अपने समाज के मानकों पर रिजेक्ट हुए और अपनी बायोलॉजी से दिन रात लड़ते इनमें से कुछ लड़के "अंगूर खट्टे हैं वाली" कहावत के टेम्पलेट बन जाते हैं. और शुरु होती है कुंठा. ये कुंठा कई बार बनती है महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की वजह, जो कभी कभी जान लेने पर भी आतुर हो जाती है. हाल में ही आई एक सीरीज एडोलोसेंस ने इस विचार को दुनिया के सामने रखा है. इसमें एक 13 साल का एक ‘इंसेल’ लड़का एक लड़की की जान ले लेता है. तो समझते हैं कि क्या है ये इंसेल कल्चर? क्यों है ये इतना खतरनाक? इन कुंठित आत्माओं का जन्म कैसे होता है? और समाज, दोस्त और घरवालों का इसमें क्या रोल है? जानने के लिए देखें 'आसान भाषा में' का ये एपिसोड.
आसान भाषा में: रोमांस, प्यार से दूर भागने वाले लोग कैसे Incel Culture का शिकार हो रहे हैं?
कैपिटलिज्म के दौर में पैसे वालों ने सभी रिसोर्सेज़ पर कब्ज़ा कर लिया था. वैसे ही डेटिंग ऐप के दौर में सेक्सुअल और रोमांटिक रिलेशनशिप उन्हीं को मिल पाई जो खूबसूरती और स्टेटस की नुमाइश कर पाए. बात वही कि अमीर लड़के या जिम रैट या हैंडसम पुरुष आगे निकल गए. बाकी दौड़ में पीछे रह गए.
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