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कौन है यूपी का डॉन बदन सिंह बद्दो, जो शेक्सपियर की ज़ुबान में जवाब देता है

पिछले साल पुलिस कस्टडी से भाग गया था.

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बद्दो पर ढाई लाख का इनाम है. साल भर से भी ज़्यादा वक्त से फरार चल रहा है.`
विकास दुबे वाले कांड के बाद उत्तर प्रदेश और क्राइम एक बार फिर सुर्खियों में है. विकास को कथित एनकाउंटर में मारा गया. लेकिन यूपी की क्राइम बुक में नाम और भी हैं. इन्हीं में से एक है- बदन सिंह बद्दो. यूपी का कुख्यात अपराधी, जो उम्रकैद तक की सज़ा पा चुका है और फिलहाल फरार चल रहा है. बद्दो ने सालभर से भी ज़्यादा वक्त से यूपी पुलिस को छका रखा है. बद्दो पर ढाई लाख का इनाम भी है.

ट्रक ड्राइवर बद्दो कैसे बना अपराधी

बदन सिंह बद्दो 1980 के आस-पास तक मेरठ में ट्रक ड्राइवर हुआ करता था. थोड़ी-बहुत दबंगई करता था. यही दबंगई बढ़ती गई, तो बद्दो का नाम मेरठ के छोटे-मोटे बदमाशों में लिया जाने लगा. धीरे-धीरे उसने यूपी के बॉर्डर पर शराब की तस्करी भी शुरू कर दी. यहां से बद्दो का नेटवर्क बड़ा हुआ. 1988 में उस पर पहली बार हत्या का केस दर्ज हुआ, जब उसने दिनदहाड़े मेरठ के गुदरी बाजार कोतवाली में राजकुमार नाम के एक व्यक्ति की हत्या कर दी. पश्चिमी यूपी के क्राइम नेटवर्क में बद्दो का नाम फैलने लगा था. बद्दो बड़ी सुर्खियों में आया साल 1996 में, जब उसने मेरठ के वकील रवींद्र गुर्जर की हत्या कर दी.

पुलिसवालों को शराब पिलाकर भाग गया

1996 के इस मर्डर केस में बद्दो को 2017 में गाज़ियाबाद अदालत ने उम्रकैद की सज़ा सुनाई. दो साल सज़ा काटी. फतेहगढ़ की जेल में. मार्च 2019 में उसे एक मामले में फिर गाज़ियाबाद कोर्ट में पेश किया गया. पेशी के बाद पुलिस उसे वापस फतेहगढ़ ले जा रही थी. 28 मार्च, 2019 का दिन था. शातिर बद्दो ने पेशी के बाद पुलिस को मेरठ के रास्ते होकर चलने के लिए राज़ी कर लिया. पुलिस टीम उसे लेकर मेरठ के मुकुट महल होटल पहुंची. इस होटल में बदन सिंह का भी शेयर था. होटल में पुलिस की जमकर ख़ातिरदारी की गई. खाने के साथ-साथ शराब भी परोसी गई. टीम में शामिल आधा दर्जन पुलिसकर्मी शराब के नशे में धुत हो गए. बद्दो ने मौके का फायदा उठाया और फरार हो गया. एक साल, चार महीना होने को है. पुलिस को तब से उसका कोई सुराग नहीं मिला है. जानकारी है कि बेटे टोनी के साथ बद्दो नेपाल के रास्ते मलयेशिया पहुंच गया है. वो हर महीने मेरठ, दिल्ली और एनसीआर के दूसरे इलाकों के लोगों से बात करता है. बाप-बेटे की तलाश में पुलिस की चार टीमें लगी हैं.

30 से अधिक केस दर्ज़ हैं

50 साल के बद्दो पर हत्या, जबरन वसूली, अवैध हथियारों की सप्लाई जैसे मामलों में 30 से ज़्यादा केस दर्ज हैं. उस पर 2011 में जिला पंचायत सदस्य संजय गुज्जर की हत्या, 2012 में केबल मैनेजर पवित्र मैत्रेय की हत्या के केस हैं. अभी कुछ ही दिन पहले पुलिस ने बद्दो को फरार कराने के आरोप में उसके साथी मुकेश गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है. मुकेश गुप्ता अभी तक कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी पर दिए गए स्टे ऑर्डर के आधार पर बचता रहा था.

शेक्सपियर की भाषा में जवाब देने वाला बद्दो

बद्दो लैविश लाइफस्टाइल का शौकीन है. बीएमडब्ल्यू की गाड़ियां, महंगी-महंगी घड़ियां, हॉलीवुड फिल्में, महंगी ब्रीड के पेट्स का शौक रखता है. बॉडीगार्ड्स रखता है. उसके बारे में एक किस्सा चर्चित है. अख़बार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के एक रिपोर्टर बहुत पहले बद्दो से मिले. पूछा कि अपराध की दुनिया में क्यों आ गए, कैसे आ गए. जवाब आया विलियम शेक्सपियर को कोट करते हुए. उसने कहा –
“ये दुनिया एक रंगमंच है और हम सब इस मंच के कलाकार.”
फिलहाल बद्दो को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार उसके सहयोगियों की हरकतों पर नज़र रख रही है. उसके विदेश जाने की बात पर मेरठ पुलिस का मानना है कि ये मिसलीड करने की चाल भी हो सकती है. मुमकिन है कि बद्दो ये बताने की कोशिश कर रहा है कि वह विदेश में है, लेकिन असल में वो देश में ही छिपा हो. उसने इस दौरान कई इंटरनेशनल नंबरों से अपने सहयोगियों को कॉल किए, लेकिन ये सभी इंटरनेट कॉल्स थीं. बद्दो जितना शातिर है, उसे देखते हुए पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है.
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