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सचिन का पहला इंटरव्यू जो एक मशहूर एक्टर ने लिया था

15 साल के लड़के ने कहा था. मैं किसी बॉलर से नहीं डरता. आज दुनिया उसे क्रिकेट का भगवान कहती है.

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टॉम ऑल्टर ने सचिन को 1989 में इंटरव्यू किया था.
एक होता है आदमी और एक होता है इंस्टीट्यूशन. इलाहाबाद में कहते हैं 'इनवरसिटी.' तो गुरु सचिन तेंदुलकर जो हैं, हिंदुस्तान में क्रिकेट की 'इनवरसिटी' हैं. ये विराट सिराट उन्हीं को देखकर बल्ले की ग्रिप चढ़ाते थे. दीवाने इतने हैं कि ब्रिटिश एयरवेज की दैया मैया कर दी. मुहावरे में कहें तो ये वो मुल्क है मियां, जहां सचिन की पेशाब के चिराग रौशन होते हैं. आपने गौर किया? कि सचिन से मुलाकात के सपने के साथ आप उम्र का एक हिस्सा खर्च कर चुके हैं. बड़े बड़े लाहकट्ट पत्रकारों को सालों की मेहनत के बाद भी 'क्रिकेट के भगवान' का इंटरव्यू नहीं मिलता. लेकिन वो कहते हैं ना कि सब दिन होत न एक समाना. सालों पहले इसी तेंदुलकर का पहला वीडियो इंटरव्यू किया गया था और किसी ने उस पर तवज्जो नहीं दी थी.
दुनिया भर के खेल पत्रकार जितनी बार इसे देखते हैं, इसमें सचिन की शख्सियत के नए पहलू खोज लेते हैं. यह वो तेंदुलकर था, जो बोलने में दक्ष नहीं था. उसके पास आत्मविश्वास नहीं था, लेकिन आवाज की पाकीज़ा खराश अपने कच्चे रूप में मौजूद थी. वह मेहनत, तैयारी और इंतजार कर रहा था, क्रिकेटरों की 'बिग लीग' में सबसे ऊपर जाने का.
तारीख थी 19 जनवरी, 1989. सचिन तब 15 साल के थे. बॉलीवुड के इंडो-अमेरिकी एक्टर टॉम ऑल्टर ने मुंबई के हिंदू जिमखाना में सचिन से दो मिनट की बातचीत रिकॉर्ड की थी. टॉम ऑल्टर को लोग टीवी सीरियलों और फिल्मों में अंग्रेज का रोल करने वाले शख्स के रूप में जानते हैं. मगर टॉम उससे भी बढ़कर गालिब के किरदार को रंगमंच पर जिंदा करने वाले शख्स थे. टॉम कमाल के क्रिकेटर भी थे. बहरहाल, उनकी सचिन से हुई मुख्तसर बातचीत के एक-एक लफ्ज पर तीन दशक बाद भी दुनिया रुकती है. टूटी-फूटी अंग्रेजी में कहे गए सचिन के साधारण वाक्य दीवानों ने रट लिए हैं. यह बातचीत अंग्रेजी में हुई. हम हिंदी में उसे यहां दे रहे हैं: टॉम ऑल्टर: सचिन तुम अब इंटरव्यू देते-देते और लोगों के सवालों से थक चुके होगे? सचिन: नहीं मुझे लगता है कि ये सिर्फ शुरुआत है. ऑल्टर: अगर तुम वेस्टइंडीज जाने के लिए चुने गए, तुम इस बारे में खुश होगे या तुम कुछ साल इंतजार करना चाहते हो? सचिन: बिल्कुल मैं खुश होऊंगा. ऑल्टर: बहुत सारे लोग कहते हैं कि मार्शल और एंब्रोस बहुत तेज गेंदबाज हैं और इस उम्र में उनकी गेंदें फेस करने में दिक्कत आ सकती है. तुम्हें क्या लगता है? सचिन: नहीं मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी मार्शल को फेस करने में. ऑल्टर: तुम्हें तेज गेंदबाजों को खेलना ज्यादा पसंद है? सचिन: हां हमेशा मुझे तेज गेंदबाजों को खेलना पसंद है. ऑल्टर: इसकी वजह? सचिन: मुझे तेज गेंदबाजों को खेलना पसंद है क्योंकि गेंद सीधी बैट पर आती है. ऑल्टर: तुम अपने स्कूल मैचों में गेंदबाजी भी करते हो ना? सचिन: हां ऑल्टर: कौन सी गेंदबाजी? सचिन: सिर्फ मीडियम पेस ऑल्टर: रणजी ट्रॉफी में भी गेंदबाजी जारी रखना चाहोगे? सचिन: हां थोड़े समय के लिए मैं गेंदबाजी किया करूंगा. छोटे स्पेल में. ऑल्टर: CCI नेट प्रैक्टिस में कपिल देव ने भी तुम्हें गेंद फेंकी थी. कैसा रहा? सचिन: यह भी बहुत अच्छा रहा. ऑल्टर: उनके आउटस्विंग और इनस्विंग से कोई दिक्कत नहीं हुई? सचिन: नहीं मुझे कोई दिक्कत नहीं है. ऑल्टर: क्रिकेट का कौन सा फॉरमैट का गेम पसंद है? (वीडियो में यह सवाल मौजूद नहीं है) सचिन: नहीं मैं सारे गेम पसंद करता हूं. वनडे, थ्री इनिंग, 5 डे. ऑल्टर: क्या तुम हमेशा क्रिकेट प्लेयर बनना चाहते थे या किसी और खेल में भी हाथ आजमाया? सचिन (मीठी मुस्कान के साथ): नहीं बस क्रिकेट ही खेलना है. https://www.youtube.com/watch?v=CMG1PaR4Vy4 https://www.youtube.com/watch?v=8lGdKDg6l5k

ये आर्टिकल कुलदीप सरदार ने लिखा है.

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