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कोविड की तीसरी लहर की आहट! तबाही मचाने वाले डेल्टा से भी खतरनाक वेरिएंट का पता लगा

भारत सरकार ने कोविड के नए वेरिएंट को लेकर अलर्ट जारी किया है

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(प्रतीकात्मक तस्वीर: एपी)
क्या देश में कोविड-19 की तीसरी लहर दस्तक देने वाली है? यह सवाल इसलिए क्योंकि कोविड के एक बेहद खतरनाक वेरिएंट का पता लगा है और इसे लेकर भारत सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है. सरकार ने बाहर से आने वाले यात्रियों की कड़ी टेस्टिंग करने को कहा है. गुरुवार 25 नवंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में यह निर्देश दिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने पत्र में कहा है कि दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना में कोविड का नया और बेहद खतरनाक B.1.1.1.529 वेरिएंट मिला है. इसलिए इन देशों से या इन देशों के रास्ते भारत आने वाले सभी यात्रियों की कड़ी टेस्टिंग की जाए. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने पत्र में कहा,
"इस वेरिएंट में काफी अधिक संख्या में म्यूटेशन होने की सूचना है. हाल ही में भारत में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए वीजा प्रतिबंधों में ढील दी गई है, ऐसे में इस नए वेरिएंट के गंभीर प्रभाव सामने आ सकते हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि इन देशों से भारत की यात्रा करने वाले या इन देशों के रास्ते भारत आने वाले सभी यात्रियों की बारीकी से ट्रैकिंग और टेस्टिंग की जाए. इनमें उन देशों से आने वाले यात्री भी शामिल होंगे, जिन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय ने 11 नवंबर, 2021 को अपने संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत जोखिम वाले देशों में शामिल किया था."
राजेश भूषण ने सभी राज्यों को यह निर्देश भी दिया है कि जैसे ही किसी व्यक्ति के इस नए वेरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हो, तो नमूने को तुरंत जीनोम सीक्वेंसिंग लैब में भेजा जाए. B.1.1.1.529  वेरिएंट के अब तक कितने मामले मिले कोविड के B.1.1.1.529  वेरिएंट ने सबसे ज्यादा खलबली दक्षिण अफ्रीका में मचाई है. इंडिया टुडे के मुताबिक यहां इससे जुड़े 100 से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है. इसके अलावा नए वैरिएंट के बोत्सवाना में 3 और हांगकांग में 1 मामला सामने आया है. दक्षिण अफ्रीका की स्वास्थ्य एजेंसी 'द नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज' (NICD) के मुताबिक यह वेरिएंट ज्यादा संक्रामक हो सकता है. इसलिए सरकार ने सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं को तत्काल जीनोम सिक्वेंसिंग करने की सलाह दी है. ताकि यह पता चल सके कि यह वैरिएंट कितना संक्रामक, कितना खतरनाक और दुष्प्रभावी है. NICD के एक्टिंग एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रो. एड्रियन पुरेन ने कहा,
"नए वेरिएंट का डेटा अभी बहुत सीमित है, लेकिन हमारे स्वास्थ्यकर्मी और साइंटिस्ट लगातार काम कर रहे हैं. वो ये पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि ये वेरिएंट कहां से शुरू हुआ. कहां से फैला और यह कितना नुकसान पहुंचा सकता है. हम लगातार लोगों को सलाह और चेतावनियां दे रहे हैं, ताकि वो कोरोना संक्रमण से बचे रहें."
उधर, लंदन स्थित यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के निदेशक फ्रेंकोइस बॉलौक्स ने अपने एक बयान में कहा, 'नए वेरिएंट के पुराने संक्रमण से ही विकसित होने की आशंका है. हो सकता है कि यह कोविड के क्रोनिक इन्फेक्शन वाले किसी एचआईवी मरीज में बना हो.' कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि कोविड का नया वेरिएंट, इसके डेल्टा वेरिएंट से भी बुरा साबित हो सकता है, डेल्टा वेरिएंट को भारत में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार बताया गया था. हजारों लोगों ने अपनी जान गवाई थी. ऐसे में डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक माने जा रहे B.1.1.1.529 वेरिएंट से भारत को और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.