विपक्ष ने इस पूरे मामले में योगी सरकार पर निशाना साधा है. वहीं अभ्यर्थी भी नाराज हैं. हालांकि, यह कोई पहली बार नहीं हुआ है, जब अभ्यर्थियों को इस तरह से मायूस होना पड़ा हो. योगी सरकार के आने के बाद से अब तक बहुत सारी भर्तियां रद्द हो चुकी हैं. वहीं सरकार हर बार बस जांच की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेती है. PCS और पुलिस का एग्जाम रद्द तारीख 17 जून, 2016. उत्तर प्रदेश सरकार ने दरोगा, पीएसी प्लाटून कमांडर और फायर फायटिंग अधिकारी के 3307 पदों पर भर्ती निकाली थी. इसके लिए जुलाई 2017 में ऑनलाइन एग्जाम होना था. एग्जाम के पहले ही पेपर लीक हो गया. जिसके बाद ये एग्जाम रद्द कर दिया गया. इसी साल फिर से इसका एग्जाम हुआ. रिजल्ट आने में दो साल का समय लगा. आखिर में रिजल्ट को भी रद्द घोषित कर दिया गया. इसी तरह से स्वास्थ्य विभाग में भर्ती के लिए होने जा रहे एग्जाम को भी रद्द कर दिया गया.
वहीं साल 2018 में UPPSC की LT ग्रेड परीक्षा का हिंदी और सामाजिक विज्ञान का पेपर एग्जाम के एक दिन पहले लीक हो गया. लीक होने के तुरंत बाद PCS मेंस समेत कई परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं. बाद में इस मामले में 9 लोगों पर FIR भी दर्ज हुई. एक प्रिंटिंग प्रेस से ढेर सारे लीक पर्चे भी मिले.

एग्जाम सेंटर के बाहर एक अभ्यर्थी. (सांकेतिक फोटो- PTI)
इसी साल उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपरेशन UPPCL का भी पेपर लीक हो गया. ये परीक्षा ऑनलाइन होनी थी. पेपर लीक होते ही योगी सरकार ने एग्जाम को रद्द कर दिया. इस पूरे मामले में विद्युत सेवा आयोग के दो अधिकारियों को निलंबित किया गया. UP STF ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया और एग्जाम कराने वाली एजेंसी एपटेक को भी ब्लैक लिस्ट कर दिया गया. VDO एग्जाम में गड़बड़ी की बात! सितंबर 2018 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के ही नलकूप चालक चयन परीक्षा का पेपर लीक हो गया. जिसके बाद आयोग को ये परीक्षा भी रद्द करनी पड़ी. इस लीक की जांच भी UP STF को सौंपी गई. STF ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया. इस परीक्षा के तहत 3210 पदों पर भर्ती होनी थी. इसके लिए दो लाख से अधिक आवेदन आए थे.
इसी तरह साल 2019 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लोअर सबॉर्डिनेट परीक्षा पर भी विवाद हुआ. सरकार के मुताबिक, इस प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक होने के साक्ष्य मिले. जिसके बाद इसे रद्द कर दिया गया. इस एग्जाम के लिए लगभग 68 हजार आवेदन आए थे. वहीं 700 पदों पर भर्तियां होनी थीं.
मार्च 2021 में UPSSSC ने ग्रामीण विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी की भर्ती के लिए आयोजित हुई परीक्षा को दो साल बाद रद्द कर दिया. आयोग के मुताबिक, SIT जांच में पता चला कि परीक्षा के बाद OMR शीट में गड़बड़ी की गई थी. धांधली करने वाले लोग आयोग के स्कैनिंग रूम से कॉपी बाहर निकाल ले गए और उसमें उत्तर भरकर वापस रख गए. इस मामले में 11 लोग गिरफ्तार किए गए. इस परीक्षा का रिजल्ट देने के लिए अभ्यर्थी दो साल तक विरोध प्रदर्शन करते रहे. फिर जब रिजल्ट आने को हुआ तो परीक्षा ही रद्द हो गई.

VDO और VPO भर्ती के लिए विरोध प्रदर्शन करते अभ्यर्थी.
वहीं समाजावादी पार्टी के मुखिया और पूर्व सीएम अखिलेश यादव का कहना है,
पहली बार पेपर लीक नहीं हुए हैं. पहली बार ऐसी घटना उत्तर प्रदेश में नहीं हो रही है. जबसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है, लगातार आपने देखा होगा परीक्षा से पहले, बच्चे जब पहुंच जाते हैं जैसे तैसे इंतजाम करके, उसके बाद पता चलता है कि पेपर लीक हो गया. ये पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी उत्तर प्रदेश में पेपर लीक हो चुके हैं. पेपर लीक हुए हैं, निरस्त हुए हैं, पूरा का पूरा फॉर्मेट आउट हुआ है. SIT ने जांच की है. आखिरकार हर बार पेपर लीक हो, परीक्षा कैंसिल हो उसकी SIT जांच होती है आखिरकार SIT की जांच कौन करेगा कि वह सही से जांच कर रही है या नहीं या सरकार के इशारे पर सरकार के कुछ लोगों को बचा रही है. इस सरकार को नौकरी नहीं देनी है इसलिए इस तरह की ढील है और लगातार पेपर लीक हो रहे हैं.एग्जाम रद्द होने के अलावा भर्तियों में धांधली के आरोप भी लगे. 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में पुलिस ने पैसा लेकर पास कराने के आरोप में एक स्कूल संचालक समेत कई अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया. इसके अलावा कट ऑफ सवालों के गलत उत्तर को लेकर मामला कोर्ट पहुंचा. OBC वर्ग से आने वाले कई परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया कि उनकी सीट पर सामान्य वर्ग से आने वाले परीक्षार्थियों को नियुक्ति दे दी गई.
योगी सरकार पर जानबूझकर पूरे पद ना भरने के भी आरोप हैं. खासकर शिक्षकों की भर्ती के मामले में. सरकार खुद कई बार हलफनामा दाखिल कर बता चुकी है कि उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं. हालांकि, इनके लिए एग्जाम होते रहे हैं.
अगर आपको भी इन एग्जाम्स के अलावा किसी एग्जाम के बारे में ध्यान आ रहा हो जो रद्द हुए हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं