किताबवाला. दी लल्लनटॉप का किताबों से वाबस्ता होता समृद्ध कार्यक्रम. जिसमें होती है, हफ़्ते की एक किताब और उस पर हम करते हैं किताबवाला, यानी किताब के लेखक से बातचीत. इस सप्ताह हमारे मेहमान थे, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता, कैलाश सत्यार्थी जिनकी पुस्तक “Tum Pahle Kyon Nhin Aaye” पर सौरभ द्विवेदी ने यह इंटरव्यू किया है. इसमें आपको मिलेंगी जिजीविषा, संघर्ष, यौन उत्पीड़न की अनेकों कहानियाँ जो हमारी संवेदनशीलता को झकझोरती हैं. हमें कुछ अधिक संवैधानिक मूल्यों का नागरिक बनाती हैं. सत्यार्थी के चालीस बरस के सार्वजनिक जीवन में बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़े जो भी उनके अनुभव थे, उनकी कुछ मर्मस्पर्शी कहानियों को उन्होंने इसमें उकेरने का प्रयास किया है. जैसे एक लड़का कालू जिसने ऐसी क्या बात कही कि बिल क्लिंटन ने मानवीयता के नाते देशों की की जाने वाली मदद की राशि छः गुना बढ़ा दी.