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2021 की पहली धमाकेदार फिल्म 'मास्टर', जिसे देखने के लिए फैन्स कुछ भी करने को तैयार हैं

जानिए 'मास्टर' की तमाम ख़ास बातें. साथ ही दोनों विजय की लाइफ स्टोरी भी.

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पहले 'मास्टर' के लिए तमिलनाडु के थिएटर्स को फुल कपैसिटी पर खोल दिया था. बाद में फ़ैसला बदलना पड़ा. फोटो - टीज़र
आसमान पटाखों से धुआं-धुआं हो जाएगा. हवा में सैंकड़ों रुमाल उछाले जाएंगे. सीटियों के शोरगुल में कोई और आवाज़ ना सुनाई देगी. सड़कों पर ऐसा चक्काजाम होगा कि कई मीलों तक पांव रखने की जगह नहीं होगी. एक साथ इतने कदम थिरकेंगे कि धरती कांप जाएगी.
आपको बता दें कि ये सब होने वाला है. आप पूछेंगे कब? जवाब है, 13 जनवरी. जब तमिल सिनेमा की मच अवेटेड फिल्म 'मास्टर' रिलीज़ होगी. बताएंगे इस फिल्म में ऐसा क्या खास है, फिल्म के सुपरस्टार्स थलपति विजय और विजय सेतुपति के लिए फैंस की दीवानगी के कारण, और ये फिल्म बना कौन रहा है?
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# विजय Vs विजय, पहली बार दो दिग्गज आमने-सामने थलपति विजय, वो नाम जिसके फिल्म से जुड़ने भर से कितने रेकॉर्ड्स टूटने वाले है, उसकी गिनती शुरू हो जाती है. तमिल सिनेमा में अगर विजय की चमक सूरज जैसी है तो उस सूरज के लिए एक चांद भी है. नाम है विजय सेतुपति. विजय सेतुपति ने अपने 10 साल से ज्यादा के करियर में दर्शक और क्रिटिक्स, दोनों का भरोसा जीता है.
Master Vijay And Sethupathi Face Off
तमिल सिनेमा के दो कद्दावर एक्टर्स - विजय और विजय सेतुपति.

दिलचस्प बात ये है कि फिल्म 'मास्टर' से ये दो दिग्गज पहली बार बड़ा पर्दा शेयर करने वाले हैं. वैसे तो फिल्म इसी साल अप्रैल में रिलीज होनी थी, पर कोरोना पैंडेमिक की वजह से टल गई. फैंस को निराशा तो हुई. हालांकि, मेकर्स ने वादा किया कि फिल्म थिएटर पर ही रिलीज़ करेंगे. और अब ऐसा ही हो रहा है. # सपनों का वो महल, जो अधूरा रह गया कहते हैं किसी भी सुपरस्टार की पहचान उसके फैंस से है. सच ही कहते हैं. हिन्दी भाषी फिल्मों के दर्शक, जो सच में सुपरस्टारडम के मायने समझना चाहते हैं, उन्हे विजय के फैंस को देखना चाहिए. जब भी उनकी फिल्म आने वाली होती है, उनके फैंस कुछ हटके करते हैं. कभी उनके जन्मदिन पर उनकी फिल्में रिलीज़ करवाते हैं, तो कभी नई फिल्म आने पर विजय के सबसे बड़े कट-आउट्स पूरे  शहर में लगाते हैं. पिछले साल भी ऐसा ही कुछ होना था. दरअसल, विजय का केरला फैन क्लब अपने 'थलपति' के लिए महल बनाना चाहता था. आप पूछेंगे कितना बड़ा? 70 फीट ऊंचा और 150 फीट चौड़ा. ये महल फिल्म 'मास्टर' के रिलीज से पहले पूरा किया जाना था, पर फिल्म रिलीज नहीं हो पाई और ना ही महल खड़ा हो पाया.
Vijay's Fans
विजय के फैंस के बीच उनका अलग ही क्रेज़ है. फोटो - ट्विटर

