पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब और उनके वफादार साथियों ने मक्का से मदीना की ओर रुख किया. इस सफर को इतिहास में ‘हिजरत’ कहा गया. ये एक नई शुरुआत थी जिसने इस्लाम के इतिहास को हमेशा के लिए बदल दिया. मदीना पहुंचकर पैगंबर साहब और उनके साथियों ने मस्जिद-ए-नबवी की नींव रखी जिसे पैगंबर की मस्जिद भी कहा जाता है. पूरी कहानी के लिए वीडियो देखें.
तारीख: इस्लाम में रोजा रखने की शुरूआत कैसे हुई? क्या पहले भी लोग उपवास रखते थे?
क्या इस्लाम में रोजा शुरू से ही 30 दिनों का होता था? क्या इस्लाम से पहले भी लोग उपवास रखते थे? जानिए रोजे के इतिहास की पूरी कहानी.
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