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3000 रुपये से ज्यादा के UPI पेमेंट पर नहीं लगेगा चार्ज, सरकार ने सब साफ कर दिया

ऐसी अटकलें थीं कि सरकार UPI लेनदेन पर MDR चार्ज वसूलने की तैयारी कर रही है. MDR वो फीस होती है जो बैंक या पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर तब व्यापारी से वसूलते हैं, जब कोई ग्राहक व्यापारी को पेमेंट करता है.

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UPI से लेनदेन करने पर चार्ज नहीं लगेगा.

भारत में डिजिटल लेनदेन के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का काफी ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है. इसे लेकर 11 जून को ऐसी खबर आई जिसने UPI यूजर्स को चिंता में डाल दिया. कहा गया कि जल्दी ही 3,000 रुपये से ज्यादा के UPI लेनदेन पर चार्ज के रूप में MDR काटा जाएगा. लेकिन अब खबर है कि ये केवल अफवाह थी. वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि UPI लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) चार्ज करने की अटकलें बेबुनियाद हैं.

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दरअसल, कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सरकार UPI से 3000 रुपये से ऊपर के लेनदेन करने पर MDR चार्ज वसूलने की तैयारी कर रही है. इसी पर वित्त मंत्रालय ने सफाई दे दी है. मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर ऐसी अटकलों को खारिज कर दिया. उसने एक्स पर लिखा,

"UPI लेनदेन पर MDR (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) चार्ज किए जाने की अटकलें और दावे पूरी तरह से झूठे, निराधार और भ्रामक हैं. इस तरह की निराधार और सनसनी पैदा करने वाली अटकलें हमारे लोगों के बीच गैरजरूरी अनिश्चितता, डर और शक पैदा करती हैं. सरकार यूपीआई के जरिए डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है."

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मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी MDR वो फीस होती है जो बैंक या पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर तब व्यापारी से वसूलते हैं, जब कोई ग्राहक व्यापारी को पेमेंट करता है. फिलहाल, UPI पर Zero MDR Policy लागू है, यानी व्यापारी से कोई फीस नहीं ली जाती है. इसीलिए UPI लेनदेन पर कोई चार्ज नहीं लगता है.

इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में UPI से मई में 18.68 अरब ट्रांजैक्शन हुईं, जो अप्रैल में आई गिरावट से उबरने का संकेत है. अप्रैल में यह आंकड़ा 17.89 अरब था, जबकि मार्च में 18.30 अरब था. ऐसा पेमेंट सर्विस में हुई तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से हुआ था. मई में UPI से कुल लेनदेन की वैल्यू 25.14 लाख करोड़ रुपये रही, जो अप्रैल के 23.95 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है.

मई में साल दर साल (YoY) के मुकाबले 33 फीसदी का इजाफा हुआ, क्योंकि पिछले साल मई में 14.03 अरब UPI ट्रांजैक्शन हुए थे. मई में औसतन प्रति दिन 81,106 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ और हर दिन 60.2 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए.

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