यूं तो विजय ने बतौर लीड अपना डैब्यू 1992 में आई फिल्म 'नालैया थीरपू' से किया, पर सिनेमा जगत में उनकी दस्तक पहले ही हो चुकी थी. चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर. 1984 में आई फिल्म 'वेट्री' से. इसे उनके पिता एस.ए. चंद्रशेखर ने बनाया था. 1988 तक उन्होंने अपने पिता की फिल्मों में चाइल्ड आर्टिस्टस के तौर पर काम किया. इसके बाद 1992 में अपने करियर की बागड़ोर अपने हाथों में थाम ली. फिर आलम ये हुआ कि तब से करीब 70 फिल्में दे चुके हैं. दिवाली हो या पोंगल, क्रिसमस हो या होली, विजय की फिल्म के बिना साल पूरा नही होता. पर पिछले साल ये स्ट्रीक टूटी. साल के अधिकांश महीने सिनेमा हॉल्स बंद रहे और साल की बड़ी रिलीज 'मास्टर' बड़े परदे पर नहीं आ पाई.
Vijay In Vetri As Child Actor
विजय का करियर चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर शुरू हुआ. फोटो - यूट्यूब

फिल्म का इतनी बेसब्री से इंतज़ार क्यूं हो रहा है, वो तो हमने आपको बता दिया. अब चलते हैं फिल्म के दो सबसे बड़े पहलूंओ की ओर - विजय और विजय सेतुपति. बताएंगे इनके करियर डिफाइनिंग मोमेंट्स, जिन्होंने इन्हे वो बनाया, जो बनने की कामना ना जाने कितने स्टार्स करते हैं. # "मैं सिर्फ रोमांटिक हीरो नहीं हूं" ऊपर बात हो चुकी है कि विजय ने अपना डैब्यू 1992 में आई 'नालैया थीरपू' से किया था. फिल्म में विजय ने कॉलेज स्टूडेंट का किरदार निभाया था. जो रोमांस और डांस के साथ-साथ, जरूरत पड़ने पर थोड़ी-बहुत मार-धाड़ भी करता है. ये फिल्म फ्लॉप रही. आगे भी विजय ने ऐसे ही किरदारों का सिलसिला जारी रखा. इसके बाद उनकी 'सेंधुरपांडी', 'रसिगन', 'देवा', 'कालममेल्लम कादीरुप्पेन', 'नेरुकु नेर' और 'प्रियमुदन' जैसी फिल्में आई, जिसमें उनके किरदारों की धुरी एक ऐसे लड़के पर घूम रही थी जो या तो लड़की को प्यार के लिए मनाना चाहता है या उसके घरवालों को. दर्शकों को विजय का रोमांटिक अवतार कुछ खास नहीं भाया, और नतीजतन ये फिल्में कुछ खास कमाल नहीं कर पाई.
Thirumalai Movie Still 1
'तिरुमलाई' से अपनी इमेज बदल के रख दी. फोटो - फाइल

फिर आया 2003. विजय अपनी रोमांटिक हीरो की इमेज से ऊब चुके थे. इसी साल आई उनकी फिल्म 'तिरुमलाई'. मुंह में सिगरेट दबाए, शर्ट के बटन खुले रखे, विजय ने इस फिल्म में 10-10 गुंडों से अकेले फाइट की. ऑडियंस को ये इतना अच्छा लगा कि दिवाली पे रिलीज हुई इस फिल्म को हिट करवा दिया. कहते हैं इसी फिल्म ने विजय के लिए एक्शन के दरवाजे खोले. 2004 में आई 'घिल्ली' विजय के लिए गेम चेंजर साबित हुई. मनोज बाजपेई, अर्जुन कपूर और सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म 'तेवर' इसी का रीमेक थी. और 'घिल्ली' खुद महेश बाबू की तेलुगु फिल्म 'ऑकडू' का रीमेक थी. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया. पुराने रिकार्ड तोड़े और नए बनाए. 50 करोड़ कमाने वाली ये पहली तमिल फिल्म बनी. इससे पहले 30 करोड़ की कमाई के साथ ये रिकार्ड रजनीकान्त की फिल्म 'पदायप्पा' के नाम था. फिल्म का जोश ऐसा रहा कि तमिलनाडु में ये 300 दिन तक चली. # नाम में क्या रखा है? नाम में क्या रखा है? इस कोट के नीचे शेक्सपियर तो अपना नाम डालकर चले गए, पर आपको बताते हैं कि इस कोट का थलपति विजय से क्या वास्ता है. पर इसके लिए थोड़ा पीछे चलते हैं. साल 2017. विजय की फिल्म 'मर्सल' आई. इसे एटली ने बनाया था, वही एटली जो विजय के साथ मिलकर 'थेरी' और 'बीगिल' जैसी सुपरहिट फिल्में दे चुके हैं. फिल्म के रिलीज होते ही बीजेपी ने इसपर आपत्ति उठा दी. दरअसल, फिल्म में विजय ने एक ऑनेस्ट डॉक्टर का किरदार निभाया है. एक सीन है जिसमे वो फूटकर रोने लगता है और अपना दुख जाहिर करते हुए कहता है कि जीएसटी देने के बावजूद भी हॉस्पिटल में पूरी सुविधा नहीं है. एक और डायलॉग आता है जहां वो कहता है कि, "मंदिर की जगह हॉस्पिटल बनने चाहिए."
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'मर्सल' के इस सीन में जीएसटी की आलोचना की थी, जिसपर बीजेपी नेता चिड़ गए. फोटो - यूट्यूब

