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'सावधान! आगे 90 डिग्री का विकास है', भोपाल का ये पुल विवादों में क्यों है?

जिस जगह पर ये Aishbagh Railway Overbridge बना है, वो घनी आबादी और बेतरतीब ट्रैफिक वाला इलाका है. इसलिए कम जगह में इस पुल को बनाया गया है. इसके डिजाइन को लेकर उठ रहे सवालों पर PWD मिनिस्टर की भी प्रतिक्रया आई है.

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लोगों ने आशंका जताई है कि भविष्य में इस खतरनाक मोड़ के कारण हादसे हो सकते हैं. (तस्वीर: इंडिया टुडे)
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रवीश पाल सिंह

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बना ऐशबाग रेलवे ओवर ब्रिज (MP 90 Degree Bridge) उद्घाटन से पहले ही विवादों में है. कारण है इसका खतरनाक मोड़. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस मामले को उठाया है. उन्होंने आशंका जताई है कि लगभग 90 डिग्री के इस मोड़ के कारण भविष्य में बड़े हादसे हो सकते हैं. मामले पर राज्य सरकार का भी बयान आया है.

18 करोड़ रुपये की लागत वाले इस ओवर ब्रिज को बनने में 8 साल का समय लगा है. अब इसके डिजाइन पर सवाल उठाया जा रहा है. क्योंकि वाहन चालकों को अचानक लगभग 90 डिग्री पर गाड़ी मोड़ने में दिक्कतें आ सकती हैं. मनीष चौधरी नाम के यूजर ने एक्स पर लिखा,

ये पुल न सिर्फ ट्रैफिक जाम का नया केंद्र बनेगा, बल्कि ये मोड़ बड़े हादसे को न्योता देगा. जो लोग इस पुल से रोज गुजरने वाले हैं, उनके लिए शुभकामनाएं ही दी जा सकती हैं. क्योंकि योजना बनाने वालों ने तो बस औपचारिकता पूरी की है, जिम्मेदारी नहीं.

एक अन्य यूजर ने लिखा,

मौत 90 डिग्री का कोण बना कर आएगी. डेवलपमेंट का ये एंगल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में निकल कर आया है. 18 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

MP 90 Degree Bridge
‘मौत 90 डिग्री का कोण बनाकर आएगी.’

एक यूजर ने व्यंग्य के अंदाज में लिखा,

सख्त हिदायत, ये टेक्नोलॉजी देश से बाहर नहीं जाना चाहिए. भोपाल के रेलवे ओवर ब्रिज में 88 डिग्री का टर्न, 18 करोड़ रुपए की लागत से बना है ये अद्भुत नमूना.

Bhopal 90 Degree Dridge
रेलवे ओवर ब्रिज को लेकर यूजर का तंज.

पूजा नाम की यूजर ने लिखा,

टेंपल रन (गेम) जैसा ओवर ब्रिज बना दिया. ये कारनामा मध्यप्रदेश की ट्रिपल इंजन सरकार ने किया है. 648 मीटर लंबा पुल, 18 करोड़ की लागत से बना है. कभी कहीं 90 डिग्री टर्न वाला ऐसा ओवर ब्रिज देखा है?

Madhya Pradesh 90 Degree Over Bridge
‘टेंपल रन गेम जैसे पुल.’

जिस जगह पर ये पुल बना है, वो घनी आबादी और बेतरतीब ट्रैफिक वाला इलाका है. इसलिए कम जगह में इस पुल को बनाया गया है. 

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PWD मंत्री ने क्या कहा?

पुल के डिजाइन को लेकर पत्रकारों ने PWD मिनिस्टर राकेश सिंह से सवाल किया था. उन्होंने कहा कि पुल बनने के बाद अचानक कुछ विशेषज्ञ सामने आकर इस तरह की बात करने लगे हैं. जबकि कोई भी पुल बनता है तो बहुत सारे तकनीकी पहलुओं का ध्यान रखा जाता है. मंत्री ने आगे कहा कि अगर इस तरह के आरोप लगे हैं तो इस मामले की जांच कराई जाएगी.

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