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'जेटली से मिला, एयरपोर्ट गया और फ्लाइट में बैठकर निकल गया' विजय माल्या ने बताया कि कैसे छोड़ा था देश?

ये पहला मौका नहीं है जब Vijay Mallya ने इस तरह का दावा किया है. लेकिन काफी सालों के बाद पहली बार उसने ऑनस्क्रीन खुलकर इस मामले पर बात की है.

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विजय माल्या ने कई दावे किए हैं. (फाइल फोटो: PTI)

भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) ने एक बार फिर से कई बड़े दावे किए हैं. उसने कहा है कि देश छोड़ने से पहले वो तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला था. माल्या का दावा है कि उसने जेटली से कहा था कि वो एक बैठक के लिए जेनेवा जा रहा है और वो वापस आएगा. लेकिन उसका पासपोर्ट निरस्त कर दिया गया जिसके कारण वो यात्रा ही नहीं कर सकता था. 

‘फिगरिंग आउट’ नाम के पॉडकास्ट में विजय माल्या से पूछा गया,

1 मार्च, 2016 को आप दिल्ली में थे. 2 मार्च को आप पार्लियामेंट गए और फिर देश छोड़ दिया. अगले दिन आपको सुप्रीम कोर्ट में पेश होना था. क्या ये सच है?

माल्या ने जवाब दिया,

नहीं, ये पूरी तरह गलत है. सुप्रीम कोर्ट की कोई सुनवाई नहीं थी. मुझे किसी कोर्ट ने समन नहीं किया था. एयरपोर्ट जाने से पहले, मैंने (तत्कालीन) वित्त मंत्री अरुण जेटली से कहा (मिला). इसके बाद मैं दिल्ली से लंदन के लिए निकला, (वहां से) FIA वर्ल्ड काउंसिल मीटिंग के लिए जेनेवा जाना था जो महीनों पहले से तय था.

‘अरुण जेटली को अपना बयान बदलना पड़ा’

विजय माल्या ने आगे कहा,

जब ये खबर मीडिया में आई तो तूफान आ गया. लोग अरुण जेटली के पास गए. उन्होंने इनकार कर दिया कि वो मुझसे मिले थे. एक कांग्रेस सांसद ने हमें देखा था, उसने मीडिया को इस बारे में बताया. फिर जेटली को अपना बयान बदलना पड़ा. फिर उन्होंने कहा कि हां मिला था, लेकिन चलते-चलते बहुत कम देर के लिए. मैंने कभी नहीं कहा मैं उनके ऑफिस गया था या उनके साथ चाय पी थी.

बैंकों के साथ सेटल करना चाहते थे माल्या?

भगोड़े कारोबारी ने आगे कहा,

मैंने बस इतना बताया था कि मैंने जेटली से कहा, ‘मैं जा रहा हूं, जेनेवा में, FIA वर्ल्ड काउंसिल मीटिंग के लिए. मैं वापस आउंगा. प्लीज बैंकों से कहिए कि मेरे साथ बैठे और सेटल करे.’ ये वाक्य कहने में कितना समय लगेगा? चलते-चलते बात हो सकती है न ये! पर उन्होंने (पहले) इनकार कर दिया और जब कांग्रेस सांसद का बयान आया तब उन्होंने भी अपनी बात बदल ली.

देश से भागना नहीं चाहते थे माल्या?

माल्या से पूछा गया कि क्या वो देश से भागना नहीं चाहते थे. इस पर उसका जवाब कुछ ऐसा था,

मैं 32 सालों से इंग्लैण्ड का स्थाई निवासी (परमानेंट रेजिडेंट) हूं. भारत में मुझे 180 दिन बिताने की ही अनुमति है. क्योंकि 1998 से मैंने नॉन-रेजिडेंट दर्जा बरकरार रखा है. इसलिए मैं बार-बार आता-जाता रहता था. जब मैं जेनेवा में पहले से तय एक मीटिंग में था, तब क्या हुआ? टीवी पर एंकर्स ने कहना शुरू किया कि विजय माल्य कैसे चला गया. कैसे गया! किसी आम इंसान की तरह जेट एयरवेज़ फ्लाइट पर… वो भी वित्त मंत्री को बताने के बाद कि मैं बैठक के लिए जा रहा हूं. पार्लियामेंट से एयरपोर्ट तक ड्राइव करके गया. 

'बिना पासपोर्ट मे यात्रा कैसे करता?'

उसने आगे कहा,

मैं अपने विदेशी सहयोगियों से बात कर रहा था, ताकि बैंकों को उनके पैसे दे सकूं. मैंने ED के समन का जवाब दिया कि मुझे कुछ समय चाहिए, मैं पैसों का इंतजाम कर रहा हूं. मैं CBI के सामने पेश हुआ हूं और ED के सामने भी पेश होउंगा. लेकिन उन्होंने क्या किया. उन्होंने मेरा पासपोर्ट रिवोक (निरस्त) कर दिया. अब मैं यात्रा कैसे करता? अगर ऐसा नहीं होता तो बहुत सारी चीजें अलग होतीं. लेकिन बिना पासपोर्ट आप कहां जा सकते हैं.

ये पहला मौका नहीं है जब माल्या ने इस तरह का दावा किया है. लेकिन काफी सालों के बाद पहली बार उसने ऑनस्क्रीन खुलकर इस मामले पर बात की है. 

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माल्या राज्यसभा सांसद भी रह चुका है. भारत में उस पर लगभग 9,000 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट के कई मामले चल रहे हैं. 5 जनवरी, 2019 को मुंबई की विशेष अदालत ने माल्या को 'भगोड़ा' घोषित कर दिया था. 11 जुलाई, 2022 को एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को अदालत की अवमानना के लिए चार महीने की जेल की सजा भी सुनाई थी.

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