बिहार के अररिया में जो पुल ढहा (Bridge Collapse), उसके ढहने की वजह एक अधिकारी ने उस नदी को ही बताया है, जिस पर पुल बना था. अररिया जिले के कुर्साकांटा और सिकटी इलाके को जोड़ने वाला ये पुल बकरा नदी पर बनाया गया था. बिहार के ग्रामीण कार्य विभाग (RWD) द्वारा लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए इस पुल को अब तक लोगों के लिए नहीं खोला गया था. मतलब उद्घाटन से पहले ही ये पुल गिर गया. वहीं इस मामले में जिस अधिकारी को निरीक्षण करने की जिम्मेदारी मिली, उन्होंने बकरा नदी की ‘प्रवृत्ति’ को पुल गिरने की वजह बताया है.
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Araria Bridge Collapse: 18 जून को बकरा नदी पर करोड़ों की लागत से बना पुल अचानक ढह गया था. इसका वीडियो भी सामने आया था.

आजतक से जुड़े अमरेंद्र सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक ये बयान ग्रामीण कार्य विभाग (Rural Works Department) के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आशुतोष कुमार रंजन का है. उनका कहना है कि नदी के रास्ता बदलने की प्रवृत्ति पुल गिरने का कारण हो सकती है. दिलचस्प बात ये कि उन्होंने पुल को तैयार करने के तरीके और उसके निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री को लेकर अब तक कुछ नहीं कहा है.
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रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी से जब पुल गिरने की वजह पूछी गई, तो उन्होंने कहा,
"वजह... चूंकि कोसी जोन में बकरा नदी की बार-बार मिएन्ड्रिंग (घुमाव) की प्रवृत्ति रही है. पहले भी कई हादसे यहां पर हुए हैं. हो सकता है कि नदी की जो पुरानी प्रवृत्ति रही है उसके कारण कुछ इश्यू आया होगा. जांच के बाद ही सही कारण पता चल पाएगा."
18 जून को बकरा नदी पर बना पुल अचानक ढह गया था. इसका वीडियो भी सामने आया था. गनीमत ये रही कि पुल गिरने के दौरान कोई इसकी चपेट में नहीं आया.
घटना के बाद RWD के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा,
"पुल का ढहना एक गंभीर मामला है और डिपार्टमेंट ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े तीन सीनियर अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है. RWD ने चीफ इंजीनियर (पूर्णिया) की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमिटी बनाई है, जो पुल ढहने के कारणों का पता लगाएगी और जरूरी उपाय सुझाएगी. कमिटी को सात दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है."
वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पुल गिरने की घटना पर X पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने साफ किया कि अररिया जिले में ढहे पुल का निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत इस पुल का काम चल रहा था.
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