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तारीख: क्या ब्रिटिश संसद भारत की आज़ादी वापस ले सकती है?

भारत को आज़ाद करने में जल्दबाज़ी क्यों की गई. जबकि जून 1948 तक का वक्त था?

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15 अगस्त. आज़ादी का दिन. 77 साल से हम ये दिन मना रहे. आज़ादी किससे? अंग्रेजों की ग़ुलामी से. इतना हम मानते, जानते हैं. लेकिन फिर गाहे बगाहे क़ई सवाल हैं इस दिन को लेकर जो उठते रहते हैं.

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कोई कहता है, आज़ादी 15 अगस्त को नहीं मिली. क्योंकि 1950 तक हम ब्रिटेन के डोमिनियन थे. कोई कहता है, आज़ादी मिली ही नहीं, लीज़ पे ली गई है. फिर ऐसी बातें भी हैं कि हमने अंग्रेजों को मारकर क्यों नहीं भगाया. क्यों उनसे मोलतोल करते रहे. क्यों आज़ादी के बाद भी लॉर्ड लाउंटबेटन को गवर्नर जनरल बनाया गया?

भारत को आज़ाद करने में जल्दबाज़ी क्यों की गई. जबकि जून 1948 तक का वक्त था?

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और सबसे बड़ा सवाल ये कि इंडिया इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट, जिसके तहत ट्रान्स्फ़र ऑफ़ पावर हुआ, वो अगर ब्रिटिश संसद ने पास किया, तो क्या हमारी आज़ादी ब्रिटिश संसद की मोहताज है?

क्या अंग्रेज किसी दिन क़ानून वापस लेकर कह सकते हैं, आज़ादी कैंसिल? पूरा किस्सा जानने के लिए देखें वीडियो. 

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