आई है, इसमें भारत में रोड एक्सिडेंट के बारे में हिला देने वाले तथ्य सामने आए हैं. भारत में दुनिया भर के कुल वाहनों के मुकाबले सिर्फ 1 फीसदी वाहन हैं, लेकिन एक्सिडेंट में मरने वालों में 11 फीसदी लोग भारतीय होते हैं. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सड़क दुर्घटना में रोज 415 लोग मरते हैं. इसका एक बड़ा कारण भारत में कारों की सेफ्टी से भी जुड़ा हुआ है. अमेरिका की एजेंसी National Highway Traffic Safety Administration (NHTSA) के मुताबिक अगर कार में फ्रंट सीट पर एयरबैग लगें हों, तो ड्राइवर और साथ बैठे पैसेंजर के मरने का खतरा 29-32 फीसदी तक कम हो जाता है. भारत सरकार भी एयर बैग्स को लेकर नए नियम लाई है. 31 अगस्त 2021 के बाद सभी गाड़ियों में आगे की दोनों सीट पर एयरबैग्स होना जरूरी होगा. तो आपकी पुरानी कार का क्या होगा? जिनमें सिर्फ ड्राइविंग सीट में एयरबैग है या एयरबैग है ही नहीं? आइए जानते हैं तफ्सील से. सबसे पहले नया नियम जान लें सरकार ने कारों को ज्यादा सेफ बनाने के लिए 29 दिसंबर 2020 में एक प्रपोजल रखा था. इस पर लोगों से राय मांगी गई थी. राय मिलने के बाद अब सरकार ने आगे की सीट पर बैठने वाले दोनों लोग, यानी ड्राइवर और उसके साथ बैठने वाले के लिए एयरबैग को अनिवार्य कर दिया है. नए नियमों के मुताबिक मंत्रालय ने कहा कि 01 अप्रैल, 2021 के दिन या उसके बाद बनाई गई हर कार में आगे की दोनों सीटों के लिए एयरबैग लगाना जरूरी होगा. मंत्रालय ने यह भी कहा है कि कार के जो मॉडल्स बिना एयरबैग के बेचे जा रहे हैं, उनमें 31 अगस्त, 2021 से तक आगे की दोनों सीटों में एयरबैग लगवा लिए जाएं. सरकार का कहना है कि 31 अगस्त 2021 के बाद किसी भी ऐसी कार का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा, जिसके आगे की दोनों सीटों के लिए एयरबैग्स न हों.

दुनिया भर में कारों में ज्यादातर फ्रंट सीट पर एयरबैग फैक्ट्री से लगकर ही आते हैं. प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स
किन कारों में हैं कम एयरबैग भारत में लगभग हर बड़ी कार कंपनी ने अपने टॉप वैरिएंट में ड्राइवर सीट पर एयरबैग का फीचर दिया है. लेकिन सरकार के नए नियम के मुताबिक दोनों फ्रंट सीट पर एयरबैग लगाए जाने जरूरी हैं. इस हिसाब से मारुति सुजुकी ऑल्टो, एस प्रेसो, वैगन आर, ह्युडै सैंट्रो, डैटसन रेडी गो और महिंद्रा बोलैरो के एंट्री वैरिएंट सिर्फ एक ड्राइविंग सीट पर एयरबैग के साथ बेचे जा रहे हैं. इन सभी मॉडल को 31 अगस्त 2021 तक ड्राइवर के अलावा आगे वाली पैसेंजर सीट पर भी एयरबैग फिट करवाना होगा. इन जरूरी सवालों के जवाब भी जानिए हमने ऑटो एक्सपर्ट टुटु धवन से बात करके उन सवालों के जवाब जाने, जो इस नियम के बारे में सुनने के बाद आपके मन में जरूर आ रहे होंगे.
क्या इससे कारें महंगी हो जाएंगी?
'जब भी कार में कुछ एक्सट्रा लगता है तो उसमें कार की कीमत बढ़ना तय है. जिन वैरिएंट्स में अभी दोनों फ्रंट सीट में एयरबैग नहीं लगे हैं, उन्हें अपने मॉडल अपडेट करने होंगे. इसमें कंपनी को हर एयरबैग पर 20 हजार रुपए तक का खर्च आ सकता है, लेकिन यह बोझ शुरुआत में कंपनियां कस्टमर पर नहीं डालेंगी. कारों के रेट अगर बढ़े भी, तो 5 हजार से 10 हजार रुपए तक ही बढ़ेंगे. बाद में सालाना बढ़ोतरी के वक्त वो भले ही इसकी कीमत किसी दूसरे फीचर में वसूलें. हालांकि सेफ्टी के लिहाज से 5-10 हजार रुपए की कीमत काफी कम है.'बता दें कि सेंट्रल मोटर वीकल रूल 1989 के अनुसार जुलाई 2019 से सरकार ने सभी गाड़ियों में ड्राइविंग सीट पर एयरबैग लगाना कंपलसरी कर दिया था. इसके तकरीबन 2 साल बाद ही इस नियम को लाया गया है.
क्या जो कार हम खरीद चुके हैं, उसमें भी एयरबैग लगवाने होंगे?
'कार अगर आप खरीद चुके हैं, तो एयरबैग लगवाने की जरूरत नहीं है. 1 अप्रैल से मैन्युफैक्चर होने वाले नए मॉडल में दो एयरबैग जरूरी होंगे. 31 अगस्त 2021 का समय मौजूदा मॉडल की कारों के लिए दिया है, ताकि कंपनियां तैयारी कर सकें. मतलब यह कि 31 अगस्त के बाद कोई भी कार कंपनी अपना वह मॉडल नहीं बेच सकेगी जिसमें सिर्फ ड्राइविंग सीट पर एयरबैग लगे हैं. उन सब कारों में कंपनी को अपनी फैक्ट्री में एक और एयरबैग 31 अगस्त तक फिट करने हैं. उसके बाद ही कार का रजिस्ट्रेशन हो पाएगा.'क्या पुरानी कार में एयरबैग लगवा सकते हैं?
'पुरानी गाड़ी में एयरबैग लगना मुश्किल है. इसमें दो बड़ी दिक्कते हैं. एक तो कार के स्टेयरिंग और फ्रंट पैनल में स्पेस होना औऱ दूसरा सेंसर को फिट करके कैलिबरेट करना. एयरबैग लगाने के लिए कार बनने के समय ही सेंसर प्रोग्रामिंग होती है. इसकी वजह से एयरबैग समय रहते ही खुलता है. सारा खेल ही टाइम पर एयरबैग खुलने का है. अगर टक्कर लगने के कुछ सेकेंड बाद एयरबैग खुलता है, तो उसका फायदा नहीं मिलेगा. क्योंकि तब तक टक्कर अपना काम कर चुकी होगी. अगर कोई लगवाने पर आमादा है, तो उसे 2-3 लाख रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं.'