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सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क 'खुद मकान का अवैध हिस्सा गिराएं, वर्ना पूरा घर गिराया जाएगा'

जियाउर्रहमान बर्क के बिना नक्शा मकान बनाने के मामले में एसडीएम कोर्ट ने आखिरी फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने अवैध निर्माण को 30 दिन के अंदर गिराने को कहा है.

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जियाउर्रहमान बर्क मामले में कोर्ट ने फैसला सुना दिया (India Today)

सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के बिना नक्शा मकान बनाने वाले मामले में फैसला आ गया है. संभल की उपजिला मैजिस्ट्रेट की कोर्ट ने फाइनल आदेश जारी करते हुए बर्क से कहा है कि वह 30 दिनों के भीतर मकान का अवैध हिस्सा खुद हटा लें. ऐसा नहीं करने पर 30 दिन बाद उनके मकान पर प्रशासन का बुलडोजर चलेगा. इतना ही नहीं, कोर्ट ने बिना नक्शा पास कराए निर्माण कराने पर बर्क पर 1 लाख 35 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

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जियाउर्रहमान बर्क संभल की जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुए विवाद के दौरान चर्चा में आए थे. उन पर समुदाय विशेष के लोगों को भड़काने के आरोप लगे थे. इसी बीच, दावा किया गया कि संभल के दीपासराय में बर्क का मकान नियमों का उल्लंघन करके बनाया गया है. इसके लिए नक्शा पास नहीं कराया गया था. इस पर 5 दिसंबर 2024 को उपजिलाधिकारी वंदना मिश्रा ने बर्क को नोटिस जारी कर मकान के नक्शे संबंधित दस्तावेज पेश करने को कहा. 

इसके बाद से ही संभल की एसडीएम कोर्ट में इसे लेकर मुकदमा चल रहा था. मामले में बार-बार सुनवाई टलती रही थी. मंगलवार, 12 अगस्त को कोर्ट ने मामले में फाइनल डिसीजन देते हुए कहा कि 28 जुलाई 2025 को जियाउर्रहमान बर्क के पिता ममलूकुर्रहमान ने एक आवेदन देकर नक्शा पेश करने का आखिरी मौका मांगा था. ममलूकुर्रहमान और जियाउर्रहमान ने मिलकर 2 अगस्त 2025 को संशोधित नक्शा जमा किया था, जो नियमों के अनुसार था. इसे मंजूरी दी जाती है, लेकिन यह मंजूरी तभी लागू होगी जब वे 5707 रुपये का शुल्क जमा कराएंगे. 

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बूर्क के मामले में कोर्ट ने आखिरी फैसला सुना दिया है 

कोर्ट ने आगे कहा, 

दोनों प्रतिवादियों ने बिना नक्शा पास कराए मकान का निर्माण किया और काम बंद करने की सूचना भी समय पर नहीं दी. इसलिए उत्तर प्रदेश रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग्स ऑपरेशन अधिनियम, 1958 के तहत बर्क पर 10 हजार का जुर्माना और 5 दिसंबर 2024 (नोटिस जारी करने की तारीख) से 12 अगस्त 2025 (फैसले की तारीख) तक 250 दिनों के लिए 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 1 लाख 25 हजार का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाता है. कुल मिलाकर उन्हें 1 लाख 35 हजार का जुर्माना तुरंत जमा करना होगा.

कोर्ट के फैसले के मुताबिक, मकान के जिन हिस्सों का नक्शा पास नहीं हुआ है, उसे बर्क को खुद 30 दिनों के अंदर तोड़कर हटाना होगा. अगर इन शर्तों का पालन नहीं किया गया तो नक्शे की मंजूरी अपने आप रद्द हो जाएगी और पूरा निर्माण अवैध मानते हुए तुरंत तोड़ दिया जाएगा. तोड़ने का खर्च भी जमीन के मालिक से भू-राजस्व की तरह वसूला जाएगा.

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