्ट. कोलंबो में. इंडिया के 537/8 के जवाब में जयसूर्या ने 340 रनों की पारी खेली. रोशन महानामा ने 225 रनों की पारी खेलकर स्कोर को 952/6 पहुंचा दिया. ये किसी भी टेस्ट पारी में किसी टीम का सबसे बड़ा स्कोर है.
अगला टेस्ट कोलंबो में था. श्रीलंका का वही बैटिंग लाइन अप था. मगर इंडिया के प्लेइंग इलेवन में एक खास बदलाव था. बदलाव ये कि एक खास गेंदबाज को टीम में शामिल किया गया था. नाम देबाशीष मोहंती. अपनी स्विंग बॉलिंग से अपने पहले ही मैच में मोहंती ने जयसूर्या और महानामा को सस्ते में आउट कर दिया. मोहंती ने 20.4 ओवरों में 78 रन देकर 4 विकेट लिए. पूरी टीम 332 पर ऑल आउट हो गई. इंडिया इस मैच को भी ड्रॉ करने में सफल रही. मगर यहां ये मैच देबाशीष के इंटरनेशनल क्रिकेट में दस्तक के लिए याद रखा गया. 20 जुलाई 1976 को पैदा हुए इस तेज गेंदबाज को उतने मौके नहीं मिले जितने इसे मिलने चाहिए थे. मगर वो जितना खेला, उसी में कई यादें दे गया.
Debo Mohanty
उड़ीसा से इस स्तर पर क्रिकेट खेलने वालों में मोहंती का नाम सबसे पहले आता है.

उड़ीसा से आया ये बॉलर अपनी हाइट और अपने अनोखे एक्शन के लिए भी मशहूर हुआ. टीम जब अगले महीने यानी सितंबर 1997 में जब पाकिस्तान के साथ कनाडा में 5 वनडे की सीरीज खेली तो मोहंती टीम के खास हथियार थे. पहले ही मैच में पहली विकेट मोहंती ने ली. आउट किया सईद अनवर को. 2 के स्कोर पर बोल्ड मारा. मोहंती ने 7 ओवरों में 22 रन देकर 1 विकेट लिया.
यहां एक किस्सा सचिन तेंडुलकर उस सीरीज के बारे में एक शो व्हाट द डक में बताते हैं कि देबाशीष हर मैच में पाकिस्तान के सईद अनवर को आउट कर रहे थे. ये 1997 का सहारा फ्रेंडशिप कप था. तब एक इंवेंट में अनवर सचिन के पास आए और पूछा कि यार बाकी सब तो ठीक है मगर तुम्हारा वो बॉलर मोहंती है उसे कैसे खेलूं. उसका एक्शन ही ऐसा है कि मानो वो सामने आकर पूछता है कि पता है कि मैं क्या डालने वाला हूं. उसके एक्शन में ही सवालिया निशान लगता है. बाहर जाने वाली गेंद अंदर की ओर आती है और अंदर वाली बाहर निकलती है." यही मोहंती की गेंदबाजी की खासियत रही.
मोहंती का एक वीडियो भी देखिए:

मोहंती का एक और मैच क्रिकेट स्मृतियों में है. ये था 1999 का वर्ल्ड कप. इंग्लैंड में. यहां केन्या के खिलाफ मैच में मोहंती ने 56 रन देकर 4 विकेट लिए. ये इस फास्ट बॉलर का बेस्ट बॉलिंग फिगर था. मोहंती ने वर्ल्ड कप में 10 विकेट लिए. इंडिया की तरफ से दूसरा सफल गेंदबाज. मोहंती ने अपने करियर में 45 वनडे और 2 टेस्ट मैच खेले. बाद में अजीत अगरकर को मौके मिलने लगे और मोहंती टीम में वापसी नहीं कर पाए. बेहतरीन फर्स्ट क्लास करियर वाले मोहंती ने 117 मैचों में 417 विकेट लिए. 2011 में मोहंती ओडिसा रणजी टीम के कोच भी बने.


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