बीजेपी नेता एच राजा ने विजय के वोटर कार्ड के साथ ट्वीट कर डाला. इसमे विजय का असली नाम था. जोसेफ विजय चंद्रशेखर. राजा ये दर्शाना चाह रहे थे कि विजय ईसाई हैं, इसलिए जीएसटी और डिजिटल इंडिया जैसी मुहिमो की निंदा करते हैं. पर इससे पहले राजा की बात तूल पकड़ती और सिचुएशन उनके हक में आती, विजय के फैंस ने उन्हे आड़े हाथों ले लिया. ट्विटर पे एकाएक #WeLoveJosephVijay और #MersalVSModi जैसे ट्वीट्स का तांता लग गया. इस फैन मूवमेंट ने ऐसा हड़कंप मचाया कि रजनीकान्त और कमल हसन जैसे सुपरस्टार्स भी फिल्म के सपोर्ट में आ गए. # एक फिल्म, जो ले आई बदलाव 2018 में विजय की एक फिल्म आई. नाम था 'सरकार'. इसके डायरेक्टर थे ए. आर. मुरुगदास. आप इन्हे आमिर खान की फिल्म 'ग़जनी' के निर्देशक के तौर पर जानते होंगे. 'सरकार' एक एनआरआई बिज़नेसमैन की कहानी है, जिसे पता चलता है कि उसकी गैर-मौजूदगी में उसका वोट कोई और यूज़ कर रहा है. वो इस बात की तह तक जाना चाहता है. इन्वेस्टिगेट करता है, तो समझ जाता है कि दाल ही काली है.
Election Commission Of India Section 49p Campaign
'सरकार' आने के बाद सेक्शन 49 पी पर जागरूकता बढ़ी. फोटो - ट्विटर

फिल्म में सेक्शन 49P पर खुलकर बात हुई है. फिल्म का कॉन्टेक्स्ट ध्यान में रखते हुए, ब्रीफ़ में आपको बताते हैं कि आखिर सेक्शन 49P है क्या? अगर मतदाता को पता चलता है कि उसका वोट किसी और ने डाल दिया है, तो सेक्शन 49P के तहत वो अपना वोट कैन्सल करवाके, फिर से डाल सकता है. फिल्म की रिलीज के बाद लोगों में सेक्शन 49  के बारे में जानने की इच्छा बढ़ी. और ऐसी बढ़ी की 'सेक्शन 49P' गूगल पर ट्रेंड करने लगा. इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया का ध्यान भी इसपर गया. लोकसभा इलेक्शन भी नज़दीक ही थे. उन्होंने इस मौके को यूज़ कर, सेक्शन 49P का जागरूकता के मकसद से जमकर प्रचार किया.
अब बात करते हैं फिल्म 'मास्टर' के दूसरे पहलू, यानि विजय सेतुपति की. जानते हैं उनकी लाइफ के वो मोमेंट्स, जिन्होंने उनकी मंजिल तय की. # जब कमल हासन की फिल्म से रिजेक्ट हुए विजय सेतुपति यानी तमिल न्यू वेव सिनेमा का प्रमुख चेहरा. '96', 'सुपर डीलक्स', 'विक्रम वेधा' जैसी शानदार फ़िल्में की है उन्होंने. '96' तो इतनी शानदार फिल्म है कि आपको सम्मोहन में बांध लेगी. तड़पाकर रख देगी.
Vijay Sethupathi In 96 Movie
विजय सेतुपति की फिल्म '96' की जितनी तारीफ हो, उतनी कम है. फोटो - यूट्यूब

