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चंडीगढ़ निकाय चुनाव में AAP ने सबसे ज्यादा सीटें जीतकर तहलका मचा दिया

पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले AAP की ये जीत BJP और कांग्रेस को डराने वाली है.

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चंडीगढ़ निकाय चुनाव से जुड़ी तस्वीरें. (साभार- पीटीआई)
चंडीगढ़ निकाय चुनाव (Chandigarh Municipal Corporation Elections) के परिणाम घोषित हो गए हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) सबसे बड़ा राजनीतिक दल बनकर उभरी है. वहीं पिछली बार की विजेता BJP इस बार दूसरे नंबर पर पिछड़ गई है. 35 वार्डों के लिए हुए निकाय चुनाव के नतीजे आते ही आम आदमी पार्टी के दफ्तर में खुशी की लहर दौड़ गई. हालांकि वो बहुमत के लिए जरूरी सीटों पर कब्जा नहीं कर पाई है. किसने कितनी सीटें जीतीं? आजतक के मंजीत सहगल की रिपोर्ट के मुताबिक, आम आदमी पार्टी को 35 में से 14 सीटों पर जीत मिली है. यानी चुनाव में जीत हासिल करने के लिए जरूरी 18 सीटों के आंकड़े को वो नहीं छू पाई है. ऐसे में उसे बाहरी समर्थन की जरूरत पड़ेगी. लेकिन दिक्कत ये है कि विरोधी BJP और कांग्रेस ने इतनी सीटें तो जीत ही ली हैं कि AAP के लिए 4 और सीटों का जुगाड़ करना बहुत ज्यादा मुश्किल लगता है. बता दें कि चुनाव परिणामों में दूसरे नंबर रही BJP ने 13 सीटों पर कब्जा किया है. वहीं कांग्रेस के खाते में 7 सीटें गई हैं. और अकाली दल को सबसे कम एक सीटी मिली है. यानी कुल 21 सीटें इन तीनों पार्टियों के नाम हुई हैं. क्या बोले केजरीवाल? चुनाव परिणाम आने के बाद AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर खुशी जाहिर करते हुए कहा,
"चंडीगढ़ नगर निगम में आम आदमी पार्टी की ये जीत पंजाब में आने वाले बदलाव का संकेत है. चंडीगढ़ के लोगों ने आज भ्रष्ट राजनीति को नकारते हुए AAP की ईमानदार राजनीति को चुना है"
वहीं दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट कर कहा,
"चंडीगढ़ के लोगों ने आज अरविंद केजरीवाल जी की राजनीति में, उनके नेतृत्व में भरोसा जताया है. इसके लिए चंडीगढ़ के एक-एक वोटर का तहेदिल से शुक्रिया. ये जीत संकेत है कि अगर विकल्प हो तो लोग ‘ईमानदारी और काम करने वाली राजनीति’ को मौक़ा देना चाहते हैं."
सिसोदिया के अलावा पंजाब में AAP के सह प्रभारी राघव चड्ढा ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा,
"मैं AAP और अरविंद केजरीवाल की ओर से चंडीगढ़ के लोगों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हमारी छोटी व ईमानदार पार्टी को इतना प्यार और विश्वास दिया, जिसने यहां पहली बार चुनाव लड़ा. चंडीगढ़ सिर्फ ट्रेलर है, पंजाब फिल्म बाकी है."
पंजाब चुनाव पर क्या होगा असर? चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में AAP के बेहतरीन प्रदर्शन ने आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी अटकलों को तेज कर दिया है. AAP समर्थक तो कहने लगे हैं कि अब पंजाब विधानसभा चुनाव में भी उनका दल जीत हासिल कर सकता है. लेकिन ये कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी. इसके दो बड़े कारणों का पता लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है. पहला ये कि सीटें भले ही आम आदमी पार्टी को ज्यादा मिली हों, लेकिन मतदान के आंकड़ों के लिहाज से कांग्रेस और BJP दोनों उससे आगे दिखती हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक निकाय चुनावों में कांग्रेस ने कुल 29.79 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं. वहीं दूसरे नंबर पर रही भाजपा को 29.30 प्रतिशत वोट मिले. जबकि पहले नंबर पर रहने वाली AAP को 27.08 प्रतिशत वोट मिले हैं. दूसरी वजह ये कि निकाय चुनाव के परिणाम विधानसभा चुनावों में भी एक जैसे रहेंगे, ये बिल्कुल जरूरी नहीं है. दिल्ली के विधानसभा चुनाव इसका उदाहरण हैं. केंद्र में नरेंद्र मोदी के शक्तिशाली नेतृत्व में दो बार सरकार बनाने के बावजूद बीजेपी दिल्ली में आम आदमी पार्टी से बुरी तरह हारी है. वापस चंडीगढ़ लौटते हैं. कोई शक नहीं कि पहली बार चंडीगढ़ निकाय चुनाव लड़ते हुए 27 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हासिल करना अपनेआप में बहुत बड़ी उपलब्धि है. बीजेपी और कांग्रेस लंबे वक्त से इन निकाय चुनावों में हिस्सा ले रही हैं. इसके बावजूद AAP ने जबर्दस्त चुनावी एंट्री मारी है. इसका अंदाजा इसी बात से लगा लीजिए कि बीजेपी के मौजूदा मेयर रविकांत शर्मा, पूर्व मेयर देवेश मौदगिल और राजेश कालिया को तक को हार का सामना करना पड़ा है.