एक दिन पहले ही विपक्ष ने मोदी सरकार से सीधा सवाल पूछा था. नया कानून ‘VB-G RAM G’ आने वाला है, मनरेगा खत्म हो चुका है, तो बीच के वक्त में मजदूरों का क्या होगा? लेकिन जब इस सवाल का जवाब देने का मौका आया, तो सरकार की तरफ से तस्वीर साफ नहीं हुई.
बीच का रास्ता कौन बताएगा? मनरेगा के बाद क्या, शिवराज तो बस फायदे गिनाते रहे
Shivraj Singh Chouhan ने MGNREGA कर्मचारियों को बताया कि राज्य सरकारों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि काम बिना किसी रुकावट के चलता रहे. लेकिन केंद्रीय मंत्री ने उस सवाल का साफ जवाब नहीं दिया, जिस पर बीते दिन विपक्ष ने सरकार को घेर लिया था.


ग्रामीण विकास से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति की सोमवार, 29 दिसंबर को बैठक हुई. 18 दिसंबर को संसद ने मनरेगा को निरस्त कर दिया था और इसके बाद यह समिति की पहली बैठक थी.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के सांसद रामशंकर राजभर ने मंत्रालय से पूछा कि मनरेगा खत्म होने और नए कानून के लागू होने के बीच अगर मजदूर काम मांगते हैं, तो सरकार क्या करेगी?
राजभर ने याद दिलाया कि मनरेगा एक मांग आधारित योजना रही है. यानी मजदूर काम मांगता है, तो सरकार उसे टाल नहीं सकती.
इस पर मंत्रालय की तरफ से जवाब आया कि राज्य सरकारों के साथ मिलकर यह देखा जाएगा कि कोई फर्जी मांग न उठे.
यहीं पर मामला अटक गया. समिति के अध्यक्ष कांग्रेस नेता सप्तगिरी उलाका और अन्य सदस्यों ने सवाल किया कि सरकार असली और फर्जी मांग में फर्क कैसे करेगी? करीब दो घंटे चली बैठक में इस सवाल का कोई साफ जवाब नहीं मिला.
ठीक एक दिन बाद, 30 दिसंबर को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मनरेगा कर्मचारियों के साथ एक बड़े स्तर पर इंटरैक्टिव सेशन किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर से लाखों कर्मचारी जुड़े.
इस सेशन का मकसद ‘VB-G RAM G’ कानून से जुड़े सवालों का जवाब देना था. मंत्री ने नए कानून की तारीफ की, उसके फायदे गिनाए और भरोसे की बातें कीं.
क्या बोले शिवराज सिंह चौहान?आजतक से जुड़े पीयूष मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकारों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि कर्मचारियों का काम बिना रुकावट चलता रहे. सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी और किसी को हटाया नहीं जाएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि नया कानून लागू करते वक्त केंद्र और राज्य मिलकर काम करेंगे, ताकि व्यवस्था में कोई दिक्कत न आए.
लेकिन असली सवाल अब भी कायममंत्री ने भरोसा तो दिया, लेकिन जिस सवाल पर विपक्ष सरकार को घेर रहा है, उस पर तस्वीर अब भी धुंधली है.
मनरेगा खत्म हो चुका है, नया कानून अभी लागू नहीं हुआ है. इस बीच अगर मजदूर काम मांगते हैं, तो सरकार उसे किस कानून के तहत, किस प्रक्रिया से पूरा करेगी?
नए कानून की तारीफ हो गई, भरोसे के शब्द भी आ गए, लेकिन बीच के इस गैप को कैसे भरा जाएगा, इस पर जवाब अब भी हवा में लटका है.
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