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MP के गांव में सियार ने ली 6 लोगों की जान? वन विभाग की बात नहीं मान रहे गांव के लोग

वन अधिकारियों ने बताया कि उन्हें सर्च ऑपरेशन के दौरान एक सूखे कुएं में सियार का शव मिला. DFO आशीष बंसोड़ ने बताया कि कुएं से मिला शव लगभग 25 दिन पुराना है. उन्होने आशंका जताई कि 5 मई की घटना के बाद गांव वालों ने ही जानवर को पकड़ा और उसके पीछे के पैर बांधकर कुएं में फेंक दिया होगा.

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बड़वानी में पीड़ित का इलाज करते डॉक्टर. (तस्वीर : इंडिया टुडे)

मध्य प्रदेश के बड़वानी में 5 मई को अज्ञात जानवर ने छह लोगों की जान ले ली थी. इस घटना के महीने भर बाद जंगल विभाग के अधिकारियों ने दावा किया कि अज्ञात जानवर सियार है. उन्हें गांव के एक सूखे कुंए में सियार की लाश भी मिली हैं. लेकिन स्थानीय लोग अभी भी इस बात को मानने से इंकार कर रहे हैं. ग्रामीण अभी भी रात में जानवर की तलाश मे गश्त लगा रहे हैं. वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने मृतकों के घरवालों को आठ लाख रुपये मुआवजे देने की घोषणा की है.

इंडिया टुडे से जुड़े जैद अहमद शेख की रिपोर्ट के मुताबिक, 5 मई की रात एक अज्ञात जानवर ने लिंबाई गांव के 18 लोगों पर हमला किया था. वन विभाग ने दावा किया कि सभी पीड़ितों को तत्काल एंटी-रेबीज वैक्सीन दी गई थी. लेकिन इसके बाद भी 23 मई से 2 जून के बीच 18 में से 6 लोगों की मौत हो गई. गुस्साए लोगों ने मार्च निकालकर इसका विरोध किया. लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर भी आरोप लगाये कि मौत के बाद से वे एक्टिव हुए.

इस बीच बुधवार चार जून की रात वन अधिकारियों को सर्च ऑपरेशन के दौरान एक सूखे कुएं में सियार का शव मिला. DFO आशीष बंसोड़ ने बताया कि कुएं से मिला शव लगभग 25 दिन पुराना है. उन्होने आशंका जताई कि 5 मई की घटना के बाद गांव वालों ने ही जानवर को पकड़ा और उसके पीछे के पैर बांधकर कुएं में फेंक दिया होगा.

DFO आशीष ने बताया कि उन्होंने तय नियमों के अनुसार सैंपल लेकर सियार का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. अब उसके सैंपल को जबलपुर के नानाजी देशमुख वेटनरी साइंस यूनिवर्सिटी को भेजा जाएगा ताकि सियार के रेबीज से संक्रमित होने का पता लगाया जा सके. अधिकारी लैब की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे.

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बड़बानी में वन्य अधिकारी सियार का अंतिम संस्कार करते हुए. (क्रेडिट - इंडिया टुडे)

जंगल विभाग के दावे के विपरीत गांव वाले शुरुआत से ही इसे लकड़बग्घा बता रहे हैं. घायलों का कहना था कि घबराहट और अंधेेरे की वजह से वे जानवर को नहीं पहचान सके. रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण अभी भी अपनी ओर से सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं.

बाड़वानी की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेखा जामरे ने बताया कि 

हमले में घायल 35 साल के एक व्यक्ति का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है. उनकी हालत स्थिर है. वहीं अन्य सभी पीड़ितों की भी निगरानी की जा रही है. रेबीज की पुष्टि के लिए मृतकों के सलाइवा और ब्रेन टिश्यू के सैंपल को पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) भेजा गया है.

इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने आशंका जताई है. उन्होंंने बताया कि एक अन्य मृतक व्यक्ति के सैंपल को दिल्ली भेजा गया है जिसकी रिपोर्ट का इंतजार है.

इस बीच CM डॉ. मोहन यादव ने मृतकों के परिवारों से फोन पर बात की और मदद का भरोसा दिया. राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 8 लाख रुपये मुआवजा देने को कहा है.

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