पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 5 साल की बच्ची के 2018 के रेप और मर्डर केस की सुनवाई करते हुए भारतीय समाज में "राजा बेटा" वाली सोच पर कड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने दोषी की मां को बरी कर दिया, यह कहते हुए कि अपने बच्चे को बचाना IPC के तहत अपराध नहीं है, लेकिन इस रवैये को सामाजिक रूप से निंदनीय बताया. कोर्ट ने दोषी की मौत की सज़ा को भी 30 साल की कड़ी कैद में बदल दिया. कोर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सज़ा समाज और पीड़ित की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सही अनुपात में और संतुलित होनी चाहिए. क्या है पूरा फैसला, जानने के लिए देखें वीडियो.
'राजा बेटा' वाली सोच पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
कोर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सज़ा समाज और पीड़ित की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सही अनुपात में और संतुलित होनी चाहिए.
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