बाबू देवकी नंदन खत्री के उपन्यास चंद्रकांता (Chandrakanta) में चुनारगढ़ (Chunar Garh) का जिक्र था. कहानी का विलेन क्रूर सिंह चंद्रकांता को चुनारगढ़ के राजा शिवदत्त के हाथों अगवा करा लेता है. और उसे चुनारगढ़ के किले में कैद कर लेता है. वैसे तो ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है. लेकिन चुनारगढ़ का किला एक असली किले से प्रेरित है. ये किला है चुनार का किला. वाराणसी से कुछ 14 किलोमीटर दूर मिर्जापुर जिले में पड़ता है. गंगा के तट पर बने इस किले की कहानी आज आपको बताएंगे. वीडियो देखें.
तारीख: चंद्रकांता उपन्यास वाले चुनार किले में मिले 2000 किलो सोने का क्या हुआ?
Chunar Garh Fort को तिलिस्मी किला क्यों कहा जाता है? और क्या हुआ इस किले में मिले खजाने का?
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