उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को गिरफ्तार किया है. उमर को लखनऊ के दारुलशफा स्थित विधायक निवास से गिरफ्तार किया गया है. उनके खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में फर्जी दस्तावेज तैयार करने और धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज है.
मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी गिरफ्तार, मां के फर्जी साइन करने का है आरोप
Umar Ansari ने अपने पिता Mukhtar Ansari की जब्त संपत्ति को छुड़वाने के लिए कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. आरोप है कि याचिका के साथ जो डॉक्यूमेंट कोर्ट में पेश किया गया, उसमें उमर अंसारी ने अपनी मां अफशां अंसारी का फर्जी सिग्नेचर प्रस्तुत किया

उमर अंसारी की गिरफ्तारी अपनी मां अफशां अंसारी के फर्जी सिग्नेचर प्रस्तुत करने के मामले में हुई है. दरअसल उमर ने अपने पिता मुख्तार अंसारी की जब्त की हुई संपत्ति को छुड़ाने के लिए कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. आरोप है कि उसमें उन्होंने अपनी मां का फर्जी सिग्नेचर प्रस्तुत किया. बता दें कि अफशां अंसारी अभी फरार चल रही है और उन पर पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया है.
पुलिस की टीम उमर अंसारी को गिरफ्तार करके गाजीपुर लाई है. यहां कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस उनसे पूछताछ करेगी. उमर के बड़े भाई अब्बास अंसारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करके उमर अंसारी के गिरफ्तारी की जानकारी दी. पुलिस अधिकारियों की तरफ से इस संबंध में अभी कोई औपचारिक बयान नहीं आया है. लेकिन पुलिस 4 अगस्त को इस मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती है.
गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र में उमर अंसारी पर FIR दर्ज हुआ है. FIR के मुताबिक, उमर ने अपनी मां अफशां अंसारी के नाम से एक याचिका दायर की. जिसमें मुख्तार अंसारी की जब्त संपत्ति को मुक्त करने की मांग की गई. लेकिन याचिका के साथ लगाए गए डॉक्यूमेंट्स में सिग्नेचर संदिग्ध पाए गए. उमर के वकील लियाकत अली ने कोर्ट को बताया कि अफशां ने खुद साइन कर याचिका उमर के माध्यम से भेजी है.
जब सरकारी वकील ने जांच कराई तो पता चला कि याचिका पर जो सिग्नेचर थे, वो अफशां अंसारी के पहले के सिग्नेचर से बिल्कुल मेल नहीं खा रहे थे. इतना ही नहीं अफशां एक लाख की इनामी अभियुक्त है. गाजीपुर और मऊ की पुलिस ने उस पर 50-50 हजार का इनाम घोषित कर रखा है. उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी है. ऐसे में उसके द्वारा सीधे कोर्ट में याचिका दाखिल करना संदेह पैदा कर रहा था.
पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक, उमर अंसारी और उनके वकील ने कोर्ट को गुमराह करने के लिए सुनियोजित रणनीति के तहत ये काम किया. इस पूरे मामले में उमर अंसारी के साथ-साथ वकील लियाकत अली को भी नामजद किया गया है. उमर अंसारी पर BNS की धारा 319(2)(धोखाधड़ी), 318(4)(धोखाधड़ी के आधार पर संपत्ति हस्तांतरण), 338 (वसीयत की जालसाजी), 336(3)(गलत लाभ उठाने के लिए फर्जीवाड़ा), 340(2)(जानबूझकर जाली दस्तावेज का इस्तेमाल) के तहत FIR दर्ज हुआ है.
मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास पहले से ही जमानत पर जेल से बाहर हैं. हेट स्पीच के एक मामले में 2 साल की सजा होने के चलते उनकी विधायकी खत्म हो चुकी है. अब छोटे भाई उमर अंसारी पर भी कानूनी शिकंजा कसता नजर आ रहा है.
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