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अरविंद केजरीवाल को जमानत नहीं, 6 दिन ED की हिरासत में रहेंगे

ED ने 10 दिन की रिमांड मांगी थी. जांच एजेंसी ने केजरीवाल को कथित शराब घोटाले का 'सरगना' बताया है. हालांकि लेकिन केजरीवाल के वकीलों ने इसका विरोध किया था.

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21 मार्च की देर शाम अरविंद केजरीवाल को उनके आवास से गिरफ़्तार किया गया था. (फ़ोटो - ANI)

दिल्ली शराब नीति में हुए कथित घोटाले के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को 6 दिन की ED हिरासत में भेजा गया है. शुक्रवार, 22 मार्च को राऊज़ एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की रिमांड याचिका पर ये फैसला सुनाया. अरविंद केजरीवाल को एक दिन पहले उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था. ED ने 10 दिन की रिमांड मांगी थी. अब 28 मार्च को केजरीवाल को कोर्ट में पेश किया जाएगा.

ED ने क्या-क्या आरोप लगाए?

- केजरीवाल इस घोटाले के ‘सरगना’ हैं. वे सीधे तौर पर नीति बनाने की प्रक्रिया में शामिल थे. 

- केजरीवाल ने रिश्वत ले कर कुछ ख़ास लोगों का पक्ष लिया है. अपराध की आय का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी के गोवा चुनावों के लिए किया गया था. अलग-अलग लोगों को बहुत सारे पैसे दिए गए थे. हवाला के ज़रिए गोवा में 45 करोड़ ट्रांसफर किए गए.

- घोटाले का आरोपी विजय नायर केजरीवाल के लिए काम कर रहे थे. वे केजरीवाल के घर के पास एक घर में रह रहे थे.

- सिसोदिया के सचिव ने हमें बताया कि 2021 में सिसोदिया ने उन्हें केजरीवाल के आवास पर बुलाया था.

- नई शराब नीति 'साउथ ग्रुप' को दिए जाने वाले लाभ को ध्यान में रखते हुए बनाई गई

- बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक सबूत नष्ट किए गए.

केजरीवाल के वकील ने क्या कहा?

वहीं, कोर्ट में अरविंद केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विक्रम चौधरी ने गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाया. चौधरी ने कहा,

"वे कहते हैं कि मेरे (केजरीवाल) खिलाफ सभी सबूत हैं...तो फिर आपने आदर्श आचार संहिता के लागू होने का इंतजार क्यों किया? क्या आप इसका इंतजार कर रहे थे? चुनाव में हिस्सा लेना राजनेताओं का अधिकार होता है."

उन्होंने ये भी कहा कि ईडी को अपना मास्क हटाना चाहिए और सबको बताना चाहिए कि वो किसका प्रतिनिधित्व कर रही है.

सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी भी केजरीवाल की तरफ से PMLA कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने ईडी की रिमांड याचिका का विरोध किया. सिंघवी ने दलील दी कि गवाहों के बयान उनकी गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकती है. उन्होंने कोर्ट से कहा,

"ये एक पैटर्न बन चुका है. आपके (ED) पास एक गवाह है, उसने पहले या दूसरे बयान में केजरीवाल का नाम नहीं लिया. फिर आप उन्हें (गवाह) गिरफ्तार करते हैं और जोर लगाकर जमानत का विरोध करते हैं. फिर वो सरकारी गवाह बन जाता है. और फिर एक दिन वो एक बढ़िया बयान देता है."

सिंघवी ने ये भी कहा कि केजरीवाल के खिलाफ गवाहों के बयान के अलावा और कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है. अगर कोई गिरफ्तार होता है और उसे आप माफ कर देते हैं तो जाहिर है कि वो किसी का नाम ले लेगा.

ये भी पढ़ें - दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल का नाम आया कैसे?

गुरुवार, 21 मार्च की देर शाम ED की एक टीम मुख्यमंत्री आवास पहुंची थी. साथ में दिल्ली पुलिस फ़ोर्स भी थी. इस पूरे घटनाक्रम से कुछ देर पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट में अरविंद की तरफ़ से हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, कि अगर वो ED के सामने पेश होंगे, तो उन्हें गिरफ़्तार न किया जाए. कोर्ट ने साफ़ कहा कि ऐसी कोई श्योरिटी नहीं दी जा सकती. तभी से ये चर्चा चलने लगी कि अरविंद केजरीवाल गिरफ़्तार हो सकते हैं.

जब ED की टीम केजरीवाल के घर पहुंची, तब पुलिस ने चारों तरफ़ सुरक्षा के इंतज़ाम पुख़्ता किए. उसके बाद उन्हें पूछताछ का समन दिया गया और घर की तलाशी ली गई. पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया.

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