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पिछले सब मायरे हुए 'हाय रे', राजस्थान की इस शादी में भरा गया 25 करोड़ रुपये का मायरा!

मायरा, राजस्थान की एक पुरानी परंपरा है. इसमें बहन के बच्चों की शादी के अवसर पर ननिहाल पक्ष की ओर से कई उपहार दिए जाते हैं. यह उपहार अक्सर नकदी, गहनों और कपड़ों के रूप में होते हैं. इसके जरिए बहन और उसके परिवार को 'सहयोग' दिया जाता है. हालांकि बीते कुछ सालों में मायरा एक कंपटीशन जैसा होता जा रहा है.

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राजस्थान में मायरे की रस्म के दौरान. (तस्वीर : इंडिया टुडे )

राजस्थान के मायरे की परंपरा एक बार फिर चर्चा में है. इस बार इतना रोकड़ा दिया गया है कि पिछले सारे मायरे वाले 'हाय रे' कहेंगे. खबर है कि नागौर जिले की एक शादी में 25 करोड़ रुपये का मायरा चढ़ाया गया है. इसमें डेढ़ करोड़ रुपये कैश, कई किलो सोने-चांदी के गहने, जमीन और पेट्रोल पंप तक दिया गया. साथ ही गांव के लगभग 500 परिवारों को चांदी के सिक्के और कैश भी दिए गए. अब इस मायरे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.

इंडिया टुडे से जुड़े हिमांशु की रिपोर्ट के मुताबिक, शादी बीती 4 मई को हुई. जहां रस्म अदायगी के लिए 100 गाड़ियों और 4 बसों को मिलाकर कुल 700 लोग पहुंचे. इस दौरान मायरे के चढ़ावे में चार सूटकेस में डेढ़ करोड़ रुपये कैश, सवा किलो सोना, 15 किलो चांदी, 209 बीघा जमीन, अजमेर में 1 प्लॉट, पेट्रोल पंप, शादी में आए 500 जाट परिवारों को एक-एक चांदी का सिक्का और अन्य लोगों को 100 रुपये कैश दिए गए.

रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे मायरे की रकम 21 से 25 करोड़ रुपये बताई जा रही है. मायरे को भात भी कहा जाता है, जिसे ननिहाल के लोग भरते हैं. बताया गया कि ये मायरा नागौरी के झाड़ेली गांव की रोटलिया फैमिली ने अपने भांजे श्रेयांश की शादी में भरा. श्रेयांश पेशे से एडवोकेट हैं. उनके मामा हनुमान पोटलिया और नाना भंवरलाल पोटलिया भी एडवोकेट हैं. भंवरलाल पहले प्रधान भी रहे हैं. 

उनके अलावा कर्नल रामचंद्र पोटरिया समेत पूरा रोटलिया परिवार भांजे की शादी में शामिल हुआ. शादी में BJP के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया और पूर्व महामंत्री जगदीश छाबा समारोह भी शामिल हुए.

क्या है मायरे की परंपरा?

मायरा, राजस्थान की एक पुरानी परंपरा है. इसमें बहन के बच्चों की शादी के अवसर पर ननिहाल पक्ष की ओर से कई उपहार दिए जाते हैं. यह उपहार अक्सर नकदी, गहनों और कपड़ों के रूप में होते हैं. इसके जरिए बहन और उसके परिवार को 'सहयोग' दिया जाता है. हालांकि बीते कुछ सालों में मायरा एक कंपटीशन जैसा होता जा रहा है. हर साल कोई अमीर ननिहाल अपनी बेटी के ससुराल वालों को करोड़ों का मायरा देकर सुर्खियां में आ जाता है.

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