30 जून, 2023 को जर्मन बॉडीबिल्डर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर जो लिंडनर (Joe Lindner Death) की मौत हो गई. उनकी उम्र सिर्फ 30 साल थी. वो मांसपेशियों की एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित थे. मगर मौत कैसे हुई इसे लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है. उनकी प्रेमिका का हालांकि कहना है कि ‘एन्यूरिज्म’ के चलते उनकी मौत हुई है.
30 साल के मशहूर बॉडीबिल्डर जो लिंडनर को पता था, उनकी जान जाने वाली है?
8 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स थे जो के, किस बीमारी से हुई मौत?

30 साल के जो, सोशल मीडिया पर 'Joesthetics' नाम से मशहूर थे. इन्स्टाग्राम पर उनके 8 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स थे. जो ने भारतीय एक्ट्रेस रश्मिका मंधाना के साथ पोगारु फिल्म में भी काम किया है. आजतक की एक खबर के मुताबिक, जो की मौत के बाद उनके दोस्त नोएल डेज़ेल ने कहा,
“आपकी आत्मा को शांति मिले जो. मैं अब भी आपके इंतजार में फ़ोन चेक करता हूं. ताकि हम जिम में मिल सकें.”
अंग्रेजी अखबार द सन की एक खबर के मुताबिक, बीती 1 जुलाई को जो की मौत के बारे में बताते हुए जो की साथी बॉडीबिल्डर और गर्लफ्रेंड निचा ने इन्स्टाग्राम पोस्ट में लिखा,
“कल एन्यूरिज्म से उनकी मौत हो गई. मैं कमरे में उसके साथ थी. उन्होंने मुझे वो हार पहनाया जो उन्होंने मेरे लिए बनाया था. हम दोनों साथ में थे. वो शाम 4 बजे नोएल से मिलने जिम जाने वाले थे. वो मेरी बांहों में थे. तीन दिन पहले से उन्होंने कहा था कि उनकी गर्दन में दर्द है. हम ये तब समझ पाए जब बहुत देर हो गई.”
बीते महीने जो ने यूट्यूबर ब्रैडली मार्टिन के पॉडकास्ट शो रॉटॉक के लिए इंटरव्यू देते वक़्त अपनी बीमारी के बारे में बताया था. उन्हें रिपलिंग मसल डिजीज (RMD) थी. जो को चिंता थी कि ज्यादा एक्सरसाइज करने से उन्हें हर्ट अटैक आ सकता है. इंटरव्यू में बात करते हुए उन्होंने कहा था,
“दिल भी एक मांसपेशी है, यही हमेशा मेरी सबसे बड़ी चिंता रही है. क्या होगा अगर मेरे दिल में क्रैम्प (मांसपेशी की ऐंठन) हो जाए? ये मुझे बहुत डराता है. इसीलिए मैं बॉडीबिल्डिंग कॉम्पिटीशन से बहुत दूर रहता हूं.”
अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग की एक एजेंसी नेशनल सेंटर ऑफ़ एडवांसिंग ट्रांसलेशनल साइंसेज के मुताबिक RMD एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी है. इस बीमारी में शरीर की सभी मांसपेशियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. मांसपेशियां किसी भी तरह के खिंचाव या दबाव को बर्दाश्त नहीं कर पातीं.
कैसे होती है ये बीमारी?मांसपेशियों की कोशिकाओं में केवियोलिन-3 नाम की एक प्रोटीन होती है. ये एक तरीके से जीन प्रोटीन है. इसमें म्यूटेशन (संरचना में बदलाव) होने के चलते कई तरह की मांसपेशियों की बीमारियां हो जाती हैं. मसलन- लिंब गिर्डल मस्कुलर डिस्ट्रोफी (LGMD), हाइपर सीकेमिया (HCK), डिस्टल मायोपैथी (DM) और रिपलिंग मसल डिजीज (RMD).
जो, RMD के शिकार थे.
इस बीमारी के लक्षण आमतौर पर बचपन या किशोरावस्था में सामने आते हैं. मांसपेशियों में अकड़न, मरोड़, झनझनाहट और दर्द रह सकता है. मांसपेशियों में कमजोरी भी महसूस हो सकती है. ठंडी जगह पर रहने से ये दिक्कतें और बढ़ सकती हैं. RMD के मरीजों को हाइपरट्रॉफी यानी कुछ मांसपेशियों में असामान्य वृद्धि की दिक्कत भी हो सकती है.
अमेरिका के नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के मुताबिक, किसी मरीज में एक साथ कार्डियक यानी दिल से जुड़ी दिक्कतों और मांसपेशियों की बीमारियों का होना आम बात नहीं है. लेकिन केवियोलिन-3 प्रोटीन यानी CAV-3 के म्यूटेशन के चलते दिल की बीमारियां हो सकती हैं.
निचा के बयान के मुताबिक, जो की मौत एन्यूरिज्म से हुई. इस बीमारी में रक्त नलिकाओं यानी धमनी और शिराओं की दीवारें कमजोर होकर फूल जाती हैं. और इनमें खून जमा होने लगता है. आमतौर पर एन्यूरिज्म, धमनियों (आर्टरीज) में होता है. इसके चलते दिल से खून के प्रवाह पर फर्क पड़ता है और दिल की धड़कन असामान्य तरीके से बढ़ जाती है. इसी बात का RMD के मरीज रहे जो को डर था. और उनका डर सही साबित हुआ.
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