राजानमनुवर्तन्ते यथा राजा तथा प्रजा:माने, प्रजा राजा के व्यवहार का अनुसरण करती है. इसीलिए, जैसा राजा होगा, वैसी ही उसकी प्रजा होगी. आपको इस प्राचीन उक्ति के दर्जनों अपवाद मिल जाएंगे. एक मिसाल तो हम भी आपको बताएंगे आज.
ये मामला है, थाइलैंड का
थाईलैंड में राजशाही है. ऐसी राजशाही कि 21वीं सदी में भी वहां राजा का दरबार लगता है. उनके दरबारी, जिनमें आर्मी के टॉप अफ़सर भी शामिल हैं, राजा के चरणों में लोटते हैं. इस लोटने को लिटरल वाला लोटना समझिए. इन राजा की सबसे मशहूर चीज है, उनकी रंगीनी. ये इतने अय्याश हैं कि प्रजा कोरोना से मर रही थी और राजा अपनी प्रेमिकाओं के साथ एक विदेशी होटल में सेल्फ़-क्वारंटीन हो गए.
पिछले कई महीनों से ये जनाब अपनी एक प्रेमिका के चलते सुर्ख़ियों में हैं. पहले वो प्रेमिका पूरे विधि-विधान से राजकीय प्रेमिका बना दी गई. कुछ महीनों बाद उसे देशनिकाला दे दिया गया. फिर ख़बर आई कि राजा ने उसे दोबारा अपना लिया है. लेटेस्ट ये है कि उस प्रेमिका के जन्मदिन पर बतौर बर्थडे गिफ़्ट राजा ने उसे रानी की पदवी दे दी है. आप सोच सकते हैं कि किसी के प्रेम संबंध पर ख़बर क्यों बननी चाहिए? जवाब है, ज़रूर बननी चाहिए. क्योंकि थाइलैंड की जनता अपने राजा की अय्याशी से त्रस्त है. वहां पिछले कई महीनों से राजतंत्र के खिलाफ़ प्रोटेस्ट हो रहे हैं. क्या है इस प्रदर्शन का कारण? क्या है थाइलैंड के राजा की कहानी? उसके प्रेम संबंधों में आपत्तिजनक क्या है?
ये कहानी शुरू हुई 13 अक्टूबर, 2016 को
इस रोज़ थाइलैंड के किंग पूमिपोन अदुल्यादेज का निधन हो गया. किंग पूमिपोन 70 साल से ज़्यादा तक थाइलैंड के राजा रहे. उन्हें सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले राजाओं में गिना जाता है. वो काफी सम्मानित हस्ती थे. जनता बड़ी मुहब्बत करती थी उनसे. हर एक घर, हर दुकान में उनकी तस्वीर टंगी मिलती. वो मरे, तो बड़ा अफ़सोस मनाया जनता ने.

पूमिपोन अदुल्यादेज. (तस्वीर: एएफपी)
ख़ैर, गद्दी खाली तो रहती नहीं. प्रजातंत्र में राजा की संतान को गद्दी विरासत में मिलती है. अधिकांश मामलों में ये विरासत बेटे के पास जाती है. किंग पूमिपोन की चार औलादों में बेटा केवल एक था. उसका नाम था, महा वजिरालोंगकोर्न. ऐसे में शहजादे वजिरालोंगकोर्न देश के नए राजा घोषित कर दिए गए. मगर उनकी फाइनल ताज़पोशी होने में अभी भी समय था. इसकी वजह ये थी कि थाइलैंड में किसी राजा के मरने पर लंबा शोक चलता है. चूंकि किंग पूमिपोन काफी लंबे समय तक शासक रहे और वो काफी चहेते भी थे लोगों के, सो ये मातम की अवधि और लंबी खिंच गई.
