उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और अपनी जनता पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम योगी मुस्लिमों की दुकान, घर, मस्जिद और मदरसों पर तोड़फोड़ करने वालों का साथ देते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 'जय श्रीराम' और 'जय बजंरगबली' जैसे धार्मिक नारे मस्जिद और मदरसों पर तोड़फोड़ करने का लाइसेंस बन चुके हैं.
'जय श्रीराम का नारा मस्जिद तोड़ने का लाइसेंस है'- स्वामी प्रसाद मौर्य का फिर बयान आया है
Swami Prasad Maurya ने दावा किया कि फतेहपुर में मकबरा तोड़ने के मामले में Jai Shri Ram के नारे लगाकर तोड़फोड़ करने वालों को क्लीन चिट दी गई, जबकि मुस्लिम लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई.


स्वामी प्रसाद मौर्य ने शनिवार, 1 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके समर्थक इन धार्मिक नारों का इस्तेमाल उन्माद फैलाने के लिए करते हैं. इसके लिए उन्होंने फतेहपुर में कथित मकबरा तोड़ने की घटना और अलीगढ़ में हिंदू युवकों का मंदिरों पर 'I Love Muhammad' लिखने के मामले का उदाहरण दिया.
उन्होंने कहा,
"आज धर्म के ठेकेदार, धर्म की दुहाई देकर आतंकवादी के रास्ते पर चल पड़े हैं. जय श्रीराम, जय बजरंगबली का नारा मुस्लिम समाज की दुकानों, घरों, ईदगाहों, मस्जिदों और मदरसों पर तोड़फोड़ का लाइसेंस बन गया है. मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) उनका साथ देते हैं. ऐसी घटना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए मुस्लिम समाज के घरों पर उनका बुलडोजर चलता है. मदरसों पर चलता है. मस्जिदों पर चलता है. स्वाभाविक रूप से ये बहुत दुखद है."
स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा,
"फतेहपुर के मकबरा तोड़ने में भी जय श्रीराम और जय बजंरगबली का नारा देकर फावड़े-कुदाल लेकर जिस तरीके से वहां तोड़फोड़ मचाई, उलटा मुस्लिम समाज के खिलाफ FIR दर्ज हुई. तोड़फोड़ करने वालों को क्लीन चिट मिली. अलीगढ़ में भी इसी तरह का मामला हुआ. हिंदू समाज के चार नौजवान मंदिरों में 'आई लव मोहम्मद' लिखकर हिंदू-मुस्लिम दंगा कराने की साजिश की थी. मुस्लिम समुदाय के निर्दोष लोगों को जेल भेजने की तैयारी थी. मैं अलीगढ़ के SSP (नीरज कुमार जादौन) और पुलिस-प्रशासन को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने समय रहते इस पूरी साजिश का पर्दाफाश किया... जिन लोगों ने मुस्लिम समाज को बदनाम करने के लिए ये साजिश की थी, ऐसे लोगों का चेहरा उजागर हुआ."
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भारतीय संविधान साफ तौर पर कहता है कि धर्म, पंथ संप्रदाय, लिंग, स्थान के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा. उन्होंने कहा,
"संविधान के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद BJP सरकार भेदभाव को रोकने के बजाए, खुद भेदभाव पर उतारू हो जाती है. मुख्यमंत्री जी (योगी आदित्यनाथ) स्वयं पार्टी बनकर एक धर्म और विशेष के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई करते हैं. हम समझते हैं ये मुख्यमंत्री की मर्यादा के विपरीत आचरण है."
पूर्व मंत्री ने बुलडोजर एक्शन पर भी निशाना साधा. उन्होंने सीएम योगी पर आरोप लगाते हुए कहा,
"खुद मुख्यमंत्री अराजकता के रास्ते पर चल रहे हैं. न्यायालय की उपेक्षा कर जो काम न्यायालय को करना चाहिए, न्यायालय की भी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अपने हाथों में जबरदस्ती लेकर निर्दोष लोगों के घरों को जमीदोंज करते हैं. मदरसों को ढहाते हैं. मस्जिदों में (बुलडोजर) चलाते हैं और यहां तक कि दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज के घरों पर भी ये बुलडोजर चलता है. लेकिन अगर BJP सुंरक्षित गुंडा, माफिया या अपराधी है, तो भूलकर भी उसके यहां बुलडोजर कभी नहीं जाता. अगर मुख्यमंत्री की बिरादरी का कोई अपराधी है, वो कितना भी बड़ा कुख्यात अपराधी क्यों ना हो... उसके घर पर भी बुलडोजर नहीं जाता."
स्वामी प्रसाद मौर्य इससे पहले भी अपने बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं. 20 अक्टूबर को दिवाली पर X पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने लक्ष्मी पूजा पर विवादित टिप्पणी की. उन्होंने X पर लिखा,
"धन की देवी लक्ष्मी से भला होता तो देश में 80 करोड़ लोगों को बदहाली, गरीबी, लाचारी-बेबसी की जिंदगी मात्र 5 किलोग्राम या 10 किलोग्राम चावल पर बितानी ना पड़ती. करोड़ों बेरोजगार नौजवानों को रोजी-रोटी के लाले ना पड़ते. दुनिया के गरीब देशों में भारत नहीं होता. आइए घर की असली लक्ष्मी को पहचानें और उनका सम्मान व पूजन करें."
वहीं, 22 जनवरी 2023 को एक टीवी इंटरव्यू में स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस और इसके लेखक गोस्वामी तुलसीदास पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, मौर्य ने कथित तौर पर कहा था, "करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते, यह सब बकवास है. तुलसीदास ने रामचरितमानस अपनी खुशी के लिए लिखा था."
इतना ही नहीं, उन्होंने सरकार से मांग की थी कि या तो किताब के आपत्तिजनक हिस्सों को हटाया जाए या फिर इस ग्रंथ पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए. इस मामले में उनके खिलाफ वाराणसी में FIR दर्ज की गई है.
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