कहानी की शुरुआत होती है 1316 ईस्वी से. दिल्ली सल्तनत के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) की मौत के बाद उनका प्रिय गुलाम मलिक कफूर दिल्ली का सर्वेसर्वा बन गया. किस्सा यूं है कि जब अलाउद्दीन बीमार पड़े, मलिक कफूर ने उनके बेटे ख़िज़्र खान को कैद करवा लिया. ख़िज़्र खान अलाउद्दीन का असली वारिस था. लेकिन सत्ता की हसरत मलिक कफूर को भी थी. इसलिए कफूर ने अमीरों के साथ मिलीभगत कर अलाउद्दीन के दूसरे बेटे, शिहाबुद्दीन को गद्दी पर बिठाया. वीडियो देखें.
तारीख: खिलजी वंश के आखिरी सुलतान मुबारक शाह की हत्या कैसे हुई? गुजरात से क्या कनेक्शन है?
क्या थी बरादू क्रांति? खिलजी वंश का अंत कैसे हुआ? कौन था गुजरात का वो लड़का जो दो महीने के लिए दिल्ली का सुलतान बन बैठा था?
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