मातम के बीच राज्याभिषेक नहीं हो सकता था. सो आख़िरकार 2019 में जाकर ताजपोशी की फाइनल घड़ी आई. शाही ज्योतिषियों ने शुभ मुहूर्त निकाला- 4 मई, 2019. दिन, शनिवार. वक़्त, सुबह के ठीक 10 बजकर नौ मिनट. इसी मुहूर्त में बैन्कॉक के थ्रोन हॉल में ख़ास भारत से मंगवाए गए जल से महा वजिरालोंगकोर्न को नहलाया गया. फिर उन्हें शाही मुकुट पहनाया गया. पता है, थाइलैंड के इस राजसी मुकुट में भी भारत से ही मंगवाया गया हीरा जड़ा है. बौद्ध धर्मावलंबी होने के चलते थाइ राजशाही का भारत से स्पेशल कनेक्शन है. वहां के राजा को बौद्ध धर्म के राजकीय संरक्षक की भी पदवी मिलती है.

महा वजिरालोंगकोर्न. (तस्वीर: एपी)
ख़ैर, तो परंपरा के मुताबिक, ताजपोशी के समय राजा के साथ रानी की भी उपस्थिति अनिवार्य है. किंग वजिरालोंगकोर्न की रानी थीं, क्वीन सुथिदा. वो राजा की चौथी पत्नी थीं. एक जमाने में फ्लाइट अटेंडेंट हुआ करती थीं. बाद में राजा ने उन्हें अपनी निजी सुरक्षा टीम का डेप्युटी हेड बनाया. फिर फॉर्मल राज्याभिषेक से कुछ रोज़ पहले उन्होंने आधिकारिक तौर पर सुथिदा के साथ शादी की और उन्हें रानी का दर्जा दिया.
इससे पहले की उनकी तीन पत्नियों का क्या हुआ?
वजिरालोंगकोर्न की पहली शादी हुई थी 1977 में. जब वो 25 के थे. उनकी पहली पत्नी रिश्ते में उनकी कज़न भी लगती थीं. शादी के बाद भी उनके अफ़ेयर्स चलते रहे. एक ही टाइम में कई लड़कियों के साथ संबंध थे उनके. 1993 में उन्होंने ख़ूब ज़लील करके अपनी पहली पत्नी को तलाक दिया और एक गर्लफ्रेंड से शादी कर ली. ये गर्लफ्रेंड पेशे से एक ऐक्ट्रेस रही थीं. वजिरालोंगकोर्न के ऑलरेडी उनसे पांच बच्चे थे. शादी के दो साल बाद ही उनकी ये दूसरी पत्नी अमेरिका भाग गईं. फिर 2001 में वजिरालोंगकोर्न ने एक और गर्लफ्रेंड से शादी रचाई. ये शादी 13 साल बाद टूटी. न केवल शादी टूटी, बल्कि वजिरालोंगकोर्न ने अपनी तीसरी पत्नी के पूरे परिवार को जेल में डलवा दिया. उनकी ये तीसरी पत्नी अब कहां है, कोई नहीं जानता.
ख़ैर, तो वजिरालोंगकोर्न ने सुथिदा को अपनी चौथी पत्नी बनाया. क्वीन की पदवी दी. लेकिन अब भी उनके कई औरतों के साथ संबंध थे. उनकी टॉप गर्लफ्रेंड का नाम था- सिनिनात वोंगवाजिरापाकदी. 1985 की पैदाइश. एक जमाने में नर्स थीं. वजिरालोंगकोर्न से अफ़ेयर शुरू होने के बाद नर्सिंग पीछे छूटी. सिनिनात ने मिलिटरी ट्रेनिंग ली. विमान उड़ाना भी सीखा. वजिरालोंगकोर्न ने उन्हें अपना बॉडीगार्ड बना लिया. फिर 2019 की शुरुआत में सिनिनात को मेजर-जनरल की रैंक भी दे दी गई.

महा वजिरालोंगकोर्न और उसकी चौथी पत्नी सुथिदा. (तस्वीर: एपी)
राजा बनने के दो महीने बाद किंग वजिरालोंगकोर्न ने एक चौंकाने वाला काम किया
उन्होंने अपनी टॉप गर्लफ्रेंड सिनिनात को 'रॉयल कोनसोर्ट' की पदवी दे दी. ये कौन सा पद होता है? देखिए, कोनसोर्ट शब्द राजशाही के साथ जुड़ा है. इसका मतलब होता है, गद्दी पर बैठे शासक की पत्नी या पति. जहां जो कंडीशन अप्लाई होती हो. मगर थाइलैंड में कोनसोर्ट का मतलब है, मिस्ट्रेस. माने, पत्नी के अलावा कोई पार्टनर.
