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'भारत पर किसी ने आंख उठाई तो.., राष्ट्रीय एकता दिवस पर गुजरात से पाकिस्तान को संदेश

National Unity Day परेड में अर्धसैनिक बलों BSF, CRPF, CISF, ITBP और SSB ने परेड में हिस्सा लिया. साथ ही की राज्यों की Police और Indian Air Force की Suryakiran Aerobatic Team ने भी परेड में सहभागिता की. Gujarat Cadre की IPS Simran Bhardwaj ने PM Modi को Guard Of Honour दिया.

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एकता जिवस पर गुजरात के केवड़िया में बोलते पीएम मोदी (PHOTO- India Today/PTI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2025 को गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti) की 150वीं जयंती पर आयोजित समारोह में हिस्सा लिया. इस दिन को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' (National Unity Day) के नाम से जाना जाता है. इस मौके पर अर्धसैनिक बलों (Paramilitary Forces) की परेड और इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) के फ्लाई-पास्ट वहां मौजूद दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे. कार्यक्रम में पहुंचे पीएम मोदी को गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी सिमरन भारद्वाज (IPS Simran Bhardwaj) ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया.

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इस परेड में अर्धसैनिक बलों जैसे बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने हिस्सा लिया. साथ ही असम, त्रिपुरा, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, केरल, आंध्र प्रदेश की पुलिस ने हिस्सा लिया. इसके अलावा एनसीसी का दस्ता भी राष्ट्रीय एकता दिवस की परेड का हिस्सा बना. 

सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर हुई परेड में CRPF के पांच शौर्य चक्र विजेता और BSF के 16 वीरता पदक विजेता शामिल हुए. वहीं इंडियन एयरफोर्स की सूर्य किरण एरोबेटिक टीम के 9 जेट डायमंड फॉर्मेशन और यूनिटी फॉर्मेशन में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के ऊपर से गुजरे. खास बात ये थी कि ये एयरक्राफ्ट एक-दूसरे से सिर्फ 5 मीटर की दूरी पर थे. इस कार्यक्रम में पीएम ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित भी किया.

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नक्सलवाद, ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र

लौह पुरुष सरदार पटेल की विरासत को याद करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने अपना जीवन राष्ट्रीय एकता के निर्माण में समर्पित कर दिया. पटेल का मानना ​​था कि हमें इतिहास लिखने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए, बल्कि उसे रचना चाहिए, और उन्होंने भारत को एकजुट करके इतिहास रचा. इसके अलावा पीएम ने नक्सल मुक्त भारत और ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया. नक्सलवाद की घटनाओं में आई कमी पर बोलते हुए उन्होंने कहा,

2014 से पहले, नक्सली देश के बड़े हिस्सों में अपना राज चलाते थे. स्कूल, कॉलेज और हॉस्पिटल उड़ा दिए जाते थे, और एडमिनिस्ट्रेशन बेबस दिखता था. हमने शहरी नक्सलियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की, और आज नतीजे दिख रहे हैं. पहले 125 प्रभावित जिलों में से अब सिर्फ 11 बचे हैं, और नक्सलियों का दबदबा सिर्फ तीन जिलों तक सीमित है.

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इसके अलावा पीएम ने ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से बोलते हुए उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने एक साफ संदेश दिया है कि भारत दुश्मन के इलाके में घुसकर हमला कर सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा, 

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी दुनिया ने देखा कि अगर कोई भारत की तरफ आंख उठाकर देखने की हिम्मत करता है, तो भारत घर में घुसकर मारता है. आज पाकिस्तान और आतंकवाद के हैंडलर्स जानते हैं कि भारत की असली ताकत क्या है.

घुसपैठ को बताया ‘एकता के लिए खतरा’

अपने भाषण के दौरान पीएम ने घुसपैठ का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आज हमारे देश की एकता और अंदरूनी सुरक्षा को घुसपैठियों से गंभीर खतरा है. दशकों से, विदेशी घुसपैठिए हमारे देश में घुस रहे हैं, इसके संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं, और इसका डेमोग्राफिक बैलेंस बिगाड़ रहे हैं. दुर्भाग्य से, पिछली सरकारों ने इस गंभीर मुद्दे को नज़रअंदाज़ किया, और इस समस्या से आँखें फेर लीं. पीएम ने कहा,

वोट-बैंक की राजनीति के चक्कर में, उन्होंने जानबूझकर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया. पहली बार, देश ने इस चुनौती का सीधे सामना करने और अपनी अखंडता की रक्षा करने के लिए एक मजबूत और निर्णायक रुख अपनाया है.  मैंने लाल किले से डेमोग्राफी मिशन की घोषणा की थी. लेकिन आज, जब हम इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं, तो कुछ लोग अपने निजी स्वार्थों को राष्ट्रीय हित से ऊपर रख रहे हैं. ये लोग घुसपैठियों के लिए अधिकार सुरक्षित करने के लिए राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं.

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एकता दिवस की परेड के दौरान पीएम मोदी (PHOTO-India Today/PTI)

अपनी सरकार का पुराना रुख दोहराते हुए पीएम ने कहा कि हमें भारत में गैर-कानूनी तरीके से रह रहे हर घुसपैठिए को हटाने का संकल्प लेना होगा. पीएम मोदी ने पटेल के विविधता में एकता के संदेश को याद करते हुए अपना भाषण खत्म किया. उन्होंने कहा कि एक एकजुट भारत में, विचारों की विविधता का सम्मान किया जाना चाहिए. विचारों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन दिलों में मतभेद नहीं होने चाहिए.

वीडियो: लल्लनटॉप डॉक्यूमेंट्री: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

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