रामू ने बेटी से कहा. रिश्ता रखना है तो पापा मत बोलना... अजीब लगा. जब पता चला. कि एक कामयाब बाप ने अपनी काबिल बेटी से क्या कहा. वह भी तब जब दोनों पांच साल बाद मिल रहे थे. बाप, रामगोपाल वर्मा. हिंदी और तेलुगु सिनेमा का सांड़ सा बेपरवाह डायरेक्टर. बेटी रेवथी. डॉक्टर.

जब रामगोपाल वर्मा का अपनी पत्नी रत्ना से तलाक हुआ, तब रेवथी 9 साल की थी. रामू को लगा कि अभी बात करने का वक्त नहीं. वक्त होता तो तलाक क्यों होता. फिर पांच बरस बाद रेवथी सामने थी. रामू बोले,
तुमने मेरे बारे में जो कुछ भी सुना है, मैं उससे भी ज्यादा बुरा इंसान हूं. बाप यहीं नहीं रुका. उसने बेटी से कहा.
मुझे पापा मत बोलना. ये शब्द मुझे बूढ़ा फील करवाएगा. अगर तुम्हें मेरे टच में रहना है, तो रामू बोलना होगा. चलते चलते एक और हिदायत दी गई.
मैं पैसों और संपर्कों के लेवल पर तुम्हारी पूरी हेल्प करूंगा. पर कभी तुम बीमार हुई तो देखने नहीं आऊंगा. क्योंकि मुझे बीमार लोग पसंद नहीं. बेटी जानती थी. बाप ऐसा ही है. उसने इतना ही कहा होगा. ओके रामू. फिर रामू और रेवथी बाप बेटी कम, बडी ज्यादा हो गए. रेवथी ने डॉक्टरी की पढ़ाई की. साथ में एक लड़का था. प्रणव. उससे शादी कर ली. शादी 15 अगस्त 2013 को थी. बेटी ने रामू से साफ कह दिया. नो फिल्मी धूमधड़ाका. रामू ने बहुत क्लोज लोगों को ही इनवाइट किया. उसके लिए भी कार्ड नहीं छपवाया. एक एसएमएस भेजा.
"Hey, finally even I couldn't escape this. My daughter's getting married on 15th at 8.45 pm. Please come if you feel like. Not to bless the couple, but to check what kind of a joker I will be looking". रामू होटल मैरियट के गेट पर मेहमानों को रिसीव करने के लिए खड़े हुए. मगर मंडप में नहीं गए. बाद में प्रणव और रेवथी को बुलाकर आशीर्वाद दिया. अजीब लगा. बाप रामू को यूं देखकर.