थाइलैंड में पलिजनी, माने एक से ज़्यादा पत्नियां रखने का चलन रहा है. वहां राजा अलग-अलग प्रांतों के ताकतवर परिवारों के साथ रिश्ते मज़बूत करने के बहाने एक से ज़्यादा पत्नियां और मिस्ट्रेसेज़ रखा करते थे. मगर 1932 में कॉन्स्टिट्यूशनल मोनार्की का सिस्टम लागू होने के बाद थाइलैंड में ये रवायत जैसे ख़त्म हो गई. मौजूदा राजा वजिरालोंगकोर्न के पिता किंग पूमिपोन अपनी पत्नी क्वीन सिरकित के प्रति वफ़ादार समझे जाते थे.
ऐसे में जब जुलाई 2019 में वजिरालोंगकोर्न ने धूमधाम से सिनिनात को रॉयल कोनसोर्ट बनाया, तो इसकी बड़ी थू-थू हुई. एक बड़ी आपत्ति इस आयोजन के भद्दे तौर-तरीकों से भी थी. जनता के पैसों से आलीशान आयोजन हुआ. रेशम और हीरे-जवाहिरात बांटे गए. लोगों ने देखा कि सिनिनात राजा के चरणों में सिर झुकाए फर्श पर पड़ी हैं. दंडवत होकर राजा को प्रणाम कर रही हैं. राजा उन्हें आशीर्वाद दे रहे हैं. दरबार के बाकी लोग भी ज़मीन पर साष्टांग दंडवत कर रहे हैं. 21वीं सदी में किसी राजा का इतना मध्ययुगीन बर्ताव करना कितना भौंडा है. ये पावर का कितना अश्लील चेहरा है.

महा वजिरालोंगकोर्न अपनी गर्लफ्रेंड सिनिनात वोंगवाजिरापाकदी के साथ. (तस्वीर: एएफपी)
सिनिनात शाही कोनसोर्ट बना दी गईं
उन्हें कई राजकीय उपाधियां भी मिलीं. शाही वेबसाइट्स पर सिनिनात का सजा-धजा जीवनपरिचय छापा गया. उनकी ख़ूब सारी ऐक्शन फोटोज़ आईं. कभी किसी फाइटर जेट में. कभी हवाईजहाज़ से छलांग लगाकर पैराशूटिंग करते हुए. कभी हाथ में असॉल्ट रायफल थामे.
इस बात को तीन ही महीने बीते थे कि थाइलैंड से नई ख़बर आई. पता चला कि सिनिनात से उनकी तमाम शाही पदवियां छीन ली गई हैं. इस बारे में राजदरबार ने एक आधिकारिक बयान भी जारी किया. इसमें लिखा था कि सिनिनात को ग़लत बर्ताव करने और मोनार्की से बेअदबी दिखाने की सज़ा दी गई है. इस बयान में सिनिनात पर कई इल्ज़ाम लगाए गए थे. मसलन, बेहद महत्वाकांक्षी हैं. राजा और रानी के प्रति आज्ञाकारी नहीं. राजा के बदले फ़रमान जारी करने की कोशिश कर रही थीं. सीनियर अधिकारियों की मुख़ालफ़त कर रही थीं. बयान के एक अंश का तर्जुमा हम आपको सुनाते हैं-
राजा को मालूम चला कि सिनिनात कृत्घन हैं. राजा द्वारा दी गई पदवियों और सहूलियतों का ज़रा भी उपकार नहीं मान रही थीं. वो राजा पर मौजूदा रानी को हटाकर ख़ुद को रानी बनाने का ज़ोर डाल रही थीं.

