इस कोरोना संक्रमित के इलाज में 8 महीने में 8 करोड़ खर्च हो गए, फिर भी नहीं बची जान!
मृतक धर्मजय सिंह मध्य प्रदेश के एक संपन्न किसान थे.
महीनों पहले कोरोना से संक्रमित हुए धर्मजय सिंह की मौत हो गई है. मध्य प्रदेश के रीवा के रहने धर्मजय सिंह एक संपन्न किसान बताए जाते हैं. वो पिछले साल मई महीने में कोरोना वायरस की चपेट में आए थे. तब से उनका इलाज चेन्नई स्थित अपोलो अस्पताल में चल रहा था. इस दौरान 8 महीने से ज्यादा का वक्त गुजर गया जो किसी भी कोरोना पेशंट का सबसे लंबा ट्रीटमेंट बताया जा रहा है. दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक धर्मजय सिंह के इलाज में लगभग 8 करोड़ रुपये का खर्चा हो गया, इसके बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका. मंगलवार 11 जनवरी को उन्होंने दम तोड़ दिया.
दैनिक भास्कर की ख़बर के अनुसार धर्मजय सिंह की हालत जब लगातार बिगड़ने लगी तो 18 मई 2021 को उन्हें चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अखबार ने बताया कि वहां लंदन के डॉक्टर्स धर्मजय सिंह का इलाज करने में लगे थे. एक सप्ताह पहले उनका बीपी कम हो गया था. इसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती करवाया गया था. लेकिन बाद में उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया जिसकी वजह से उन्हें वेंटिलेटर में शिफ्ट करना पड़ा. बताया गया है कि कोरोना की चपेट में आने के बाद धर्मजय सिंह के फेफड़े 100 पर्सेंट संकर्मित हो गए थे. चूंकि इसके चलते उनकी सांस लेने की क्षमता खत्म हो गई थी, इसलिए विशेष एक्मो मशीन की मदद से उनका इलाज किया जा रहा था. हालांकि सभी प्रयास धरे के धरे रह गए. पिछले साल मार्च 2021 में धर्मजय सिंह का एक वीडियो देखने को मिला था. इसमें वो मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा किसानों के लिए किए गए कामों की सराहना कर रहे थे. अब धर्मजय सिंह के परिजनों का कहना है कि उनके इलाज के लिए प्रदेश सरकार से मदद की गुहार भी लगाई थी, लेकिन वहां से 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद ही मिल सकी. दैनिक भास्कर के मुताबिक परिजनों का दावा है कि धर्मजय सिंह के इलाज में 8 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. कोरोना काल में लोगों की सेवा करते हुए थे संक्रमित
धर्मजय सिंह पिछले साल कोरोना काल में लोगों की सेवा करने के दौरान संक्रमित हुए थे. वो मध्य प्रदेश के संपन्न किसान माने जाते थे. पिछले साल 26 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें पीटीएस मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में सम्मानित भी किया था. धर्मजय सिंह ने स्ट्रॉबेरी और गुलाब की खेती को विंध्य में एक अलग पहचान दिलाने का काम किया था. उन्हें आधुनिक तरीके से खेती करने के लिए जाना जाता था. अखबार के मुताबिक उनके इलाज में हर दिन 3 लाख रुपये खर्च हो रहे थे. इसके लिए परिवार ने 50 एकड़ जमीन भी बेच डाली. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. 254 दिनों के इलाज के बाद आखिरकार धर्मजय सिंह की मौत हो गई.