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BBC डॉक्यूमेंट्री पर JNU के बाद जामिया और पंजाब यूनिवर्सिटी में क्या बवाल हो गया?

छात्रों के हिरासत में जाने के बाद जामिया में स्क्रीनिंग रोकी गई.

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जामिया (बाएं) और पंजाब यूनिवर्सिटी में खड़े छात्र (फोटो- इंडिया टुडे)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर BBC की डॉक्यूमेंट्री 'द मोदी क्वेश्चन' (The Modi Question) को लेकर देश के कई विश्वविद्यालयों में बवाल शुरू हो गया है. डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर पहले दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हंगामा हुआ. छात्रों पर पत्थरबाजी तक हुई. अब जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर विवाद हो गया. छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने 25 जनवरी की शाम 6 बजे फिल्म दिखाने की घोषणा की थी. लेकिन उससे पहले संगठन के सात छात्रों को हिरासत में लिया गया. इसके बाद SFI ने कहा कि फिल्म की स्क्रीनिंग तब तक नहीं होगी जब तक छात्रों को रिहा नहीं किया जाएगा.

फिल्म स्क्रीनिंग से पहले यूनिवर्सिटी कैंपस के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थे. जामिया प्रशासन ने स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी थी. प्रशासन ने आयोजकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी थी. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक बयान जारी कर कहा, 

“यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पहले सर्कुलर जारी किया था. फिर से दोहराया जा रहा है कि कैंपस में किसी तरह की स्टूडेंट गैदरिंग या फिल्म की स्क्रीनिंग प्रशासन की अनुमति के बिना आयोजित नहीं होगी. इसका उल्लंघन करने पर आयोजकों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.”

छात्रों को हिरासत में लिए जाने के बाद संगठन ने यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रदर्शन किया. संगठन का आरोप है कि छात्रों के मोबाइल फोन छीन लिए गए. वहीं यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने कहा कि SFI कैंपस के माहौल को खराब करना चाहता है, इसकी अनुमति कभी नहीं दी जाएगी.

पंजाब यूनिवर्सिटी में रोकी गई स्क्रीनिंग

25 जनवरी को पंजाब यूनिवर्सिटी में भी इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई. इस स्क्रीनिंग का आयोजन कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI ने किया था. हालांकि फिल्म के बीच में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसे रोक दिया.

इससे पहले 24 जनवरी को JNU में फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर काफी विवाद हुआ था. JNU छात्र संघ ने फिल्म स्क्रीनिंग की घोषणा की थी. लेकिन प्रशासन ने स्क्रीनिंग पर रोक का आदेश जारी किया. इसके बावजूद छात्र नहीं माने. रात में जब डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग शुरू होनी थी उससे ठीक पहले प्रशासन ने बिजली काट दी थी. छात्रों ने आरोप लगाया कि ये स्क्रीनिंग रोकने के लिए किया गया. छात्र फिर भी नहीं रुके. कई छात्र एकसाथ बैठकर मोबाइल और लैपटॉप में फिल्म देखने लगे. इसी दौरान उन पर पत्थरबाजी भी हुई.

सरकार ने फिल्म को बताया प्रोपेगैंडा

दो एपिसोड वाली इस डॉक्यूमेंट्री में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक सफर को दिखाया गया है. फिल्म पर विवाद इसलिए हो रहा है क्योंकि इसमें 2002 के गुजरात दंगों के दौरान नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं. उस दौरान मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. BBC डॉक्यूमेंट्री का पहला हिस्सा 17 जनवरी को रिलीज हुआ था. वहीं दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को प्रसारित हुआ. हालांकि ये डॉक्यूमेंट्री भारत में रिलीज नहीं हुई है.

भारत सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को 'प्रोपेगैंडा पीस' बताया था. पहला हिस्सा रिलीज होने के बाद ही सरकार ने डॉक्यूमेंट्री के लिंक्स को ट्विटर और यूट्यूब से हटाने के निर्देश जारी किए थे.

वीडियो: BBC की 'इंडिया- द मोदी क्वेश्चन' पर क्या बोले आनंद पटवर्धन