चौथी रानी पत्नी सुथिदा राजा के सामने दंडवत. (तस्वीर: एएफपी)
ये घटना है अक्टूबर 2019 की
सिनिनात बड़े अपमान के साथ महल से निकाल दी गईं. उन्हें जेल में पटक दिया गया. तकरीबन एक साल तक उनकी कोई ख़बर नहीं आई. फिर आया सितंबर 2020. इस महीने थाई रॉयल कोर्ट ने एक और बयान जारी किया. इसमें बताया गया कि सिनिनात को वापस राजा की सेवा में ले लिया गया है. उनके ओहदे भी लौटा दिए गए हैं. बयान में कहा गया था-
सिनिनात अब 'फ्री ऑफ़ गिल्ट', यानी ग़ुनाह मुक्त हैं. अब से ये माना जाए कि शाही ओहदे और मिलिटरी रैंक उनसे कभी छीना ही नहीं गया था.सोचिए, ये ऑन-ऑफ़ तमाशा कोई टीनएज़र लव नहीं है. ये नौटंकी एक देश का सर्वोच्च शासक कर रहा है. ख़ैर, तो सिनिनात वापस आ गईं महल में. इसके दो महीने बाद फिर एक बड़ा स्कैंडल हुआ. दिसंबर 2020 में सिनिनात की सैकड़ों तस्वीरें ऑनलाइन लीक हो गईं. इनमें डेढ़ हज़ार से भी ज़्यादा न्यूड और सेमी-न्यूड सेल्फीज़ भी थीं. माना गया कि ये सेल्फीज़ सेनिनात ने अपने मोबाइल से वजिरालोंगकोर्न को भेजी थीं. किसी ने ये तस्वीरें सेनिनात के मोबाइल से चुराकर ऑनलाइन डाल दीं.

2019 में वजिरालोंगकोर्न ने धूमधाम से सिनिनात को रॉयल कोनसोर्ट बनाया गया था. (तस्वीर: एएफपी)
किसका हाथ था इसके पीछे?
आशंका है कि इसके पीछे क्वीन सुथिदा का हाथ था. आपको याद हैं न क्वीन सुथिदा, राजा की चौथी पत्नी. जो ख़ुद भी लंबे समय तक राजा की गर्लफ्रेंड रही थीं. जानकारों के मुताबिक, सिनिनात की महल में वापस एंट्री से क्वीन सुथिदा ख़ुद को असुरक्षित महसूस कर रही थीं. शायद इसीलिए सिनिनात को पब्लिकली अपमानित करने की मंशा से उन्होंने ये फोटोज़ लीक करवाईं. दिलचस्प बात ये थी कि ये तस्वीरें थाइ मोनार्की की आलोचना करने वाले ऐक्टिविस्ट्स को भेजी गई थीं. मानो लीक करने वाला चाहता हो कि राजा की अय्याशी के प्रति लोगों का गुस्सा और भड़के.
आप पूछ सकते हैं कि राजा और उनकी टॉप गर्लफ्रेंड की ये कहानी हम आपको आज क्यों सुना रहे हैं? इसलिए कि अब फिर एक अपडेट आया है. ख़बरों के मुताबिक, 26 जनवरी को सिनिनात का जन्मदिन था. इस मौके पर किंग वजिरालोंगकोर्न ने उन्हें एक बड़ा स्पेशल तोहफ़ा दिया. क्या दिया? उन्हें अपनी सेकेंड क्वीन का दर्जा दे दिया. जी, अब आधिकारिक तौर पर थाई राजा की दो रानियां हैं. ये पहली बार है, जब थाइलैंड में राजा की दो ऑफ़िशल रानियां हैं. इस घटनाक्रम से लगता है कि राजा अपनी चौथी पत्नी का भी वही हश्र करने वाले हैं, जो उन्होंने पहले की तीन पत्नियों के साथ किया. यानी, हो सकता है कि जल्द ही वो उनसे भी तलाक ले लें. क्या जाने, इसके अलावा और क्या-क्या हो उनके साथ.

थाईलैंड की प्रिंसेज़ सिरिनधोर्न. (तस्वीर: एएफपी)
प्रिंसेज़ सिरिनधोर्न ने फैसले का विरोध किया?