विजय सेतुपति कभी ऐक्टर बनने के लिए भूखे नहीं सोये, ना ही उन्होंने प्लेटफॉर्म पे रात गुज़ारी. क्यूंकि वास्तविकता में उन्हे शुरू से कभी ऐक्टर बनना ही नहीं था. जाने अनजाने में विजय सेतुपति का सिनेमा से परिचय 16 साल की उम्र में हुआ. उनके शहर में एक फिल्म की शूटिंग थी. फिल्म थी कमल हसन की 'नम्मावार'. सेतुपति और उनके दोस्तों को एक छोटे से सीन के लिए लिया गया. मगर उनमें से भी सेतुपति को छोटे कद का बताकर रिजेक्ट कर दिया गया. # लोन चुकाने के लिए बने एक्टर अपने कॉलेज के दौरान विजय सेतुपति ने कई छोटी-मोटी नौकरियां कीं. जैसे रीटेल स्टोर में सेल्समैन, फास्ट फूड जॉइंट में कैशियर और फोन बूथ ऑपरेटर. परिवार पर एक बड़ा लोन था. 10 लाख रुपए का. छोटी मोटी जॉब्स से भी उनकी खास मदद नहीं हो पा रही थी. अच्छी सैलरी और अच्छी लाइफस्टाइल की तलाश उन्हे दुबई ले गई. वहां भी कुछ समय काम किया, और इंडिया लौट आए.
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थिएटर ग्रुप में अकाउंटेंट की जॉब ली, और एक्टर्स को देख-देख कर सीखा. फोटो - फेसबुक

एक दिन इत्तेफाक से मिले एक डायरेक्टर ने कह दिया कि तुम्हारा चेहरा तो बहुत फोटोजेनिक है. तबसे उन पर एक्टिंग का भूत चढ़ा. पर वो भ्रम में नहीं जी रहे थे. इस बात से परिचित थे कि एक्टिंग में पैसा तो बहुत है और अगर कोशिश की जाए तो लोन भी उतर जाएगा. पर उन्हे इस बात का पूरा एहसास था कि उन्हे एक्टिंग का ए भी नहीं मालूम. एक्टर बनने की इच्छा उन्हे तमिलनाडु के बड़े थिएटर ग्रुप के दरवाजे तक ले गई. ये ग्रुप एक्टिंग में वर्कशॉप्स ऑफर किया करता था. पर यहां भी किस्मत को कुछ और मंजूर था. सेतुपति को मालूम हुआ कि उन्होंने अपने एक्टिंग कोर्स बंद कर दिए हैं. थोड़ी सी जांच पड़ताल करने पर पता चला कि एक अकाउन्टन्ट के लिए जगह खाली है. बिना ज्यादा सोचे, उन्होंने वो जॉब ले ली. वहां आने वाले ऐक्टर्स को बारीकी से ऑब्ज़र्व  किया. उनके हाव-भाव का नोटिस लिया. जो सलाह उन ऐक्टर्स को दी जाती थी, उसे कान लगाकर सुना. और ये चीजें उनकी एक्टिंग की पहली क्लास बनी. # 'पिज़्ज़ा' ने बदला सब कुछ तमिल सिनेमा में एक प्यारी प्रथा है. अपने पसंदीदा सितारों को टाइटल्स से नवाजने की. कभी ये टाइटल फैंस देते हैं, तो कभी इंडस्ट्री के लोग. जैसे आपने सुना होगा, सुपरस्टार रजनीकान्त को थलाईवा यानि लीडर. वैसे ही सुपरस्टार विजय को थलपति कहा जाता है, जिसका अर्थ है 'लोगों का प्रतिनिधि'. विजय सेतुपति ने भी एक ऐसा टाइटल कमाया है. फैन्स प्यार से उन्हें 'मक्कल सेल्वन' बुलाते हैं. यानी जनता का खज़ाना.
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कम किरदारों में भी दमदार कहानी कैसे बनती है, 'पिज़्ज़ा' ने दिखाया. फोटो - पोस्टर

