एक चिंगारी बुझी लेकिन बुझते बुझते एक दीपक को जला गयी. साल 1642 गैलीलियो ने अपनी अंतिम सांस ली और उसी साल जन्म हुआ आइज़ेक न्यूटन का. वो शख्स जिसने गिरते हुए सेब को देखा और गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की खोज कर डाली. जिसने गति के वो तीन नियम बनाये, जिनसे सारी दुनिया चलती है. इतना तो हम सब जानते हैं लेकिन फिर इन्हीं न्यूटन की ज़िन्दगी का एक स्याह पहलु भी है, जिसने उनकी ज़िन्दगी के 20 साल अंधेरे में डुबा दिए. वो पारस पत्थर की खोज करने लगा. ढूढ़ने लगे वो द्रव्य जिसे पीकर इंसान अमर हो जाता है. और अंत में गणना करने लगा उस तारीख़ की जिस रोज़ दुनिया ख़तम हो जाएगी. पूरा किस्सा जानने के लिए देखें वीडियो.
तारीख: पारस पत्थर, प्रलय की तारीख़, अपने अंतिम दिनों में क्या खोज रहा था आइजैक न्यूटन?
ढूढ़ने लगे वो द्रव्य जिसे पीकर इंसान अमर हो जाता है.
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