नाम सुनके आप हंस सकते हैं. मेरी सिनेमा जगत की सोच समझ पर सवाल उठा सकते हैं. कह सकते हैं मुझे सिनेमा की समझ नहीं. लेकिन दर्शक का भी अपना नजरिया होता है. फैन-वैन मैं किसी का हूं नहीं. लेकिन वरुण धवन मेरी उस लिस्ट में शामिल हैं जिनको मैं सिनेमा घर में जाकर देख सकता हूं.
जिंदगी में बहुत तनाव रहता है. कभी किसी ने कुछ कह दिया, उसकी टेंशन. कभी घर में भाई बहन से तू तू-मैं मैं हो गई, उसकी टेंशन. कभी ऑफिस में बॉस ने सुना दिया, उसकी टेंशन. ये तो वो हैं जो कॉमन होती हैं. सबकी अपनी अपनी इतनी टेंशन होती है कि लिखने बैठ जाओ तो बात ही खत्म न हो. ऐसे में वरुण धवन की बात का नंबर कल ही आ पाएगा.अब इतनी टेंशन भरी जिंदगी में कब तक आप भाषण देने वाली, समाज बदलने के दावे करने वाली, भूत प्रेत वाली फ़िल्में देखकर और स्ट्रेस लेते रहेंगे. इसी स्ट्रेस से बचाने का काम करती हैं वरुण धवन वाली फ़िल्में.
वो 'स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर' बनकर फिल्मों में आया और इंटरटेनमेंट का टीचर बन गया. वो फिल्मों में हंसाता है. प्यार करना सिखाता है. और हां नाचता है तो ऐसा कि आपके पैर भी थिरकने लगे. हल्की-फुल्की और बबलगम रोमांस टाइप फ़िल्में होती हैं. जो आपके स्ट्रेस को नहीं बढ़ातीं. बल्कि गुदगुदाती हैं. जब सिनेमाघर से बाहर निकलो तो ये न कह सको. क्या पकाऊ फिल्म थी. भले ही तारीफ़ न कर सको लेकिन ये ज़रूर कह दोगे सही थी.
जब-जब वरुण धवन की फिल्म को देखता हूं. तो गोविंदा बैकग्राउंड में चलने लगता है. चले भी क्यों नहीं वरुण बड़े भी तो गोविंदा की एक्टिंग देखकर ही हुए हैं. उनके पापा डेविड धवन ने गोविंदा को लेकर कई फ़िल्में बनाईं वरुण भी सेट पर पापा संग पहुंच जाते थे. इतना गोविंदा को देखा कि उनके फैन हो गए. और आज उनमे गोविंदा दिखता है तो मैं क्या करूं.'मैं तेरा हीरो' में जब वरुण धवन नाचते हुए अपनी छाती को फुदकाते हैं, तो गोविंदा के कई डांस स्टेप का मिक्चर ता ता थैया करने लग जाता है. ये वरुण के डांस का ही कमाल है जो गोविंदा की तरह मैंने लोगों को गांव की शादियों में वरुण के डांस को भी कॉपी करते हुए देखा.

ऑटो में जब गाना बजता है, 'तेरा ध्यान किधर' तो सच पूछो मुझे गांव का बैंड बाजा के साथ वो शख्स याद आता है, माइक लिए गाना गा रहा है. और बराती उस गाने पर सीने को फड़फड़ाने की कोशिश कर रहे होते हैं. और फिर गाना बदलता है. तो नज़ारा 'दिलवाले' फिल्म की तरह बराती इमोशन जगाने लगते हैं.
जब वरुण धवन एक्टिंग में एंट्री कर रहे थे तो सोचा जा रहा था डेविड धवन के बेटे हैं, उनकी फिल्मों की तरह एक ही फ्रेम में जम के रह जाएंगे. मगर बदलापुर फिल्म आई और सबको चौंका दिया. स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर, हंप्टी शर्मा की दुलहनिया, और मैं तेरा हीरो फिल्म वाला मसखरा लड़का एकदम से रौद्र रूप लेकर आ गया. यानी उस फ्रेम को तोड़ दिया जो लोगों ने उसके लिए डेविड धवन की वजह से तैयार करके रख लिया था. भले ही लोग वरुण धवन को किसी भी फ्रेम में रखें मगर उन्होंने अभी तक 9 फ़िल्में की और सभी हिट रहीं.

बदलापुर फिल्म के एक सीन में वरुण धवन.
फिल्म में करीब 18 साल से 40 साल का रघु मतलब वरुण धवन बदला लेना चाहता है. इस फिल्म में जब वो 40 साल के दिखते हैं तो भी क्यूट ही नजर आते हैं. फिर भी ये उनकी वो फिल्म है कि जब भी वरुण धवन की एक्टिंग की बात होगी तो बदलापुर का जिक्र ज़रूर होगा. क्योंकि वो अपनी रोमांटिक पर्सनैल्टी के बावजूद नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे एक्टर के मुकाबले तारीफ बटोर ले गए.
दिलवाले में शाहरुख थे. एक्टिंग के लिए संजय मिश्रा जैसे एक्टर थे. लेकिन फिर वरुण आते हैं. कहते हैं भैया संभाल लेना. आंख बंद करते हैं. हाथ फैलाते हैं. करने को वो शाहरुख की नक़ल कर रहे होते हैं, लेकिन ठीक उस एक मौके पर वो अपने हिस्से का सारा चार्म लूट ले जाते हैं. दिलवाले जैसी पिक्चर में भी इस सीन पर दर्शक सबसे ज्यादा ताली बजाते हैं.
https://www.youtube.com/watch?v=omcjTMv-LXQ
अगर वरुण धवन के लिए शॉर्ट में कुछ कहा जाए तो वो ऐसे एक्टर हैं जिनकी फिल्मों को आप जाइए बिना लोड लिए फिल्म देखिए, चाट पकौड़ी का मज़ा लीजिए. तफरीह कीजिए. और हैप्पी एंडिंग के साथ घर लौट आइये. मूड फ्रेश टाइप हीरो. टिकट का पैसा कतई वेस्ट न लगे.
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