विजय सेतुपति ने हमेशा भीड़ से दूरी बनानी चाही. जब बाकी ऐक्टर्स हीरो सेंट्रिक फिल्में कर रहे थे, सेतुपति तब कंटेन्ट ड्रिवन फिल्मों में मशगूल थे. उनका फोकस क्लियर था. ऐसी फिल्में जिनकी कहानी दमदार हो, रोल चाहे बड़ा हो या छोटा, चलेगा. इसी कारण उन्होंने 'पुधुपेट्टई', 'दिशयुम', 'नान महान आला' और ऐसी अनेकों फिल्मों में माइनर रोल्स किए. इसके बाद आई 'थेनमेरुकू परुवाकाट्रू'. विजय सेतुपति की पहली मेजर फिल्म. पर उनके करियर के लिए चमत्कार इसके बाद आई फिल्म 'पिज़्ज़ा' ने किया. 'पिज़्ज़ा' के डायरेक्टर कार्तिक सुब्बाराज और सेतुपति ने इससे पहले 'थुरु' नाम की एक शॉर्ट फिल्म पर भी साथ काम किया था. ये वही कार्तिक सुब्बाराज हैं, जिन्होंने आगे चलकर रजनीकान्त की फिल्म 'पेट्टा' बनाई थी. नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई थी.
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आप 'पिज़्ज़ा' को डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर भी देख सकते हैं. फोटो - स्टिल

फिर से आते हैं 'पिज़्ज़ा' पर. 'पिज़्ज़ा' एक हॉरर फिल्म थी, पर टिपिकल हॉरर फिल्मों की छाया से कोसों दूर. बिना किसी मिर्च मसाले के बना ये 'पिज़्ज़ा' ऑडियंस को रास आ गया. इतना रास आया कि डेढ़ करोड़ की लागत में बनी ये फिल्म, चार गुना कमाई कर गई. ये विजय सेतुपति के लिए बड़ा इशारा था. इसके बाद उन्होंने अपने दिल पे हाथ रख फिल्में की, और नतीजा सबके सामने है.
फिल्म 'मास्टर' के दो सबसे बड़े फ़ैक्टर्स की भी बात कर ली. जान लिया कि उनमें ऐसा क्या है जो उन्हे औरों से जुदा करता है. अब बात करते हैं जहाज के कप्तान - यानि फिल्म के डायरेक्टर की. # किसने बनाई है Master? 'मास्टर' को लोकेश कनगराज ने बनाया है. पिछले साल एक फिल्म आई थी. नाम था 'कैथी'. फिल्म एक ऐसे कैदी की कहानी है, जो हाल ही में रिहा हुआ है. कुछ पुलिस वाले हैं, जिन्हे जहर दिया गया है. और अब उनको हॉस्पिटल पहुंचाने की जिम्मेदारी उसकी है. फिल्म एक रात की ही कहानी है कि कैसे वो वक्त और क्रिमिनल्स के साथ चेज़ कर हॉस्पिटल पहुंचता है. अपनी तेज तर्रार कहानी और झाम फाड़ एक्शन सीन्स की वजह से ये फिल्म खासी सराही गई. पॉपुलर इतनी हुई कि अजय देवगन के साथ हिन्दी रीमेक भी अनाउन्स कर दिया गया. 'कैथी' भी लोकेश कनगराज ने ही बनाई थी. 'कैथी' की सक्सेस के बाद 'मास्टर' में लोकेश कनगराज क्या जादू दिखाते हैं, ये देखने लायक होगा.
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'कैथी' को ऑडियंस और क्रिटिक्स, दोनों से बराबर सराहना मिली. फोटो - पोस्टर

फिल्म में विजय और विजय सेतुपति के अलावा मालविका मोहनन, अर्जुन दास, एंड्रिया जेरेमिआ और शांतनु भाग्यराज भी नजर आएंगे. फिल्म का फर्स्ट लुक 31 दिसम्बर, 2019 को रिलीज किया गया था. तभी से फैंस में फिल्म की कहानी जानने की उत्सुकता है. हालांकि, कहानी को दर्शकों के लिए सस्पेन्स ही रखा गया है. बस इतनी जानकारी दी गई है कि थलापति विजय एक कॉलेज प्रोफेसर का किरदार निभाएंगे, वहीं दूसरी ओर विजय सेतुपति एक लोकल गुंडे का. वो जो भी हो, ये देखने में मज़ा आएगा कि दो कद्दावर एक्टर्स की जुगलबंदी सिल्वरस्क्रीन पर क्या रंग जमाती है.
हिंदी ऑडियंस के लिए 'मास्टर' 14 जनवरी को रिलीज होगी.