दी लल्लनटॉप के रिपोर्टर सिद्धांत मोहन को पत्रकारिता के प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उन्होंने The Kerala Story फिल्म पर मचे हंगामे के बीच केरल जाकर ग्राउंड रिपोर्टिंग की थी. इसमें फिल्म में किए गए दावों की जमीनी हकीकत जानने का प्रयास किया गया था. बुधवार, 19 मार्च को दिल्ली के ओबेरॉय होटल में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस स्टोरी के लिए सिद्धांत मोहन को ये पुरस्कार दिया.
दी लल्लनटॉप के सिद्धांत मोहन को रामनाथ गोयनका पुरस्कार मिला, The Kerala Story पर की थी ग्राउंड रिपोर्ट
लल्लनटॉप के सिद्धांत मोहन को पुरस्कार देती राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू.

सिद्धांत मोहन डिजिटल पत्रकारिता में अपनी खोजी और संवेदनशील रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं. उनकी इस ग्राउंड रिपोर्ट को इस लिंक पर क्लिक करके देखा जा सकता है. इस रिपोर्ट में तथ्यों के साथ-साथ मानवीय पहलुओं को भी संवेदनशीलता के साथ पेश किया गया है.
रामनाथ गोयनका पुरस्कार प्राप्त इस स्टोरी में दो और लोगों की भूमिका है. दी लल्लनटॉप के पूर्व कैमरा जर्नलिस्ट मनोज कुमार ‘जेरी’ ने इसे शूट किया और वीडियो एडिटर गगन ने इसकी एडिटिंग की.
रामनाथ गोयनका फाउंडेशन द्वारा स्थापित ये पुरस्कार खोजी पत्रकारिता, खेल, राजनीति और सरकार, पुस्तकें, फीचर लेखन और क्षेत्रीय भाषाओं सहित 13 श्रेणियों में प्रिंट, डिजिटल और प्रसारण से जुड़े पत्रकारों के योगदान को मान्यता प्रदान करता है और उन्हें सम्मानित करता है.
ये इन पुरस्कारों का 19वां संस्करण है. इस बार की जुरी में पूर्व जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर सी राज कुमार, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पूर्व चांसलर प्रोफेसर केजी सुरेश, रोहिणी नीलेकणी फिलैंथ्रोपीज के सह-संस्थापक रोहिणी नीलेकणी और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉक्टर एसवाई कुरैशी शामिल थे.
सिद्धांत मोहन के अलावा आजतक की प्रिंट पत्रकार मृदुलिका झा को भी ये अवॉर्ड दिया गया है. मृदुलिका को ये पुरस्कार हरियाणा के गांवों से डंकी रूट के माध्यम से अमेरिका जाने वाले युवाओं से जुड़ी स्टोरी के लिए मिला है. इसमें उन्होेंने दिखाया है कि कैसे ये युवा डंकी रूट अपनाते हैं, और किन कठिनाइयों का सामना करते हैं.
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