नाम: संजय राजपूत
जगह. बुलढाना, महाराष्ट्र
संजय ने 1996 में CRPF जॉइन की. बुलढाना के मलकापुर गांव के रहने वाले थे. 115वीं बटालियन में हेड कांस्टेबल के पद पर थे. 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद उन्होंने पांच साल का एक्सटेंशन लिया था.

संजय के घरवालों ने CRPF और सरकार की तरफ से दी गई मदद पर संतोष जताया. साथ ही ये भी कहा कि मंत्रियों के किये हुए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं. आर्थिक दिक्कतें तो दूर हुई हैं, लेकिन बेटे की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता, परिवार वालों ने बताया. कहा, बेटे की कमी बहुत खलती है.
संजय के पिता ने बताया,
आज भी जब सुबह उठकर अपने शहीद बेटे की तस्वीर देखते हैं तो आंखों में आंसू आ जाते हैं. लगता है कि एक दिन संजय नजरों के सामने आकर खड़ा हो जाएगा.संजय के परिवार को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से 50 लाख रुपये मिले. CRPF की तरफ से भी मुआवजा दिया गया. संजय का बड़ा बेटा 13 वर्षीय जय राजपूत कक्षा 8वीं में है. 12 वर्षीय शुभम राजपूत कक्षा 7 वीं में पढ़ रहा है.
संजय की पत्नी ने बताया,
CRPF, महाराष्ट्र सरकार और NGO की तरफ से हमें मदद मिली है. रिलायंस फाउंडेशन ने शिक्षा की जो जिम्मेदारी ली है वह पूरी हो रही है. महसूल मंत्री संजय राठौर ने जो पांच एकड़ ज़मीन देने का वादा किया था वह अभी तक पूरा नही हुआ.परिवार वालों ने पुलवामा हमले की जांच में हो रही देरी पर दुख जताया. कहा कि सरकार ने जांच के मामले में हमें कोई भी रिपोर्ट या जानकारी नहीं दी है.
पुलवामा अटैक की पहली बरसी पर CRPF ने भी ट्वीट करके शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी. CRPF ने अपने ऑफ़िशियल हैंडल से ट्वीट किया,
तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोये नहीं, गर्व इतना था कि हम देर तक रोये नहीं’. हम भूले नहीं, हमने माफ नहीं किया. हम अपने भाइयों को सैल्यूट करते हैं, जिन्होंने देश की सेवा करते हुए पुलवामा में अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी. हम ऋणी हैं. उनके परिवार वालों के साथ हम खड़े हैं.
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