महाराष्ट्र में ‘गड्ढों में उतरे प्रशासन’ ने दो युवकों की जान ले ली. ये दोनों युवक रोजाना की तरह घर से काम के लिए निकले थे. शायद सोचा भी नहीं होगा कि वापस नहीं लौट पाएंगे. ऊपर से जान गंवाने की वजह रही, सड़क के गड्ढे. इनकी बाइक इन गड्ढों में फिसल गई, जिससे इनकी जान चली गई. इनमें से एक शख्स तो घर में इकलौता कमाई करने वाला था. इन घटनाओं ने स्थानीय लोगों में गुस्सा भर दिया है.
इस शहर के गड्ढों के चलते चली गई दो युवकों की जान, घरवालों ने जिला प्रशासन को दोषी ठहराया
Poor Road Condition Kills Two: घटनाएं महाराष्ट्र के दो अलग-अलग जिलों की है. दोनों इलाकों के स्थानीय लोगों का आरोप है कि शहर में विकास कार्यों के दावों के बावजूद सड़कों की हालत बेहद खराब बनी हुई है. उन्होंने लगातार हो रहे हादसों के लिए प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार बताया.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो अलग-अलग घटनाओं में इन युवकों ने अपनी जान गंवाई है. पहली घटना महाराष्ट्र के पालघर जिले की है. यहां के वाडा तालुका के पिख गांव के 19 साल स्मित हेमंत पाटिल की मंगलवार 16 सितंबर की सुबह टू व्हीलर पर अपने काम पर जाने के लिए निकले थे. जैसे ही वह वाडा-भिवंडी हाइवे पर पहुंचे तो सड़क पर मौजूद गड्ढे की वजह से उनका स्कूटर फिसल गया.
वह सड़क पर गिर गए. तभी पीछे से आ रहे ट्रेलर ने उन्हें कुचल दिया और उनकी मौत हो गई. पीछे चल रहे एक ट्रेलर के नीचे आने से मौत हो गई. हेमंत वसुरी में मौजूद एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे. वह अपने परिवार में कमाने वाले एकमात्र व्यक्ति थे. पुलिस ने वाडा पुलिस स्टेशन में एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट (ADR) दर्ज कर ली है. लेकिन यह कार्रवाई शायद उनके परिवार के दुख के आगे नाकाफी ही होगी.
वहीं दूसरा मामला नागपुर का है. 25 साल के महेंद्र फटिंग मंगलवार देर रात अपने टू व्हीलर से बाहर निकले थे. लेकिन डिप्टी सिग्नल अंडरपास के पास लंबे समय से अधूरे पड़े एक गड्ढे में उनकी बाइक पलट गई. आधी बनी सीमेंट की रोड से निकला एक सरिया उनके पेट में घुस गया. वह गंभीर रूप से घायल हो गए. काफी इंटरनल ब्लिडिंग हुई. बाद में उनकी मौत हो गई.
महेंद्र फटिंग बिल्डिंग मेटिरियल की दुकान में सुपरवाइजर के तौर पर काम करते थे. वह अपने छोटे भाइयों की पढ़ाई का खर्च भी उठा रहे थे. वह पूर्व पार्षद सरिता ईश्वर कावरे के भतीजे बताए जा रहे हैं. वहीं, इस मामले में भी लकड़गंज पुलिस ने नगर निगम ठेकेदार के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज किया है.
लोगों ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोपदोनों इलाकों के स्थानीय लोगों का आरोप है कि शहर में विकास कार्यों के दावों के बावजूद सड़कों की हालत बेहद खराब बनी हुई है. उन्होंने लगातार हो रहे हादसों के लिए प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार बताया.
पालघर के वाडा-भिवंडी हाइवे की बात करें तो यहां पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है. इसकी वजह से इस रास्ते पर लोगों को भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी तरफ नागपुर में डिप्टी सिग्नल अंडरपास का काम लगभग पांच सालों से अधूरा पड़ा है. बीते दिनों इस मुद्दे पर प्रशासन का ध्यान पड़े इसलिए लोगों ने गड्ढों पर मालाएं चढ़ाई थीं.
राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस ने भी इन गड्ढों की वजह से जान गंवाने वालों के लिए गड्ढों के पास एक स्पेशल प्रोग्राम आयोजित किया था. शरद पवार गुट वाली NCP की सांसद सुप्रिया सुले ने बारामती इलाके की सड़कों की तस्वीरें शेयर करते हुए सरकार को घेरा था.
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