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अग्नि-5 में MIRV टेक्नोलॉजी, न्यूक्लियर पावर में भारत की चुपचाप बढ़त, SIPRI रिपोर्ट से पाकिस्तान में हलचल

2025 की SIPRI रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया कि भारत के पास अब 180 परमाणु हथियार हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 170. ये आंकड़ा सिर्फ संख्या नहीं है, बल्कि ये एक संकेत है कि भारत अब सिर्फ़ "नो फर्स्ट यूज़" की नीति में भरोसा नहीं कर रहा, बल्कि "तेज़, सटीक और सुरक्षित जवाब" देने की पूरी तैयारी में है.

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अब 'No First Use' नहीं, 'Quick Response Strike' तैयार (फोटो- ANI)

कहानी एक पुराने पड़ोसी से शुरू होती है, जो हर गली के झगड़े में शर्ट उतारकर चिल्लाता था - "हमारे पास एटम बम है, हम सबको उड़ा देंगे!" वो पड़ोसी कोई और नहीं, पाकिस्तान है - जो सालों से हर कूटनीतिक तनाव में न्यूक्लियर धमकी देता आया है.

लेकिन अब वक्त बदल चुका है. भारत ने चुपचाप अपनी न्यूक्लियर पॉलिसी को सिर्फ कागज़ पर नहीं, जमीन पर भी मज़बूत कर लिया है. और इस बार इसका खुलासा खुद अंतरराष्ट्रीय संस्था SIPRI ने अपनी रिपोर्ट में कर दिया है.

SIPRI की रिपोर्ट: पाकिस्तान अब पीछे छूटा, भारत आगे निकला

2025 की SIPRI (Stockholm International Peace Research Institute) रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया कि भारत के पास अब 180 परमाणु हथियार हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 170.

ये आंकड़ा सिर्फ संख्या नहीं है, बल्कि ये एक संकेत है कि भारत अब सिर्फ़ "नो फर्स्ट यूज़" की नीति में भरोसा नहीं कर रहा, बल्कि "तेज़, सटीक और सुरक्षित जवाब" देने की पूरी तैयारी में है.

और यहीं से कहानी मोड़ लेती है क्योंकि संख्या तो एक पहलू है, असली कहानी तकनीक की है. और इसमें पाकिस्तान को सबसे बड़ा झटका लगा है.

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पाकिस्तान से ज्यादा है भारत का न्यूक्लियर जखीरा (प्रतीकात्मक फोटो- AP)
अब सिर्फ बम नहीं, भारत के पास 'कैनिस्टराइज्ड मिसाइलें' हैं - तुरंत फायर करने लायक

भारत अब ऐसी मिसाइलें बना चुका है जिनमें परमाणु वॉरहेड पहले से लोड किए जा सकते हैं. यानि शांति के समय भी, जब दुश्मन सो रहा हो - भारत के हथियार पूरी तरह से तैयार खड़े होते हैं. Agni-P और Agni-5 इसी नई पीढ़ी के मिसाइल सिस्टम का हिस्सा हैं.

यहीं पर पाकिस्तान की मुश्किल और बढ़ती है - क्योंकि जहां वो अभी भी “फिट-लोड-फायर” वाले पुराने सिस्टम पर काम कर रहा है, भारत अब “कैरी एंड शॉट” मोड में जा चुका है.

Agni मिसाइलों की नई पीढ़ी: एक ही वार, कई शहर तबाह कर सकती है

DRDO की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक भारत की Agni-5 मिसाइल में MIRV तकनीक लगाई जा चुकी है. MIRV मतलब - Multiple Independently Targetable Reentry Vehicles. इसका मतलब? एक ही मिसाइल से पांच वॉरहेड अलग-अलग शहरों पर एक साथ गिर सकते हैं.

इस टेक्नोलॉजी ने भारत को उन देशों की लीग में खड़ा कर दिया है, जिनके पास "डराने" के लिए हथियार नहीं, "निपटाने" के लिए सिस्टम है.

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अग्नि-5 की तकनीक के आगे दुश्मन बेबस (फोटो- ANI)
MIRV बनाम पारंपरिक मिसाइल: फर्क सिर्फ दूरी में नहीं, सोच में भी है

पाकिस्तान की मिसाइलें, जैसे शाहीन और नस्र, आज भी सिंगल वॉरहेड वाली हैं. उनका पूरा ध्यान है भारत के शहरों को एक-एक करके निशाना बनाना.
जबकि भारत अब एक मिसाइल से पांच शहरों को एकसाथ टारगेट करने की क्षमता रखता है.

यही अंतर SIPRI की रिपोर्ट को इतना अहम बना देता है - क्योंकि अब जंग सिर्फ ज़मीन या हवा की नहीं, दिमाग और रणनीति की भी है.

SIPRI की चेतावनी - जरा सी गलतफहमी, और न्यूक्लियर जंग छिड़ सकती है

SIPRI के रिसर्चर मैट कोरडा ने रिपोर्ट में साफ कहा -

भारत और पाकिस्तान जैसे देशों में न्यूक्लियर सिस्टम्स के कारण किसी भी झड़प में बढ़ने का खतरा है. एक मिसकम्युनिकेशन से जंग न्यूक्लियर मोड़ ले सकती है.

यही वजह है कि SIPRI की रिपोर्ट सिर्फ एक लिस्ट नहीं, एक वॉर्निंग बेल है - दोनों देशों के लिए.
भारत जहां ज़िम्मेदारी के साथ तकनीक को बढ़ा रहा है, वहीं पाकिस्तान को अब तय करना होगा कि वो धमकी देगा या रणनीति बनाएगा.

नंबरों में देखिए - कौन कहां खड़ा है (2025)
देशपरमाणु वॉरहेड्समिसाइल नामखास तकनीक
भारत180Agni-1 से Agni-5, K-15/4MIRV, Canister, Submarine-launched
पाकिस्तान170Shaheen-III, NASRConventional delivery only
अब डर धमकी से नहीं, डेटा से लगता है

पाकिस्तान भले अब भी न्यूज चैनलों पर चिल्ला-चिल्ला कर बोले - "हम न्यूक्लियर पावर हैं..." लेकिन भारत अब जवाब नहीं देता. क्योंकि जब आपके पास Agni-5 में MIRV हो, K-4 पनडुब्बी से निकले, और कैनिस्टर लोडेड हों... तो आपको कुछ कहने की जरूरत नहीं होती.

वीडियो: पाकिस्तान में न्यूक्लियर लीक की अटकलों के बीच रेडिएशन ढ़ूंढने वाला अमेरिकन विमान क्या कर रहा है?