The Lallantop

अपनी ही बेटियों की हत्या का आरोप लगा...11 साल जेल में रहा, अब मिली जमानत, ये केस दिमाग हिला देगा!

Calcutta High Court ने 11 साल 7 महीने से हिरासत में रह रहे एक शख्स को बेल दे दी है. शख्स पर अपनी ही दो बेटियों के कत्ल (Father Accused of Killing Two Daughters) करने और उनके शव को रोड किनारे फेंक देने का आरोप है.

Advertisement
post-main-image
11 साल ट्रायल के बाद हत्या का आरोपी पिता बरी (तस्वीर: इंडिया टुडे)

कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने 11 साल से हिरासत में रह रहे एक शख्स इश्तियाक अहमद इलियासी को बेल दे दी है. शख्स पर अपनी ही दो बेटियों के कत्ल करने और उनके शव को सड़क किनारे फेंक देने का आरोप है. कोर्ट ने सजा की मांग करने वाले पक्ष द्वारा अस्पष्ट देरी और अत्यधिक धीमे ट्रायल किये जाने के कारण आरोपी पिता को अंतरिम जमानत दी है. आरोपी इलियासी की गिरफ्तारी फरवरी 2013 में हुई थी.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement
क्या है इस केस की कहानी?

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मामले पर पहली शिकायत जगन्नाथ राय नाम के टैक्सी ड्राइवर ने कराई थी. 25 जून 2012 की रोज जगन्नाथ धकुरिया स्टेशन क्रॉसिंग के पास, सड़क किनारे स्थित होटल में बैठकर खाना खा रहा था. दावे के अनुसार उसने दो लोगों को सिंथेटिक बैंग में कुछ फेंकते हुए देखा था. दोनों बैग को KMC (कोलकाता मुनिसिपल कॉर्पोरेशन) के कूड़ेदान में फेंक गए थे. प्लास्टिक के बैग से तीखी दुर्गंध आने के कारण जगन्नाथ को शक हुआ. पास जा कर देखने पर उसे बच्ची का कटा सिर मिला था.

राव के बयान के अनुसार उसकी शिकायत पर लेक पुलिस स्टेशन ने मामले को दर्ज कर लिया. मामले की पेचीदगी को देखते हुए पुलिस ने मामले को ‘होमिसाइड स्कॉड ऑफ दि डिटेक्टिव डिपार्टमेंट ऑफ कोलकाता पुलिस’ को ट्रांसफर कर दिया. आमतौर पर पुलिस की ये यूनिट मर्डर जैसे मामलों को हैंडल करती है.  11 फरवरी 2013 के दिन आरोपी इश्तियाक अहमद इलियासी की गिरफ्तारी भी हो गई.

Advertisement
जब पुलिस को दूसरा शव मिला

इसी दौरान पुलिस को 24 जनवरी, 2013 को एक और शिकायत मिली. ये शिकायत SK मुन्ना नाम के शख्स ने कराई थी. शिकायत के मुताबिक उसे पार्क सर्कस रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म पर, 9-10 साल की बच्ची की लाश मिली. लाश एक प्लास्टिक बैग में रखी गई थी. शिकायत मिलने पर बालीगंज रेलवे पुलिस ने रिपोर्ट दायर कर ली थी.

मामले की जांच में सामने आया कि दोनों ही मृत बच्चियां आरोपी इश्तियाक अहमद इलियास की ही बेटी हैं. दोनों इलियास की दूसरी शादी से हुई थी. मामले की जांच कर रहे ऑफिसर के अनुरोध पर अलीपुर के मजिस्ट्रेट ने इन दोनों केस को मर्ज करने का आदेश दिया.

6 मई 2013 के दिन इस केस की चार्जशीट दायर की गई. आरोपी पिता को IPC की धारा 302 और 201 के तहत आरोपी बनाया गया. मामले की जल्द सुनवाई के लिए केस को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पास भेजा गया.

Advertisement

लेकिन सालों बीत जाने पर सुनवाई से कोई नतीजा नहीं मिला. सुनवाई के दौरान आरोपी पिता के वकील ने दलील दी कि चार्जशीट में 35 गवाहों का हवाला दिया गया था लेकिन अभी तक 28 गवाहों की गवाही ही पूरी हो पाई है. जिससे इस केस के निकट भविष्य में पूरे होने की संभावना नहीं है.

ये भी पढ़ें - यूपी में कब्र से बाहर मिला इमाम का शव, कोई सिर काट कर ले गया

इसके अलावा आरोपी पिता इश्तियाक अहमद इलियासी ने अपनी सफाई में कहा कि उसे “आधारहीन और मनगढ़ंत” आरोपों के आधार पर फंसाया गया है. साथ ही उसने कहा कि लंबे समय तक हिरासत में रहने से वह सामाजिक रूप से बर्बाद हो गया है और उसके परिवार को भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है.

कलकत्ता हाई कोर्ट ने क्या कहा?

तमाम दलीलें सुनने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट में जस्टिस अरिजीत बैनर्जी और जस्टिस अपूर्बा सिन्हा रे की बेंच ने सितंबर 24 के दिन अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि "कई अवसर मिलने के बावजूद सजा की मांग करने वाले पक्ष समय पर गवाहियों को पूरा नहीं कर सका है, जिससे आरोपी को लगातार कस्टडी में रखा गया, इससे न्याय की भारी हानि हुई''. 

कोर्ट ने कहा कि आरोपी इश्तियाक अहमद इलियासी 11 साल 7 महीने हिरासत में रहा. अभी भी 2 गवाहों का क्रॉस एग्जामिन होना बाकी है. कोर्ट ने आगे बताया कि राज्य सरकार ने 7 मई के दिन 1 महीने में ट्रायल खत्म होने की बात कही थी लेकिन अभी भी कोई नतीजा नहीं निकला. तमाम टिप्पणियों के बाद कोर्ट ने इश्तियाक अहमद इलियासी को नवंबर के अंत तक जमानत देने का फैसला सुनाया है.

साल 2013 में हाईकोर्ट ने आरोपी द्वारा बेल की मांग को ठुकरा दिया गया था. इसके अलावा इसी साल मार्च महीने में लोअर कोर्ट ने भी बेल की मांग को ठुकरा दिया था लेकिन अब कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरोपी की बेल ग्रांट कर दी है.

वीडियो: Constable ने Overspeeding के लिए रोका तो 10 मीटर तक घसीट दिया

Advertisement