1948 की बात है. करिअप्पा (General KM Carriappa) रांची में सेना के पूर्वी कमान प्रमुख के तौर पर तैनात थे. भारत सरकार ने उन्हें पश्चिमी कमान का प्रमुख बनाकर कश्मीर भेजने का फैसला किया. जनरल करिअप्पा तुरंत एक्शन मोड में आ गए. उन्होंने सेना अधिकारी जनरल के.एस. थिमैया को जम्मू-कश्मीर फोर्स का प्रमुख बनाकर कश्मीर भेजा. पूरी कहानी जानने के लिए वीडियो देखें.
तारीख: जनरल करिअप्पा, वो आर्मी जनरल जिसका नाम सुन पाकिस्तान कांपता था!
सन 1948 भारत के नए सेना प्रमुख की नियुक्ति होनी थी. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने एक मीटिंग बुलाई. देश के सभी प्रमुख नेता और सेना अधिकारी इसमें शामिल हुए. मीटिंग में पंडित नेहरू ने कहा, “मुझे लगता है कि हमें किसी अंग्रेज सेना अधिकारी को इंडियन आर्मी का चीफ बनाना चाहिए,
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