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तारीख: कर्नाटक के सबसे खूंखार सीरियल रेपिस्ट की कहानी

कहानी सीरियल किलर और रेपिस्ट उमेश रेड्डी की जिसने 1990 के दशक में कर्नाटक और आसपास के इलाकों में दहशत फैला रखी थी

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साल 1998, फरवरी की 28 तारीख. आठ साल का सुरेश स्कूल की छुट्टी के बाद दौड़ता हुआ घर पहुंचता है. मां रोज़ दरवाजे पर इंतज़ार में खड़ी रहती थी, वो आज नहीं है. बल्कि सुरेश देखता है कि दरवाज़ा अंदर से बंद है. कई बार खटखटाने के बाद जब कोई जवाब नहीं आता तो सुरेश जोर से मां.. मां चिल्लाता है,. अबकी बार अंदर से हुं की आवाज आती है. लेकिन ये मां की आवाज नहीं थी. दरवाजा खुलता है, सामने अर्धनग्न हालत में मां खिड़की से बंधी है. अंदर एक और आदमी है. सुरेश कुछ पूछ पाए इससे पहले ही वो आदमी कहता है, तुम्हारी मां पर भूत का साया है, इसलिए उसे खिड़की से बांधकर रखा है. आठ साल का सुरेश कुछ समझ पाता इससे पहले ही वो आदमी घर से निकल जाता है, ये कहते हुए कि डॉक्टर को बुलाने जा रहा है.

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घटना के पूरे 7 साल बाद एक और बार सुरेश का इस आदमी से आमना सामना होता है. अदालत में. उमेश रेड्डी नाम का ये आदमी सिर्फ सुरेश की मां का गुनेहगार नहीं था. बल्कि इसकी गिनती उन लोगों में होती थी, जिन्हे सीरियल रेपिस्ट और सीरियल किलर कहा जाता है. अपनी जिंदगी में 18 या शायद उससे भी ज्यादा औरतों का रेप और हत्या करने वाला ये व्यक्ति कौन था, या कहें कि कौन है? जानेंगे आज के एपिसोड में. साथ ही जांनेगे इस केस से जुड़े कुछ सवालों के जवाब. देखिए वीडियो.  

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