'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. तभी तो उसने 7 से 8 मई की दरमियानी रात भारत के 15 शहरों पर हवाई हमले की नाकाम कोशिश की. इसके कुछ घंटों के बाद भारतीय सेना का मुंहतोड़ जवाब भी मिल गया. और इस जवाबी हमले में पाकिस्तान के उसके एयर डिफेंस सिस्टम की पोल खुल गई. हम बात कर रहे हैं पाकिस्तानी ‘HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम’ की जिसे उसने चीन से खरीदा था.
HQ9: पाकिस्तान का वो चीनी एयर डिफेंस सिस्टम जिसे भारतीय ड्रोन ने सुबह-सुबह उड़ा दिया
Pakistan ने जब चीन से HQ9P Air Defense System खरीदा, तो ISPR ने बड़े-बड़े दावे किए. लेकिन भारत ने इसी एयर डिफेंस सिस्टम को लाहौर में पूरी तरह तबाह कर दिया.

भारत की जवाबी कार्रवाई में लाहौर, कराची, रावलपिंडी और सियालकोट में HQ-9 समेत पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया गया. HQ-9 को पाकिस्तान ने चीन से 2021 में खरीदा था. चीन ने पाकिस्तान के लिए वैरिएंट बनाया उसे HQ-9/P नाम दिया. इसमें P का मतलब पाकिस्तान है. इस सिस्टम का पूरा नाम है- HongQi 9/P.
पाकिस्तानी सेना की मीडिया रिलेशन विंग, ISPR ने 14 अक्टूबर, 2021 को एक बयान जारी किया. जानकारी दी कि उन्होंने HQ-9 को अपने सैन्य हथियारों में शामिल कर लिया है. तत्कालीन पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष नरल कमर जावेद बाजवा ने सेना के एक कार्यक्रम में इसका प्रदर्शन किया. डिफेंस और सिक्योरिटी से जुड़ी जानकारी देने वाली वेबसाइट जेन्स के मुताबिक, ISPR ने कहा कि ये सिस्टम बॉर्डर पर मिसाइल हमलों से पाकिस्तान को बचाएगा.
ये भी दावा किया गया कि मिसाइल और विमान हमलों के मामले में, HQ-9/P की मारक क्षमता 100 किलोमीटर से ज्यादा की है. यानी कि ये सिस्टम 100 किलोमीटर से ज्यादा दूरी वाले टारगेट को निशाना बना सकता है. ISPR ने कहा कि एक ही शॉट में (सिंगल शॉट में) ये विमानों को गिरा सकता है.
जाहिर है ये सारी बातें चीन ने पाकिस्तान को कही थी, ताकि वो उसे बेच सके. चीन सफल रहा. HQ-9/P को पाकिस्तान ने जिस उद्देश्य से इसे खरीदा, वो कम से कम लाहौर में तो पूरा नहीं हो सका. प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत कहां. लेकिन फिर भी इसका प्रमाण मिला 8 मई की सुबह.
जिस HQ-9/P को पाकिस्तान ने हवाई हमले से सुरक्षा के लिए खरीदा था, भारत ने उसी सिस्टम पर हवाई हमला किया. HQ-9/P अपनी सुरक्षा नहीं कर पाया और भारत ने ड्रोन से हमला करके उसे तबाह कर दिया.
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चीन को अज्ञात देश से मिली तकनीकआर्मी रिकॉग्निशन नाम की वेबसाइट के मुताबिक, चीन ने 1980 के दशक की शुरुआत में इसे बनाना शुरू किया था. ये अमेरिकी 'पैट्रियट एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम' पर आधारित है. चीन को इसे विकसित करने की तकनीक किसी तीसरे देश से मिली थी. उस तीसरे देश की जानकारी पब्लिक डोमेन में नही है.
पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के मौके पर, 2009 में ये सबके सामने आया. चीन में सैन्य परेड के दौरान इसका प्रदर्शन किया गया था. पैट्रियट की तरह, HQ 9 एक 'ट्रैक-वाया-मिसाइल' (TVM) टर्मिनल गाइडेंस सिस्टम का उपयोग करता है. बाद में HQ9 के वैरिएंट बनाए गए.
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