"ये न्याय और सच की जीत का दिन है. कोर्ट ने कहा है कि मामले के सभी आरोप झूठे और निराधार थे. मुख्यमंत्री (अरविंद केजरीवाल) को आज इस झूठे केस से मुक्त कर दिया गया है. हम लगातार कह रहे थे कि आरोप झूठे हैं. ये मुख्यमंत्री के खिलाफ रची गई एक साजिश थी."
दिल्ली के डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया. (तस्वीर- पीटीआई)
मनीष सिसोदिया ने केजरीवाल के खिलाफ 'षड्यंत्र' के पीछे पीएम नरेंद्र मोदी का हाथ बताया. उन्होंने कहा,
"अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश रची गई थी, दिल्ली की लोकप्रिय सरकार को नाकाम बनाने के लिए. ये षड्यंत्र रचा गया था देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी और उनकी केंद्र सरकार के इशारे पर. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने अरविंद केजरीवाल पर मारपीट का झूठा केस दर्ज किया. उनके दफ्तर और घर पर छापे मारे गए. केंद्र सरकार का पूरा सिस्टम सीएम केजरीवाल के खिलाफ इस्तेमाल किया गया. दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल किया गया. आजाद भारत में शायद ऐसा पहली बार हुआ होगा कि किसी चुने हुए मुख्यमंत्री के साथ इस तरह आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया. लेकिन अदालत ने आज कह दिया कि पूरा मामला झूठा था."
"अदालत द्वारा केस को झूठा करार दिए जाने के बाद पीएम मोदी को, उनकी भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और उन्हें चुनने वाली दिल्ली की जनता से माफी मांगनी चाहिए. प्रधानमंत्री को सोचना चाहिए कि क्यों वे विपक्षी पार्टियों की जासूसी कराने में लगे रहते हैं. उनके खिलाफ मुकदमे कराने में लग रहते हैं. उनकी सरकारों को गिराने में लगे रहते हैं."
दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश (दाएं). (तस्वीर- पीटीआई)
क्या हुआ था? ये मामला 19 फरवरी 2018 को हुई एक घटना से जुड़ा है. उस दिन सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने आधिकारिक निवास पर एक बैठक बुलाई थी. इसमें आम आदमी पार्टी के कई विधायक मौजूद थे. बैठक में उस समय के चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश भी पहुंचे. बैठक के बाद में अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया कि मीटिंग के दौरान उन पर हमला किया गया. तब ये कहा गया था कि अंशु प्रकाश से मारपीट के वक्त सीएम केजरीवाल बैठक में मौजूद थे. सारा हंगामा उनके सामने हुआ. अंशु प्रकाश के आरोप के बाद दिल्ली सरकार और इसके नौकरशाहों के बीच तनातनी पैदा हो गई थी.
पुलिस ने अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और 9 अन्य विधायकों को आपराधिक साजिश रचने के आरोप के तहत आरोपी बनाया था. उन पर आईपीसी की कई धाराएं लगाई गई थीं. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल और बाकी AAP विधायकों के खिलाफ धारा 34, 36, 186, 323, 332, 342, 353, 504, 506(2), 120बी, 109, 114 और 149 के तहत केस दर्ज किया था. कोर्ट ने दो विधायकों को छोड़कर बाकी सभी को इन धाराओं से मुक्त कर दिया है. बता दें कि प्रकाश जरवाल और अमानतुल्ला खान को सरकारी कर्मचारी पर हमला करने और डराने के आरोप के तहत नामजद किया गया था.