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'अच्छा खेलती हो तो क्या, तुम मोटी हो, सुअर हो'

इस लड़की ने ओलंपिक में देश के लिए सबसे अच्छा खेला. लेकिन लोगों ने उससे ये कहा.

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source-reuters
नीचे आप जिनको देख रहे हैं, वो अलेक्सा मोरेनो हैं. ये मेक्सिको की एक जिमनास्ट हैं. इस बार के ओलंपिक में ये मेक्सिको की तरफ से गई हैं. उन केटेगरी के लिए जिनमें मैक्सिको को कभी कोई सफलता नहीं मिली है. जैसे फ्लोर एक्सरसाइज, अनइवन बार, वॉल्ट और बीम. अलेक्सा 31वें स्थान पर रहीं. जो किसी भी मैक्सिकन लड़की के लिए सबसे अच्छी परफॉरमेंस रही है.
https://www.youtube.com/watch?v=aryNT5Ibb9U
बावजूद इसके, लोगों ने अलेक्सा का ट्विटर पर भद्दा मजाक उड़ाया. सिर्फ इसलिए, क्योंकि उनकी हाइट 4 फुट 11 इंच है. और वजन 45 किलो. आम शब्दों में 'नाटी' और 'मोटी'.
'जिमनास्टिक रूटीन के बाद अलेक्सा की एक तस्वीर.'
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'मैं तो अलेक्सा का मजाक भी नहीं उड़ा सकता. उनके पास तो स्मार्टफोन के नाम पर कैसिओ का कैलकुलेटर है.'
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'अलेक्सा एक फर्जी एथलीट हैं. उनपर पैसे लगाना पैसों की बर्बादी है.'
'मेरा सपना है एक हॉट डॉग खाने का कम्पटीशन जीतना है. - अलेक्सा मोरेनो'
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बॉडी शेमिंग, यानी शरीर की बनावट के आधार पर किसी की बेइज्जती करना एक ऐसी चीज है औरतें जिसका शिकार अक्सर होती आई हैं. औरत के अंदर कितना भी टैलेंट हो, उसे हमेशा उसके शारीरिक रूप में देखा जाता है. ये पहली बार नहीं है जब किसी औरत की बॉडी शेमिंग हुई हो. इंडिया में ही महिला एथलीट्स के साथ ऐसा हुआ है.

1. सानिया मिर्ज़ा

छोटी स्कर्ट पहनने के लिए धर्म के रखवालों को सानिया से परेशानी हुई. कहा गया, छोटे कपड़ों से मर्दों का ध्यान बंटता है. ये भी कहा गया कि अगर उन्होंने अपनी टांगें और सर ढंकने शुरू नहीं किए, तो उनके खेलने पर बैन लगा दिया जाएगा.पर सानिया ने खेलना नहीं छोड़ा. आज तक उनसे बच्चा कर सेटल हो जाने के सवाल पूछे जाते हैं. अपने टेनिस शॉट जैसे तेज जवाब देती हैं सानिया.

2. ज्वाला गुट्टा

ज्वाला के लिए कहा गया कि उन्हें स्पोर्ट्स छोड़कर हिरोइन बन जाना चाहिए. क्योंकि वो खिलाड़ी होने के हिसाब से कुछ ज्यादा ही सुंदर हैं. जवाब में ज्वाला ने कहा कि उन्हें ऐसे कमेंट से कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्हें मेकअप लगा कर निकलना पसंद है. उन्हें अच्छे से तैयार होकर बाहर जाना पसंद है. ये उनकी पर्सनल चॉइस है. इससे किसी को प्रॉब्लम हो तो इसमें वो कुछ नहीं कर सकतीं.

3. दुती चंद

इनको कहा गया कि ये बड़ी मर्दाना लगती हैं. क्योंकि इनका शरीर एथलेटिक लगता है. 2004 में इन्हें ये कहकर खेलने से बैन कर दिया गया कि इनके शरीर में 'टेस्टोस्टेरोन' ज्यादा है. दुती कोर्ट में गईं. जहां ये फैसला दिया गया कि किसी लड़की के टेस्टोस्टेरोन लेवल से उसे खेलने से नहीं रोका जा सकता.
ये तो कुछ उदाहरण है, पॉपुलर खिलाड़ियों के. रोज़ दोस्तों और पब्लिक जगहों पर कितनी सारी आम लड़कियों को बॉडी शेमिंग झेलनी पड़ती है. कभी वजन पर, कभी ब्रेस्ट के साइज पर कमेंट्स से लड़ना पड़ता है.
लेकिन ये एथलीट्स हर लड़की के लिए मिसाल हैं. कि वो किसी की परवाह न करें. अपने मन के कपड़े पहनें. अपने शरीर को लेकर शर्मिंदा न हों.

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