6 जनवरी 1978 की बात है. ईरान में लोग अभी सुबह-सुबह जागे ही थे. अख़बार वाला अख़बार फेंककर गया, लोगों ने जिल्द खोली. सामने पन्ने पर जो दिखा, वो पढ़ते ही कुछ ने अख़बार फाड़कर फेंक दिया, कुछ ने अख़बार उल्टे पांव उठाकर बाहर फेंक दिया. और कई ऐसे थे, जो अगला-पिछला सोचे बिना सड़क पर उतर गए. इस एक सुबह के अख़बार ने दुनिया की सबसे बड़ी क्रांति में से एक छेड़ दी थी. तख़्तापलट की नींव रख दी थी. और नींव रख दी थी एक मुस्लिम राष्ट्र की. उस सुबह ईरान के अख़बार में क्या छपा था? कौन थे जो सड़क पर उतरे और किसके लिए? दुनिया की सबसे बड़ी ‘इस्लामिक क्रांतियों’ में से एक कैसे छिड़ी और कैसे बना ईरान, एक मुस्लिम राष्ट्र? जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.
तारीख: कौन थे अयातुल्लाह रूहुल्लाह खुमैनी जिनकी इस्लामिक क्रांति ने ईरान का चरित्र बदल दिया
रेज़ा शाह पहलवी ने 1941 तक यानी 16 साल पर्शिया पर राज किया. राज ख़त्म होते-होते पर्शिया बदल चुका था. सबसे बड़ा बदलाव 1935 में हुआ. पर्शिया, ईरान बन गया.
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