ख़बरों के मुताबिक, राजा की बहन प्रिंसेज़ सिरिनधोर्न ने इस फैसले का विरोध किया. उन्होंने राजा से कहा कि थाइलैंड में राजा एक ही समय में एक से अधिक रानी नहीं रख सकता. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, बहन की इस बात पर किंग को इतना गुस्सा आया कि वो आक्रामक हो गए. उन्होंने अपनी बहन को पीटा और उनका पांव तोड़ दिया. राजा की बहन प्रिंसेज़ सिरिनधोर्न की व्हीलचेअर पर बैठी एक तस्वीर भी सामने आई है.
प्रिंसेज़ सिरिनधोर्न जनता में काफी लोकप्रिय हैं. लोग उन्हें प्यार से 'प्रिंसेज ऐंजल' कहते हैं. क्यों? क्योंकि वो आम लोगों से काफी जुड़ाव रखती हैं. उनकी भलाई के कामों में जुटी रहती हैं. उनके मानवीय कार्यों के चलते यूनेस्को ने उन्हें अपना ऐम्बेसडर भी बनाया. भारत ने भी 2004 में उन्हें इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार दिया था. थाइलैंड में कई लोग कहते हैं कि गद्दी की असली हक़दार प्रिंसेज सिरिनधोर्न ही थीं. मगर इस कहने का क्या कीजिएगा? पितृसत्ता भी तो एक चीज है.

तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार लेती हुईं प्रिंसेज़ सिरिनधोर्न. (तस्वीर: पीटीआई)
इतना सब बताने के बाद फिर लौटते हैं किंग वजिरालोंगकोर्न पर
हम आमतौर पर जजमेंटल होने से बचते हैं. किसी की निजी ज़िंदगी, ख़ासतौर पर उसकी लव लाइफ़ डिस्कस करने के भी सख़्त विरोध में रहते हैं हम. मगर वजिरालोंगकोर्न का मसला अलग है. उसकी लव लाइफ़ उसकी ग़ैर-जिम्मेदार और अय्याश ज़िंदगी का एक बड़ा हिस्सा है. राजा की ये लाइफ़स्टाइल सीधे-सीधे थाइलैंड के नैशनल इंट्रेस्ट से जुड़ी है.
राजा बड़ा दुर्लभ ही पब्लिक लाइफ़ में नज़र आता है. उसका ज़्यादातर वक़्त जर्मनी में बीतता है. वहां काम कुछ नहीं करता, बस जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों से अय्याशी करता है. सोचिए, कोरोना के पीक पर वजिरालोंगकोर्न ने जर्मनी में एक समूचा फोर-स्टार होटेल बुक किया. 100 नौकरों और अपने हरम की 20 महिलाओं के साथ वो वहां सेल्फ़ क्वारंटीन हो गया. वजिरालोंगकोर्न इन औरतों को अपनी सेक्स-स्लेव कहता है. क्या किसी शासक को टैक्यपेयर्स के पैसों पर इस भौंडे भोग-विलास की परमिशन होनी चाहिए? नहीं, बिल्कुल नहीं होनी चाहिए.
इसीलिए थाइ जनता पिछले कई महीनों से राजशाही के विरुद्ध प्रोटेस्ट कर रही है. लोग अपनी रॉएल्टी और आर्मी के नेक्सस से त्रस्त है. ये दोनों ही पावर सेंटर्स भैंस और उसकी पीठ पर बैठे कौए जैसे हैं. दोनों एक-दूसरे से सेटलमेंट करके अपने हित साधते हैं. एक-दूसरे से वैधता पाते हैं. राजपरिवार और आर्मी के ख़र्चे पारदर्शी नहीं. जनता को उनसे सवाल पूछने का भी अधिकार नहीं.
एक राजा जो केवल अपनी अय्याशी के लिए चर्चा बटोरता हो, उसे गद्दी से उखाड़ फेंकना ही राष्ट्रहित है. वैसे पता है, अगर थाइलैंड के शाही सिस्टम को हिंदी समझ आती हो और वो हमारा ये एपिसोड देख लें, तो मैं कभी थाइलैंड नहीं जा सकूंगा. मालूम है क्यों, वहां राजशाही की आलोचना करने वालों को 15 साल तक की क़ैद देने का क़ानून है. फिर चाहे आलोचना करने वाला देशी हो या विदेशी. अपन अपने लोकतंत्र में ही ठीक हैं.