'जो जीता वही सिकंदर' में अगर रतन न होता तो संजू कभी रेस नहीं जीत पाता.
शर्मा जी का लड़का किसे कहते हैं. वो, जो पढ़ाई में अव्वल हो. स्पोर्ट्स में उस्ताद. ऐसे बंदे की वजह से छोटे-भाई बहनों और कज़िन्स की क्लास लग जाती है. क्योंकि उन बेचारों को पूरी ज़िंदगी उससे कम्पेयर किया जाता है. कि ऐसे पढ़ो. भईया को देखो, स्पोर्ट्स में भी टॉप. हिंदी सिनेमा की दुनिया में भी एक शर्मा जी का लड़का रहा हैं. शायद उसी की वजह से ये 'शर्मा जी का लड़का' वाला फ्रेज़ एग्ज़िस्टेंस में आया. हम बात कर रहे हैं रतनलाल शर्मा की. मॉडल कॉलेज का लड़का. पढ़ाई में टॉप. स्पोर्ट्स में भी आगे. साइकलिंग चैम्पियन. पिता का फेवरेट बेटा. इसलिए ही छोटे बेटे संजू को उससे कई बार जलन भी होती है.
अगर यादगार हिंदी फिल्में देखते आए हैं तो बताने की ज़रूरत नहीं कि यहां किसकी बात हो रही है. फिर भी हमारा फर्ज़ है बताना. रतन और संजू ‘जो जीता वही सिकंदर’ यूनिवर्स के किरदार हैं. वो फिल्म जो स्पोर्ट्स, रोमांस और दोस्ती जैसी कई चीज़ें कवर करती है. फिल्म के किरदार आज भी मेमोरेबल हैं. और ऐसा सिर्फ लीड कैरेक्टर्स के लिए ही नहीं कहा जा सकता. सपोर्टिंग कास्ट भी क्या कमाल थी. ऐसे ही यादगार किरदारों में से एक था रतन. जिसे अब मामिक सिंह के अलावा किसी और की शक्ल में इमैजिन नहीं किया जा सकता.
